tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post751696817229733296..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: प्रविष्टियों के लिये समय सीमा नहीं हैं आप अपने ब्लॉग पर पब्लिश की हुई नयी या पुरानी प्रविष्टि भेज सकते हैं रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-91273667029505241342012-10-04T14:04:24.123+05:302012-10-04T14:04:24.123+05:30आपने अपने आयोजन द्वारा सभी लोगों को जागरूक करने क...आपने अपने आयोजन द्वारा सभी लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है.<br />आयोजन का नाम *चैतन्या*----- कैसा है.<br />अलका मधुसूदन पटेल <br />लेखिका - साहित्यकार Gyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-83004217665149010112012-10-04T14:02:48.716+05:302012-10-04T14:02:48.716+05:30आपने अपने आयोजन द्वारा सभी लोगों को जागरूक करने क...आपने अपने आयोजन द्वारा सभी लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है.<br />आयोजन का नाम-----*चैतन्या*----- कैसा है.<br />अलका मधुसूदन पटेल <br />लेखिका - साहित्यकार Gyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78105618342361989372012-10-02T22:58:07.175+05:302012-10-02T22:58:07.175+05:30आपके नारी ब्लॉग के लिए मैने कुछ समय (वर्षों) पूर्...आपके नारी ब्लॉग के लिए मैने कुछ समय (वर्षों) पूर्व आपके अभी दिए विषयों पर ही लगातार ७(सात) दिनों तक अपने लेख भेजे थे.अभी आपके ब्लॉग में देखा कि आपने आपने विषय के लिए पुराने प्रकाशित लेख भी पुनः भेजने कहा है तो पुराने लेखों के साथ इन्ही दिए गए विषयों पर नए लेख भी पूरे डाटा के साथ शीघ्र भेज रही हूँ.<br />आपके इस विशिष्ट आयोजन हेतु एक नया नाम भी भेजती हूँ ,पसंद आये तो अच्छा. <br />अलका मधसूदन पटेल <br />लेखिका-साहित्यकार Gyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-44043201765744864022012-09-24T12:42:13.774+05:302012-09-24T12:42:13.774+05:30विभा जी
ये कमेन्ट हटा कर आप केवल अपनी पोस्ट का लिं...विभा जी<br />ये कमेन्ट हटा कर आप केवल अपनी पोस्ट का लिंक छोड़ दे इस लिंक पर और ये जरुर बता दे की किस विषय के { तीन विषय दिये हैं } लिये ये प्रविष्टि हैं रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-81439992121128165902012-09-24T01:48:10.409+05:302012-09-24T01:48:10.409+05:30मेरी समझ में नहीं आ रहा की मैं इसमें अपनी रचना कैस...मेरी समझ में नहीं आ रहा की मैं इसमें अपनी रचना कैसे भेजूँ। इसलिए यहा दे रही हूँ। आप इसे लगा दें, यह अनुरोध। लिंक है- http://chhammakchhallokahis.blogspot.in/2012/07/blog-post_11.html और रचना- मेरे पापा!<br /><br />मेरे पापा,<br />मैं आपकी आफरीन, फ़लक, रचना, पूजा, आमना, नाजनीन! आप मुझे अपना न मानें, मगर मैं आपको अपना ही समझती हूँ। कितना बड़ा सहारा होते हैं आप हमारे लिए- बरगद के पेड़ की तरह। सुना है कि बरगद अपने नीचे किसी को फलने-फूलने नहीं देता। यह भी सुना है कि बरगद अपनी जड़ें अपनी डालियों से ही फैलाता-बढ़ाता चलता है। हम तो आपकी ही जड़ें हैं न पापा? लोग कहते हैं कि जब जान दे नहीं सकते तो लेने का कोई अधिकार नहीं। यह शायद गैरों के लिए होता होगा! आप तो हमारे अपने हैं, शायद इसीलिए सोचा होगा कि जान देनेवाले आप, तो उसे ले लेने का पूरा अधिकार भी आपका।<br /><br />लेकिन मेरी समझ में नहीं आया पापा कि आपने हमारी जान क्यों ली? मैं इतनी नन्हीं! आँखें तक खोलना नहीं आया था मुझे। आपको पहचानना भी नहीं। आप तो साइंस को जानते -मानते होंगे पापा। बाकी में भले न मानें, इलाज- बीमारी में तो मानना ही पड़ता है। तो आप यह भी जानते होंगे कि किसी बच्चे का जन्म भी एक वैज्ञानिक प्रक्रिया ही है। विज्ञान ने साबित कर दिया है कि हम बेटियों का जन्म आपके ही एक्स-एक्स से होता है। अब जब आपने ही हमें एक्स-वाई नहीं दिया तो हम खुद से अपने एक्स को वाई में कैसे बदल लेते? काश, साइंस इतनी तरक्की कर गया होता कि आप खुद ही मेरी माँ को एक्स-वाई दे देते या मैं ही उसे एक्स-वाई में तब्दील कर के आपकी बेटी के बदले बेटा बनकर जनमती और आपकी मुराद पूरी कर देती। <br /><br />बताइये पापा कि जब आपको ही नहीं मालूम कि आप अपने अंश से क्या रचनेवाले हैं तो उसका खामियाजा हमारे मत्थे क्यो? बताइये पापा कि हम किसलिए आपकी नाराजगी सहें? क्या इसलिए कि आप हमारे पापा हैं, हमसे अधिक ताकतवर हैं, हमारे पालनहार हैं? यदि आप सचमुच ही हमारे पापा और पालनहार हैं, तो कोई भी बाप इतना निर्दय नहीं हो सकता कि वह अपनी ही संतान को माँर डाले और ना ही कोई माली इतना मूर्ख कि अपने ही लगाए पौधे कि जड़ों में मट्ठा डाले!