tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post9148014581363984696..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: जेंडर बायस ना फैलाये हिन्दी ब्लॉग जगत मे अलबेला खत्री जी क्युकी हमने इसको दूर करने के लिये बहुत परिश्रम किया हैंरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-90599721745325267482009-08-05T19:17:33.695+05:302009-08-05T19:17:33.695+05:30bahut acha blog banaya hai aapne iske liye aapko b...bahut acha blog banaya hai aapne iske liye aapko badut dhnyabad deta hu.<br /><br />mera blog bhi dekhiye. http://devdlove.blogspot.com<br />http://saptkund.blogspot.com<br /><br />Dhnyabad.devhttp://devdlove.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-59807076228239506012009-08-03T22:14:07.780+05:302009-08-03T22:14:07.780+05:30मै वो पोस्ट नहीं पढ़ पायी लेकिन आप सबकी टिप्पणियो स...मै वो पोस्ट नहीं पढ़ पायी लेकिन आप सबकी टिप्पणियो से इससे अवगत हुई समझ में नही आता इतने अच्छे हास्य कलाकार की लेखनी इतनी अशोभनीय और संकीर्ण क्यो हो गई? अभिव्यक्ती सुंदर सहज और मन को अभिभूत करे तभी उसका महत्व है।वरना अपने अंह को प्रकट करने के तुच्छ विचार है बस ऐसे में मेरी भी आपत्ति है हां ये अच्छा हुआ उन्होने अपनी वो पोस्ट हटा ली।जीवन सफ़रhttp://jivansafar.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-32942736700039831702009-07-31T15:06:05.202+05:302009-07-31T15:06:05.202+05:30हिंदी हास्य कवि अलबेला खत्रीजी
आपके ब्लॉग के लेख...हिंदी हास्य कवि अलबेला खत्रीजी <br />आपके ब्लॉग के लेख पर पाठिकाओं-पाठकों को गंभीर आपत्ति. आपकी स्पष्ट स्वीकारोक्ति. ब्लॉगपोस्ट का हटाना.<br />तत्पश्चात अनुचित वक्तव्य पर बिना किसी खेद के महिमामंडन. क्या हो गया है हमारी सभ्यता को ?<br />जानते हुए भी कि लेखन तो व्यक्तित्व का आइना होता है जो उसके अंतस को प्रगट करता है.<br />सदैव समाज व देश को हास्य कविताओं द्वारा हंसाने वाले सज्जन ने अचानक जख्म देना क्यों शुरू कर दिया ?<br />जिसके मन आंगन में सुंदर-सुरभित फूल खिलते रहे वो इतनी सारी चुभन दे दे. <br />सहज विश्वास नहीं होता.<br />आपकी प्रोफाइल से परिचित हुई. समाज व देश के प्रसिद्ध(सेलेब्रेटी) व्यक्ति अपनी शालीनता को सहेजकर रखेगे तो ज्यादा हितकर होगा ,बिना किसी से तुलना किये कि कौन क्या कह या कर रहा है. दुनिया में क्या हो रहा है उसका विरोध जताने के लिए अच्छी भाषा या सुसंस्कृत शब्दों की हमारे हिंदी शब्दकोश में कोई कमी नहीं फिर किन्ही भी परिस्थितियों में हम अपना धीरज न खोएं. क्या कारण रहे जो आप यूँ अशोभनीय-अपठनीय-अभद्र भाषित शब्दों के लिए बाध्य हुए. <br />हमें नहीं जानना है .<br />स्वयं आप ही चिंतन मनन करें. <br />विचारणीय है सुसंस्कृत सुसभ्य समाज में एक साथ रहते हुए भी कभी-कभी हम इतने अजनबी क्यों बन जाते हैं कि एक-दूसरे का मान अपमान ,<br />व्यथा,पीडा ,वेदना नहीं समझ पाते व दूसरों को मानसिक आत्मिक चुभन ,दर्द ,अपमानित करके व तनाव देकर दर्प से भर उठतें हैं. <br />क्या इतने असुरक्षित समझने लगते हैं कि परिणाम की चिंता किये बगैर गलत कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं.<br />तिनके- तिनके जोडकर बहुत मुश्किल से बनता है आन्शिया पर एक झटके में बिखर जाता है, उसको सहेजकर रखना ही होता है. <br />आपने खुद कहा है की आपकी ३५३ रचनाओं में अधिकांश में आपने महिला-शक्ति को बहुत ज्यादा सम्मानित स्थान दिया है फिर एक ही पोस्ट से ये कैसे विचार प्रर्दशित हो गए. <br />जिससे इतने लोग आपके विचारों के विरोधी हो गए.<br />*आप समझदार हैं कृपया ध्यान रखें. <br />अपनी गरिमा व सम्मान स्वनिर्मित ही होता है. अपनी भाषा न बिगाडें*.