November 25, 2008

खरीद कर पुस्तके पढे और हिन्दी लेखिकाओं का उत्साह वर्धन करे

"इन्द्रधनुष के पीछे पीछे " आर । अनुराधा के अथक परिश्रम का परिणाम हैं । ये एक डायरी हैं एक कैंसर के मरीज की और ये मरीज ख़ुद अनुराधा हैं । उन्होने ना केवल कैंसर को जीता वरन उसको जीया और उस एक एक पल को इस तरह से लिखा हैं की पढ़ने वाला अगर किसी भी बीमारी का मरीज़ हैं तो एक सिपाही की तरह उस बिमारी से लड़ना सीखेगा और अगर कैंसर का मरीज हैं तो उसको इस पुस्तक मे अपनी बीमारी के इलाज से सम्बंधित बहुत सी जानकारी मिल जाती हैं । ये पुस्तक किसी भी हिन्दी प्रेमी पाठक की लाइब्रेरी मे जरुर होनी चाहिये । पेपर बेक का मूल्य हैं मात्र ६०/- रुपए और हार्ड बाउंड का १५०/- रुपए । किताब कुरिएर से भेजी जायेगी उसके पैसे आर्डर मिलने पर बता दिये जायेगे. ।

"साया" कविता संग्रह हाल मे प्रकाशित हुआ हैं और इस पुस्तक को बहुत ही सरल हिन्दी मे हैं । अहिन्दी भाषी भी इन कविताओं को बहुत आसानी समझ सकते हैं । पुस्तक का मूल्य १२० रुपए हैं । किताब कुरिएर से भेजी जायेगी उसके पैसे आर्डर मिलने पर बता दिये जायेगे
रेकी स्पर्श तरंग { वैकल्पिक चिकित्सा } पुस्तक बहुत ही सरल हिंदी मे है । पुस्तक की कीमत मात्र २०० रुपये है । किताब कुरिएर से भेजी जायेगी उसके पैसे आर्डर मिलने पर बता दिये जायेगे

किताबे केवल अग्रिम राशि भेजने पर ही भेजी जायेगी ।
तीनो किताबे एक साथ मंगाने पर १०% की छुट हैं ।
खरीद कर पुस्तके पढे और हिन्दी लेखिकाओं का उत्साह वर्धन करे

किताब खरीदने के इच्छुक कमेन्ट मे अपना संपर्क सूत्र दे और जिन्होने ये किताबे पढी हैं अपनी विवेचनात्मक टिपण्णी दे ।
धन्यवाद
रचना

1 comment:

  1. अनुराधाजी, मंजुलताजी और रजनी जी को बधाई अपनी कृतियों के लिए । शायद यह मंच केवल महिलाओं की रचनाओं को प्रोत्साहित करता है। महिला हो या प्रुरुष, अच्छे साहित्य का स्वागत होना ही चाहिए।

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