माफ़ करना अनामिका और सुषमा हमारे समाज मे आप कि समस्या का कोई हल किसी के पास नहीं हैं । कोई इन समस्या पर बात भी नहीं करना चाहता , हल बताना तो अलग ही बात होती । आप दोनों क्या करेगी पता नहीं बस आत्म हत्या ना करे क्युकी आप कि जिंदगी से ज्यादा जरुरी कुछ नहीं हैं । अपनी ताकत को जगाइये और अगर अलग होकर आप जी सकती हैं तो अपनी जिंदगी जी ले ये मेरा आग्रह हैं ।
हो सकता हैं लोगो ने सोचा हो ये कहानी हैं जो मैने ब्लॉग पर पोस्ट की हैं लेकिन ये आप दोनों का सच था पर एक चुप्पी व्याप्त हैं ।
असल में इन दोनों ही लोगों को प्रोफेसनल लोगों की जरुरत है प्रोफेसनल काउंसलर और वकील की हो सकता है हम जैसे लोग इन्हे जोस में कुछ ऐसी सलाह दे दे जिससे इनको फायदा कम पर आगे चल कर परेशानी ज्यादा हो इसलिए हमने सलाह न देना ही ठीक समझा | फिर दोनों लोगों के बच्चे काफी बड़े है जो इस बारे में अपनी माँ के साथ मिल कर कोई फैसला ले सकते है या फिर किसी प्रोफेसनल के पास जा सकते है |
ReplyDeleteAISA KUCH NAHI HAI RACHNA JI BINA KANUNI PAKSHON KI BAAT KIYE KOI BHI WOHI SALAAH DETA JO AAP ABHI DE RAHI HAI KI APNI JINDAGI APNI TARAH SE GUJAAR LO LEKIN YE SAB ITNA AASAN HAI KYA? AAP BHI JANTI HAI WAISE ANSHUMALA SE SAHMAT HU IN SAMASYAON KA TECHNICAL HAL ISI TARAH HI NIKALA JA SAKTA HAI
ReplyDeleteहमें कानून की जानकारी तो नहीं है पर हाँ अनामिका और सुषमा महिला आयोग या किसी एन.जी.ओ की मदद ले सकती है।
ReplyDeleteदुसरे की समस्या का समाधान दे देना इतना आसान नहीं होता कोंसिलर और एनजीओ जो समाधान सुझाते हें उनकी उपयोगिता समस्याग्रस्त व्यक्ति की मानसिक स्थिति और परिस्थितयों पर ज्यादा निर्भर होती है सबसे बड़ी बात अपना साहस ही सबसे बड़ा अवलंब है हमारे मन का समाधान दूसरा दे नहीं सकता हाँ इन चर्चाओं से कभी कभी राह सुलभ ओ जाती है चलना तो खुद ही पड़ता है. एकला चलो का आदर्श भीरु के लिए नहीं है नारी भीरु हो ही नहीं सकती बस साहस संजोने की देर है
ReplyDeletesahi kaah rajendra ji ne
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