<br />रात्रि के सघन अन्धकार में प्रखर दिवस सा उजाला मन में भर जाता है जब ये ख्याल आता है कि हमने आज किसी को ख़ुशी प्रदान की पर किसी को क्षणिक भी दुखी किया हो तो मन आत्मिक ग्लानि से भर उठता है.<br />क्योंकि स्वचिन्तन मन का आध्यात्मिक पक्ष है न.<br />संकल्प ही सुनहरे नए कल का रूप है. <br />सत्कर्म ही सृजन नए मंगल का रूप है.<br />सदलेखन चारों ओर खुशियाँ है बिखेरता, <br />वही व्यक्तित्व का सौजन्य स्वरुप है.<br /> <br />श्रीमती अलका मधुसूदन पटेल , <br />लेखिका + साहित्यकारGyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65279293466378306802009-07-30T22:21:30.045+05:302009-07-30T22:21:30.045+05:30देर से आया लेकिन गलत तो गलत है और मैं पुरजोर अलबेल...देर से आया लेकिन गलत तो गलत है और मैं पुरजोर अलबेला खत्री जी की हरकत का विरोध करता हूँ. मेरी आपत्ति इस तरह के हर लेखन के लिए, जिससे किसी का अपमान होता हो, दर्ज मानी जाये.राजेश स्वार्थीhttps://www.blogger.com/profile/07732542895868068961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-72725458648352098922009-07-30T18:00:42.798+05:302009-07-30T18:00:42.798+05:30मैं असमंजस में हूँ क्योंकि मुझे पता ही नहीं है क्य...मैं असमंजस में हूँ क्योंकि मुझे पता ही नहीं है क्या हुआ, दुर्भाग्यवश मैं वो पोस्ट नहीं पढ़ पायी. लेकिन आप सबकी टिपण्णी से इतनी बात ज़रूर समझ में आई की अलबेला जी ने बहुत ही आपत्तिजनक बात कही है. ख़ुशी की बात यह है कि उनका और उनके लेख का बहिष्कार किया गया....<br />यह एक अच्छा सबक है उनके लिए जो बिना सोचे समझे कुछ भी कह जाते हैं....<br />और उससे भी बड़ी बात यह है कि एकता नज़र आई है...जिसने हमें और संबल दिया है..<br />रचना जी बहुत बहुत धन्यवाद ...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-17854524580151090282009-07-30T17:08:18.647+05:302009-07-30T17:08:18.647+05:30कार्यवश भारत से बाहर हूँ पर उस पोस्ट
को पढ़ कर अपने...कार्यवश भारत से बाहर हूँ पर उस पोस्ट<br />को पढ़ कर अपने को रोक ना सकी और नारी ब्लॉग पर पोस्ट लिखी . लेकिन यहाँ ये बताना जरुर्री हैं की पहले मेने और एक और महिला ने उनके ब्लोग्पर कमेन्ट करके अपनी आपत्ति दर्ज करा दी थी जो की मोदेराते होगया . इस लिये <br />सार्वजनिक रूप से आपति दर्ज करना पडी <br />ब्लॉग जगत का आभार की उन्होने भी एक सुर से आपति दर्ज की <br />धन्यवाद दे कर पराया कर दूंगी तो वक्त बेवक्त किस को कहुगी की आप की जरुरत हैं साथ दे <br /><br />also i am greatful to blogvani who immediately acted on my mail and put albelas blog in RRATED .<br /><br />timely action did help and lovely and anuradha , sagar nahar and ashsish your moral supprt even when i was miles away was too good to be trueAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-18943668202258660792009-07-30T15:47:58.029+05:302009-07-30T15:47:58.029+05:30कोई बात नहीं....महानुभाव ने अपने संस्कार और चरित्र...कोई बात नहीं....महानुभाव ने अपने संस्कार और चरित्र का ही सार्वजानिक प्रदर्शन किया है......यह अच्छा ही है...कम से कम इसी बहाने इनकी सोच को जानने समझने का अवसर तो हमें मिला......<br /><br />इनके कार्यकलाप/रचनाशीलता का यही स्तर यदि इन्होने रखा तो भविष इन्हें दिखायेगा की ये कहाँ खड़े हैं.....<br />बाकी जिनकी ऐसी सोच है वे तो पवित्र सोचने से रहे, भले इन्हें लाख चेताया जाय....<br /><br />रचना जी, आपका बहुत बहुत आभार इस मुद्दे को इतनी शिष्टता से उठाने के लिए...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37246901704964329622009-07-30T13:48:59.597+05:302009-07-30T13:48:59.597+05:30mai bhi aapati darj karata hu .......shabda aise h...mai bhi aapati darj karata hu .......shabda aise hone chahiye ki kisi ko aghata na pahuche ....ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-40876399400147383072009-07-30T13:26:02.807+05:302009-07-30T13:26:02.807+05:30अलबेला खत्री ने सुनियोजित ढंग से एक दुस्साहसिक कृत...अलबेला खत्री ने सुनियोजित ढंग से एक दुस्साहसिक कृत्य किया था। विरोध भरी तमाम टिप्पणियां पाकर उनकी यह मंशा पूरी हुई। इसे इग्नोर किया जाना ही उचित था।पुरुषोत्तम कुमारhttps://www.blogger.com/profile/14737475432350019352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-31400659130280796182009-07-30T13:21:57.032+05:302009-07-30T13:21:57.032+05:30वाकई दुखद ओर गलत बात है...वाकई दुखद ओर गलत बात है...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-52466503272550916432009-07-30T12:41:31.082+05:302009-07-30T12:41:31.082+05:30lekhan se lekhak ki soch ujagar haoti hai.....wais...lekhan se lekhak ki soch ujagar haoti hai.....waise bhi us lekhan ka kya fayda jaha mryaada ka bhi ulangan ho....<br />rachana ji....apne sabhi ka dhyaan akrshit karaya hai...aap ko sadhuwad<br />jo bhi likha gaya hai....bahut hi sharmnaak hai....<br />dair se apni aapti jatane ke liye maafi chahungiManvinderhttps://www.blogger.com/profile/11286649687914732408noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-11089736598576327012009-07-30T12:30:31.899+05:302009-07-30T12:30:31.899+05:30मैं तो अभी तक यही समझती थी कि हर वह बुद्धिजीवी जो ...मैं तो अभी तक यही समझती थी कि हर वह बुद्धिजीवी जो लिखता है और संवेदनशील ह्रदय रखता है, कभी किसी पर आक्षेप नहीं लगा सकता है, उसका अपमान नहीं कर सकता है. ये तो सिर्फ लोगों के व्यवहार से ही नहीं बल्कि ऐसी कृतियों से तो हम सभी इस के शिकार हो गए. लिखिए लिखना आपका हक है लेकिन मर्यादित लेखन ही रचना धर्म है. सच सब लिखते हैं लेकिन इस कलम की एक मर्यादा होती है. जाति या वर्ग पर कीचड़ उछालने से लिखने वाले का ही मुंह काला हुआ.<br /> नारी किसी से कम नहीं है, इसके लिए इतिहास साक्षी है. अपने सम्मान और सुरक्षा वह बखूबी कर सकती है. भविष्य में ये पुनरावृत्ति न हो किसी के द्वारा इसके लिए इतना विरोध काफी है. स्तरहीन लेखन से सस्ती लोकप्रियता ही हासिल की जा सकती है. सम्मान नहीं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-8208364586166956372009-07-30T10:59:48.637+05:302009-07-30T10:59:48.637+05:30अफ़सोस है। अनूप जी से सहमत हूं।अफ़सोस है। अनूप जी से सहमत हूं।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-53427934881610584792009-07-30T08:48:32.294+05:302009-07-30T08:48:32.294+05:30मैंने अलबेला जी की वह पोस्ट नहीं पढ़ी थी जिसका जिक्...मैंने अलबेला जी की वह पोस्ट नहीं पढ़ी थी जिसका जिक्र हो रहा है - और पढ़ भी नहीं पाउँगा क्योंकि वह हटा ली गयी है । नारी ब्लॉग का आभार । इतनी सजगता से क्या कुछ भी अवांछित हो सकेगा? शायद नहीं, यदि इसी तरह एक स्वर से समर्थित होता रहे सब कुछ ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-7826179843746065112009-07-30T08:12:54.920+05:302009-07-30T08:12:54.920+05:30अलबेला खत्रीजी ने लोगों के ध्यानाकर्षण के लिये बहु...अलबेला खत्रीजी ने लोगों के ध्यानाकर्षण के लिये बहुत सस्ती भाषा का प्रयोग किया था। इस ब्लाग पर टोंके जाने पर उन्होंने अपनी वो पोस्ट हटा ली। सजग टोंकाई के लिये रचनाजी और अन्य साथियों को बधाई!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-26182748500539026302009-07-30T07:10:20.089+05:302009-07-30T07:10:20.089+05:30आपत्ति दर्ज की जाये ...!!आपत्ति दर्ज की जाये ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-5234886134766934682009-07-30T00:41:13.533+05:302009-07-30T00:41:13.533+05:30सख्त आपत्ति और विरोध दर्जसख्त आपत्ति और विरोध दर्जस्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-34391857519801438382009-07-29T23:38:29.495+05:302009-07-29T23:38:29.495+05:30मैंने भी अपनी आपत्ति वहां दर्ज करा दी है -यह अशोभन...