<br /><br />शायद आप ताकतवर हैं। दुनिया के आगे भले ना हो, हमारे लिए हैं। भूल गए पापा कि सभी धर्म अपने से कमजोर की रक्षा करने को कहता है। आप सब तो धर्म के बड़े- बड़े पैरोकार हैं। इतनी छोटी बात भूल गए? भूलना ही था। धर्म और मजहब या तो उचारने के लिए है या हम निरीहों को उससे बांधने के लिए। सभी ताकतवर अपने से कमजोर को दबाकर- कुचलकर चलते हैं। सीधी जबान में कहूँ तो अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है। माफ कीजिएगा पापा ऐसी तुलना के लिए। लेकिन मैं भी क्या करूँ? कभी हमारा लिंग जानकार पेट में ही हमें मार देते हैं, तो कभी तमाचे और जलती सिगरेट हम पर छोड़ देते हैं। बताइये पापा, क्या आपके मर्दाना थप्पड़ को सहने की ताकत हम आसन्न जन्मी जान में है? सोचिएगा पापा! हम तो विदा ले रही हैं, ले चुकी है, लेती रहेंगी। मगर बेटियाँ और भी आएंगी। आपके ही एक्स- एक्स से आएंगी। पहले अपनी कमजोरी पहचानिए पापा! फिर अपनी ताकत हम पर आजमाइए। Vibha Ranihttps://www.blogger.com/profile/12163282033542520884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-56069357515568163152012-09-19T19:50:52.822+05:302012-09-19T19:50:52.822+05:30कविता का नाम है "आत्मदग्धा " पहले गलत टा...कविता का नाम है "आत्मदग्धा " पहले गलत टाइप हो गया था |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-21645237176741081642012-09-19T19:48:51.668+05:302012-09-19T19:48:51.668+05:30अपनी रचना आत्म्द्ग्धा जो २०१० में लिखी थी की लि...अपनी रचना आत्म्द्ग्धा जो २०१० में लिखी थी की लिंक भेज रही हूँ |यह महिला हिंसा के लिए है |<br />यदि पसंद आए तो मुझे इस आयोजन के साथ जुड कर हार्दिक प्रसन्नता होगी |http://akanksha-asha.blogspot.in/2010/01/blog-post_20.html<br />आशा <br /><br /><br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-26845838763280932612012-09-18T23:37:04.875+05:302012-09-18T23:37:04.875+05:30रचना जी, अपनी एक कविता 'आक्रोश' की लिंक भे...रचना जी, अपनी एक कविता 'आक्रोश' की लिंक भेज रही हूँ ! यह 'नारी सशक्तिकरण' विषय के अंतर्गत है ! यदि पसंद आये तो इसे भी आयोजन में सम्मिलित कर लीजियेगा ! मुझे इस आयोजन के साथ जुड कर हार्दिक प्रसन्नता होगी ! <br /><br />http://sudhinama.blogspot.in/2012/03/blog-post_09.htmlSadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-4256619227510027332012-09-09T07:30:29.092+05:302012-09-09T07:30:29.092+05:30अंतिम तिथि तक प्रकाशित पोस्ट सम्मिलित की जा सकती ह...अंतिम तिथि तक प्रकाशित पोस्ट सम्मिलित की जा सकती हैं वंदना जी और अंतिम तिथि में अभी एक महीने से ज्यादा हैं रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78998911761204620662012-09-09T07:24:34.039+05:302012-09-09T07:24:34.039+05:30This comment has been removed by the author.रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-58850244449398246072012-09-08T23:17:57.702+05:302012-09-08T23:17:57.702+05:30रचना जी, पता नहीं कितनी पोस्ट लिखीं, सभी सामजिक वि...रचना जी, पता नहीं कितनी पोस्ट लिखीं, सभी सामजिक विषयों पर हैं, लेकिन अफ़सोस की दिए गए विषयों पर मैंने कोई पोस्ट नहीं लिखी :( इस आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल न हो पाने का दुःख रहेगा. चुनी हुई पोस्ट पद्धति रहूंगी, साथ में जुडी तो हूँ ही. वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-30693753207598889332012-09-07T23:02:06.407+05:302012-09-07T23:02:06.407+05:30मै इंतज़ार में थी की आप कुछ कहेगी या चुप ही रहेगी
