tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post9161693808380234375..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: प्रेम से ऊपर भी कुछ सत्य हैंरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-4669228387870819042010-09-25T03:34:36.114+05:302010-09-25T03:34:36.114+05:30शीर्षक ने जबरन उपस्थिति दर्ज करने को बाध्य कर दिया...शीर्षक ने जबरन उपस्थिति दर्ज करने को बाध्य कर दिया... आपने जिस भाव से पोस्ट लिखी उस भाव से सही भी हो लेकिन मेरा मन बस यही कहता है... ज़िन्दगी में बस प्रेम ही सत्य है...जिसके कारण मुसीबतें भी आसान हो जाती हैं...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-81333358273289376292010-09-04T17:56:08.151+05:302010-09-04T17:56:08.151+05:30Achhi charcha lagi... .. main to sirf itna hi kahu...Achhi charcha lagi... .. main to sirf itna hi kahungi ki prem ko ek seemit dayare mein nahi sameta jaa sakta hai.. yah sirf manushya matra tak se seemit nahi balki yah to sarvvyapi hai..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-90620443795148730032010-09-04T12:19:28.892+05:302010-09-04T12:19:28.892+05:30कन्धा प्रेम बिकुल सत्य जिसमे स्वार्थ हो ,दो बोल क्...कन्धा प्रेम बिकुल सत्य जिसमे स्वार्थ हो ,दो बोल क्या बोल लिए लगे प्रेम की बात करने आज हर कोई कुछ नया करने चला है प्रसिधी पाने के लिए शायद कन्धा प्रेम उसी की उपज है |<br />बाकि निर्मला जी की बात से सहमत<br />कभी कभी बरसो आप किसी से बात भी न करो और जब बात करो तो मन प्रेम विह्हल हो जाता है कंठ अवरुद्ध हो जाता है |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-1491341375272453802010-09-04T10:16:13.417+05:302010-09-04T10:16:13.417+05:30रचना जी बहुत बडा कमेन्ट दिया था मगर वो पब्लिश नही ...रचना जी बहुत बडा कमेन्ट दिया था मगर वो पब्लिश नही हो सका अब दोबारा इतना कुछ लिखने की हिम्मत नही दो शब्द कहूँगी कि प्रेम से उपर भी कुछ है तो त्याग है। डा महेश और शारदा जे से सहमत हूँ। प्रेम से ऊपर कुछ नही । एक चीज़ ही तो ऐसी है जो इस संसार मे सुन्दर और सुख देने वाली है। ये जरूरी नही कि जिस से आप प्रेम करें वो आपको मिले मगर एक अनुभूति कि कोई आपको चाहता है उम्रभर जीनी का सहारा होती है। जिसे हर कोई अनुभव नही कर सकता और ऐसा प्रेम सब के वश मे या तकदीर मे नही होता। बहुत कुछ नया विचार करने को मिलता है मगर सत्य वही लगता है जिसे हमने खुद भोगा या अनुभव किया हो। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-85284532614649565842010-09-04T08:09:55.147+05:302010-09-04T08:09:55.147+05:30नया शब्द है ...कन्धा प्रेम ...