मैंने भी अपनी आपत्ति वहां दर्ज करा दी है -यह अशोभनीय है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-17474141727946613092009-07-29T23:05:33.420+05:302009-07-29T23:05:33.420+05:30निश्चित ही आपत्ति योग्य बात है. नर हो या नारी, सम्...निश्चित ही आपत्ति योग्य बात है. नर हो या नारी, सम्मान आवश्यक है. शब्दों के चयन हमेशा ही ऐसा हों, कि कोई भी अपमानित न हो.<br /><br />मैं आपसे सहमत हूँ, एवं अपनी आपत्ति दर्ज करता हूँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-16415757381454770272009-07-29T22:46:02.126+05:302009-07-29T22:46:02.126+05:30is naari ka apman karne wale ka hamen apni saamart...is naari ka apman karne wale ka hamen apni saamarthay anusar bahishkar karna chahiyeवन्दे ईश्वरम vande ishwaramhttps://www.blogger.com/profile/17959400350558371813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-40517536906161945662009-07-29T22:27:35.926+05:302009-07-29T22:27:35.926+05:30हवा मगरूर दरख्तों को पटक जाएगी .
बचेगी शाख वही जो ...हवा मगरूर दरख्तों को पटक जाएगी .<br />बचेगी शाख वही जो कि लचक जाएगी.<br />शब्दों के बरतने में संयम जरूरी है!siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-6506664328145505802009-07-29T22:23:17.829+05:302009-07-29T22:23:17.829+05:30अलबेला से ये उम्मीद तो कतई नहीं थी. पोस्ट तो वाहिय...अलबेला से ये उम्मीद तो कतई नहीं थी. पोस्ट तो वाहियात है ही ... लेकिन पता नहीं आप में से कितने लोगों का ध्यान उनकी इस पोस्ट के लेबल्स की और गया . .... घोर आपत्तिजनक शब्द उन्होंने इस पोस्ट के लेबल में लिखे हैं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-90037121078596469052009-07-29T21:55:58.539+05:302009-07-29T21:55:58.539+05:30कौन यहाँ नर?
नारी कौन?...
शब्द ब्रम्ह के सभी उपा...कौन यहाँ नर?<br /><br />नारी कौन?...<br /><br />शब्द ब्रम्ह के सभी उपासक,<br /><br />सत-शिव-सुन्दर के आराधक.<br /><br />मन न दुखाएँ कभी किसी का <br /><br />बेहतर है रह जाएँ मौन.<br /><br />कौन यहाँ नर?<br /><br />नारी कौन?.....<br /><br />खुसरो मीरां में क्या अंतर?<br /><br />दोनों पढें प्रेम का मंतर.<br /><br />सिर्फ एक नर- परम-आत्मा<br /><br />जाने आत्मा नारी जौन.<br /><br />कौन यहाँ नर?<br /><br />नारी कौन?.....<br /><br />कलम का कमाल यही की जो कहना चाहे इस तरह कहे कि कलाम से किसी को मलाल न हो.<br />शक्ति-सम्मान का सिपाही मैं भीDivya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-2584117663979385682009-07-29T21:42:53.606+05:302009-07-29T21:42:53.606+05:30अलबेला जी को नियमित पढ़ता हूँ और कमेंट भी करता हूँ...अलबेला जी को नियमित पढ़ता हूँ और कमेंट भी करता हूँ... पर ये पोस्ट देख मुझे हैरानी हुई.. मैने दो तीन बार समझने की कोशिस की... मुझे लगा शायद मैं कोई बात पकड़ नहीं पा रहा.. पर आपकी पोस्ट से मुझे लगा की मैं गलत नहीं समझ रहा...<br /><br />मुझे भी ये उम्मीद नहीं थी..<br /><br />मेरी भी आपति दर्ज की जाये..रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-35592253565961611912009-07-29T21:03:43.602+05:302009-07-29T21:03:43.602+05:30उनकी दोनों पोस्ट सरसरी निगाह से देखी थी और नजर में...उनकी दोनों पोस्ट सरसरी निगाह से देखी थी और नजर में खटकी भी थीं।<br /><br />अलबेला खत्री जी के अन्य लेखन को देखते हुये उम्मीद है कि वो सम्भवत: अनजाने में हुयी इस (गलती तो नहीं, अलबत्ता Letting his guard down) को अवश्य विचारेंगे।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.com