ये बात आंध्र प्रदेश के तेलंगाना प्रांत की है। जहाँ मेडक (medak)जिले के ८० गांवों की महिलाओं ने community media trust बैनर के अंतर्गत गत सोमवार (९.६.२००८ ) को multi media publication शुरू किया।इस मे ज्यादातर महिलायें ग्रामीण क्षेत्र की तथा अनपढ़ और दलित है पर उन्होंने कैमरे के जरिये अपनी बात लोगों तक पहुंचाई है।
नारासम्मा जो की एक दलित महिला है उनका कहना है कि पहले तो अमीर लोग उन्हें अपने घर और मंदिरों मे नही जाने देते थे पर अब वैसा नही है। पूरी ख़बर आप यहां पर पढ़ सकते है।
jaha chah waha raah,salam aisi nari sanghatan ko jo apne hiith aur dusaron ke hith ke liye sanghatit ho.
ReplyDeleteममता को बधाई इस पोस्ट को यहाँ डालने के लिये क्योकि ये हैं "नारी शक्ति का सफर नारी सशक्तिकरण तक " और आगे भी ना जाने कितनी महिलाए इस राह पर चलेगी ।
ReplyDeleteमहिला कमजोर नही हैं बस रास्ता दिखना चाहिए चलने का ममता जी शुक्रिया इस को बताने का
ReplyDeleteaisi motivating post ke liye dhanyawad.aapka blog sachmuch nari sashaktikaran ki disha me ek achha prayas hai.
ReplyDeletesadhuwad.