मनु कि उम्र कैद कि सजा बरक़रार रखी गयी हैं और उम्र कैद का मतलब अब केवल १४ साल कि सजा नहीं हैं , जब तक उम्र हैं तब तक जेल हैं
जसिका लाल के परिवार को आज राहत हुई होगी कि कानून हैं ।
इस केस मे मीडिया का रोल बहुत सराहनीये रहा हैं और पब्लिक का साथ भी जसिका के परिवार के साथ ही रहा हैं हां जेठमलानी जैसे वकील जब मनु जैसे लोगो का साथ देते हैं तो अफ़सोस ही होता हैं और लगता हैं पैसा ही बहुत से लोगो का ईमान हैं ।
ईश्वर जेसिका की आत्मा को शान्ति दे
जस्टिस पी सदासिवम और स्वतंतर कुमार की खंडपीठ ने कानून के प्रति जो आस्था पुनर्जीवित की है उसे नमन है .... 11 वर्षों के बाद न्याय मिला तो ,पर रामजेठ मलानी जैसे वकीलों के बूते न्याय सचमुच अंधा हो जाता है कभी कभी । खैर देर से ही सही इस सुखद फैसले से भरी उमस मे बारिश के फुहार की अनुभूति हो रही है ॰
ReplyDeleteदेर आयद दुरुस्त आयद
ReplyDeleteder se hi sahi nyaay to mila, ramjethmalani jaise bahut se wakil nyaay ko andha karne me lage hai. iswar aise logon ke sath nyay karega.
ReplyDeleteआपके विचार अच्छे हैं पर दुखियारी आदि
ReplyDeleteशब्द जनरली यूज करना मुझे तर्कसंगत नहीं
लगा वैसे आप थोङा खुले नजरिये से देखे तो
अपनी दशा के लिये नारी पुरुषों की अपेक्षा
अधिक जिम्मेदार है . वैसे मैं आपको सलाह
दूँगा कि नारी पुरुष की द्रष्टि त्याग कर ये देखे
कि जीव मात्र का कल्याण कैसे हो सकता है
क्योंकि आत्मा न पुरुष है न नारी है
aapka kehna satya hai
ReplyDeleteराजीव कुमार कुलश्रेष्ठ
ReplyDeleteaap ke kament kaa is post sae kyaa lena dena haen samajh nahin aaya aagey sae dhyaan dae kament karnae sae pehlae