मगर कही न कहीं सच भ...नया शब्द है ...कन्धा प्रेम ...<br />मगर कही न कहीं सच भी ....इक दूसरे के कंधे पर सर नहीं पैर रखकर चढ़ने की चाह ...<br /><br />कभी वहाँ भी टीपे जहां प्रतिदान नहीं दोस्ती का सच्चा प्रेम हैं ....:):)<br />एक व्यक्ति से बेवफाई से ज्यादा गंभीर गलती है पूरे देश से बेवफाई करना ...जिसमे करोडो का भविष्य दांव पर लगा है ...बहुत सही कहा आपने...!<br /><br />महेश सिन्हा जी से भी सहमत ..!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-77590625031978597212010-09-03T21:08:05.514+05:302010-09-03T21:08:05.514+05:30प्रेम अंतिम सत्य है लेकिन यह प्रेम वह नहीं जिसे आम...प्रेम अंतिम सत्य है लेकिन यह प्रेम वह नहीं जिसे आम रूप से जाना जाता है ।डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-92106294847994713042010-09-03T20:04:13.621+05:302010-09-03T20:04:13.621+05:30सच को साबित करना पडे तो वो सच नहीं हैं क़ानूनी साक्...<b>सच को साबित करना पडे तो वो सच नहीं हैं क़ानूनी साक्ष्य पर आधारित एक कानून कि प्रतिलिपि हैं । </b><br /><br /><br />माफ कीजियेगा मैं उपरोक्त बात से सहमत नहीं हूँ, अगर कोई हम पर झूठा आरोप लगाए तो हमें दूसरों को उस झूठ के कारण भ्रमित होने से अपने सत्य को तो साबित करना ही पड़ेगा ,अब हमारे द्वारा उसे साक्ष्यों के द्वारा साबित करने से और उस व्यक्ति के झूठ का पर्दाफाश करने से सच ,सच कैसे नहीं रहा ???<br /><br />पोस्ट के बाकी अंशों से सहमत हूँ <br /><br />महकMahakhttps://www.blogger.com/profile/11844015265293418272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60216684906720852262010-09-03T17:44:24.826+05:302010-09-03T17:44:24.826+05:30.@--What makes infidelity so painful is the fact t....@--What makes infidelity so painful is the fact that it involves someone deliberately using deception to violate established expectations within a relationship....<br /><br />I second your thoughts . <br /><br />Nice post !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78566121318177607982010-09-03T16:28:23.191+05:302010-09-03T16:28:23.191+05:30बहुत सारी बातें मन में आयीं आपकी इस बात पर...पर सब...बहुत सारी बातें मन में आयीं आपकी इस बात पर...पर सब नहीं,कुछ रखती हूँ आपके सामने...<br /><br />कन्धा प्रेम की बात आपने खूब कही. दुनियाँ के आगे बढ़ने का सबूत है यह कन्धा प्रेम. पिछड़ी दुनियाँ में तो अँधा प्रेम होता था.अब समय कंधे प्रेम का ही है..<br /><br />भाई जगजीत सिंह जी ने गा क्या दिया ... "न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन" और भाई बहिन लोग इस पंक्ति को शाब्दिक रूप में पकड़ कर चल दिए...<br />घोर चिंता हो रही है कि यदि तीन पीढी एक साथ पकड़ कर निकल लेंगे इस वाक्य को तो फिर सीन क्या रहेगा.. प्रेम का आर्कुटी और फेसबूकी संस्करण युग को कहाँ ले जाकर पहुंचाएगा ...समझ नहीं पड़ रहा...<br /><br /><br />यूँ मेरे भी एक प्रेमी हैं,पिछले तेईस वर्ष से.....हमेशा लट्ठ लेकर मेरे पीछे पड़े रहते हैं कि जो भी बुरा हुआ उसमे अच्छा देखो...देखो जरूर मिलेगा सीखने समझने लायक कुछ ... और तब लगेगा कि अरे यह तो बड़ा अच्छा हुआ...<br />अब चूँकि उनके साथ रहते आदत सी पड़ गयी है इस प्रयोग की तो इस बार भी कर डाली....और सच कहूँ,मुझे सचमुच बड़ा अच्छा लग रहा है.. मुझे ऐसे लोगों से भय लगता है जिनकी प्रवृत्ति सहज ही जानने में नहीं आती, ऐसे लोग तो प्रणम्य होते हैं जो निःसंकोच अपने आचार विचार खोलकर दुनिया के सामने रख देते हैं...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-16687986986168927072010-09-03T15:48:48.957+05:302010-09-03T15:48:48.957+05:30नारी ब्लॉग पर नारी अपनी बात तो कहेगी ही , कहीं कोई...नारी ब्लॉग पर नारी अपनी बात तो कहेगी ही , कहीं कोई दंश आपको झेलना पडा है , ये तो इस पोस्ट से साफ़ है । कहते हैं अडोलीसेंस में तो आकर्षण नॉर्मल होता है पर बढ़ती उम्र में अगर हम प्रेम का सही मतलब न समझ पायें तो विडंबना है , प्रेम तो मर्यादा के अन्दर दूसरे का हित रखना सिखाता है , वरना हम सदा भटकते ही रहेंगे ।शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.com