...मै इंतज़ार में थी की आप कुछ कहेगी या चुप ही रहेगी<br />आप अपनी पसंद की बेहतरीन दे दे रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-1805470276148303252012-09-07T22:57:22.503+05:302012-09-07T22:57:22.503+05:30रचना जी , आपने तो बहुत कन्फ्यूज़ कर दिया ! इस विषय...रचना जी , आपने तो बहुत कन्फ्यूज़ कर दिया ! इस विषय पर बहुत से आलेख लिखे हैं , निर्णय नहीं ले पा रही हूँ कौन सी प्रविष्टि शामिल करूँ...कृपया मदद करें ! ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-73637779920277118382012-09-07T19:37:30.176+05:302012-09-07T19:37:30.176+05:30वंदना जी आप पहले ब्लॉग पर पोस्ट कर दे और फिर लिंक ...वंदना जी आप पहले ब्लॉग पर पोस्ट कर दे और फिर लिंक यहाँ दे दे<br />पिछली पोस्ट का लिंक डिलीट कर दे<br />अंतिम तिथि तक जो पोस्ट आ जाएगी वही सम्मिलित होगीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-22732301966840227832012-09-07T19:35:49.467+05:302012-09-07T19:35:49.467+05:30क्या हमारिवानी पर किसी जगह इस की चर्चा की जासकती ...क्या हमारिवानी पर किसी जगह इस की चर्चा की जासकती हैं , जिस से की नारी blog पाठको के अलावा भी लोग इससे जुड़ सके रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-5833104561030030902012-09-07T19:14:56.164+05:302012-09-07T19:14:56.164+05:30आप से आग्रह हैं २००७-२००८ के बीच में आप ने अपने ब्...आप से आग्रह हैं २००७-२००८ के बीच में आप ने अपने ब्लॉग पर काफी पोस्ट दी थी आप उनमे से एक इस मे शामिल कर दे अगर सही समझे <br />शुब्कमाना से कुछ नहीं होगा काम करना होगा सो सबसे पहले नाम सुझाये रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-1699627370217760352012-09-07T19:12:55.477+05:302012-09-07T19:12:55.477+05:30राधारमण जी
प्रविष्टि ब्लोगर खुद ही भेजे ताकि उनकी...राधारमण जी <br />प्रविष्टि ब्लोगर खुद ही भेजे ताकि उनकी सहमति रहे की उनकी प्रविष्टि शामिल की जाए <br />दूसरी बात अगर निर्णायक या आयोजक चुनाव करेगे शामिल करने का तो उनकी अपनी पसंद शामिल हो जाती हैं और पारदर्शिता नहीं होती <br />यहाँ बात पुरूस्कार की नहीं हैं यहाँ विषय पर क्या काम हुआ हैं और कितना उसकी हैं रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-16337773611561678262012-09-07T12:09:06.739+05:302012-09-07T12:09:06.739+05:30समय सीमा हटाकर अच्छा किया मगर यदि हमने कोई पोस्ट अ...समय सीमा हटाकर अच्छा किया मगर यदि हमने कोई पोस्ट अभी लिखी हो और ब्लोग पर ना हो तो क्या वो भी भेजी जा सकती है?और जिन्होंने पहले अपना लिंक दिया हो और अब आपकी योजना मे बदलाव के बाद वो दूसरा लिंक या कविता देना चाहें तो कौन सी स्वीकार्य होगी कृपया स्पष्ट करें।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9969438478781370392012-09-06T22:24:52.916+05:302012-09-06T22:24:52.916+05:30मैं भी अपनी कोई प्रविष्टि नहीं भेजूँगी. आपने समय स...मैं भी अपनी कोई प्रविष्टि नहीं भेजूँगी. आपने समय सीमा हटाकर अच्छा किया. अब ज्यादा से ज्यादा प्रविष्टियाँ सम्मिलित की जा सकती हैं. muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-76353034348201543112012-09-06T22:02:06.646+05:302012-09-06T22:02:06.646+05:30अनंत की मरीचिका ...इस आयोजन को कह सकते हैं अनंत की मरीचिका ...इस आयोजन को कह सकते हैं रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-41435476786124338342012-09-06T21:59:11.916+05:302012-09-06T21:59:11.916+05:30वाह... यह तो बहुत अच्छी पहल है.... बहुत-बहुत स्वाग...वाह... यह तो बहुत अच्छी पहल है.... बहुत-बहुत स्वागत है और हार्दिक शुभकामनाएँ!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-89025606503176021552012-09-06T20:40:15.624+05:302012-09-06T20:40:15.624+05:30आशा है आप पारदर्शिता के नए आयाम कायम करेंगी ...
शु...आशा है आप पारदर्शिता के नए आयाम कायम करेंगी ...<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-39238938366844302812012-09-06T18:29:37.772+05:302012-09-06T18:29:37.772+05:30संभव है कि किन्हीं कारणों से ऐसी पोस्टों के लिंक न...संभव है कि किन्हीं कारणों से ऐसी पोस्टों के लिंक न भेजे जाएं जो आपके हिसाब से इस आयोजन के लिए उत्तम हैं। ऐसी प्रविष्टियों को आप स्वयं नामित कर सकती हैं।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.com