May 16, 2011

मेरा नमन हर्षिता को और उनके माता पिता को भी ।Harshita Bharech RIP




हर्षिता महज १७ साल में अपने लोगो को छोड़ कर पंचतत्व मे विलीन हो गयी । उनके जाने के बाद उनके माता पिता ने उनके organ donate कर दिये और उस दान से ७ व्यक्तियों को जीवन दान मिल गया । आज हर्षिता ७ जगह जीवित हैं ।
हर्षिता के बारे मे आप इस लिंक पर ज्यादा पढ़ सकते हैं
मेरा नमन हर्षिता को और उनके माता पिता को भी ।

16 comments:

  1. एक सुखद पहल, ऐसे माता पिता को कोटि कोटि धन्यवाद और हमें भी कुछ सीखना चाहिए. इस देह को भी मानवता के नाम कर दें तो हमारे शरीर की सार्थकता होगी.

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  2. ऐसे माता - पिता और हर्षिता को सौ -सौ बार नमन ! लिंक पर गया , पढ़ा ..दिल भर आया !

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  3. Dhany hain ese mata pita ...tyaag evam uchch vicharon ko mera naman hai ....

    RIP for Harshita.

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  4. ऐसे माता पिता को कोटि कोटि धन्यवाद

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  5. इस तरह अंग दान करके हर्षिता केवल सात जगह नहीं हजारों-लाखों हृदयों में जगह बना लेगी. जो भी सुनेगा हर्षिता की स्मृति को अपने हृदय में तुरंत स्थान देगा. जीवन दान सात को मिला है तो प्रेरणा लाखों को मिलेगी.

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  6. harshita aur uske maata pita ko mera naman...

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  7. कितना अच्छा हो कि हम सब हर्षिता के माता पिता को फालो कर सकें ...

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  8. प्रेरणादायी...... हर्षिता को नमन

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  9. harishta aur uske maata pita ko mera shat shat naman... such me bhut himmat kam hai..ek misal ke rup ye mata pita hai...

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  10. प्रेरक पोस्ट!
    शत-शत नमन!

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  11. सराहनीय काम किया हर्षिता के माता पिता ने हम सभी को उनसे सीखना चाहिए |

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  12. सराहनीय कार्य !

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  13. अंग-दान की प्रक्रिया क्या है? नेत्रदान की घोषणा कहां और कैसे की जाती है? अभी यह केवल चुनिन्दा महानगरों तक ही सीमित है. छोटे कस्बों में डोक्टर रुचि नहीं लेते.

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  14. हर्षिता के माता पिता ने जिस अद्भुत सोच को प्रदर्शित किया है वह स्तुत्य है. हर्षिता को खोना निःसंदेह दुखद है.फिर भी हर माता पिता को चाहिए की ऐसे अप्रत्याशित प्रसंग जीवन में आने पर संवेदना से अधिक समाज के प्रति जवाबदेही की उद्दाम सोच का अनुकरण करें. हर्षिता के माता -पिता का हृदय से अभिवादन. युवाओं को ही नहीं वरन सभी को नेत्र दान और देह दान के लिए आगे आना चाहिए.

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  15. देहान्त के बाद परिजन इतने दुखी हो जाते हैं कि किसी का ध्यान ऐसी पहलों पर जाता ही नहीं। कुछेक आध्यात्मिक मान्यताओं ने भी अंगदान की अवधारणा को नुकसान पहुंचाया है। ऐसी खबरें उस मिथक को तोड़ने में कारगर पहल हो सकती हैं।

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  16. सराहनीय कार्य

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