tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post6756107059240687071..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: महिला कमाए पैसा - A Big No Noरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-14016245236033406752011-10-06T23:02:33.333+05:302011-10-06T23:02:33.333+05:30एक विचारोत्तेजक पोस्ट।
आपसे सहमत।एक विचारोत्तेजक पोस्ट।<br />आपसे सहमत।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-31124994869784796822011-10-06T13:50:26.864+05:302011-10-06T13:50:26.864+05:30@राजन,
शुक्रगुज़ार हूं, मैं जिस भावना को जताना चाह...@राजन,<br />शुक्रगुज़ार हूं, मैं जिस भावना को जताना चाहता था, उसे आपने समझा...जैसा कि आपने कहा, आपने मुझे पहली बार पढ़ा, मुझे भी आपसे पहली बार संवाद कायम कर खुशी हो रही है...इसके लिए मैं रचना जी का भी आभारी हूं, जिन्होंने इस पोस्ट के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया...जैसा कि रचना जी ने कहा...उनके अपने विचार हैं, अपना बात करने का तरीका है...ऐसे ही मेरा भी है...मुझे खुशी है कि रचना जी मेरी पोस्ट को पढ़ती हैं और कमेंट भी करती हैं, कभी आलोचनात्मक तो कभी मेरी बात से सहमत भी होती हैं...मैं भी रचना जी की पोस्ट पढ़ता हूं लेकिन अक्सर कमेंट नहीं कर पाता...कुछ वक्त की कमी और कुछ तकनीकी खामी की वजह (जब भी मैं रचना जी का ब्लॉग खोलता हूं मेरा लैपटॉप हैंग हो जाता है, शायद वो भी डरता है) से...रचना जी की तरह कभी कोई दूसरा ब्लॉगर भी मेरी खिंचाई करने वाला कमेंट लिखता है तो उसे भी हमेशा मैं अपनी पोस्ट पर सजा कर रखता हूं...कभी मॉडरेशन का ब्रह्मास्त्र उसे काटने के लिए नहीं करता...और शायद यही ब्लॉगिंग की खूबसूरती है, लोकतंत्र है...विचारों के अलग होने के बावजूद मैं कभी कटुता का भाव मन में नहीं आने देता...हम सब अपनी बात कहें, शालीनता के साथ दूसरे की बात सुने, और क्या सही, क्या गलत, ये पढ़ने वालों पर छोड़ दें...<br /><br />रचना जी ने मेरा लिंक उपलब्ध कराया, इसलिए उनका आभार...<br /><br />एक जानकारी और मेरी इस पोस्ट को दैनिक जागरण ने आज अपने राष्ट्रीय संस्करण में जगह दी है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-41967831178562050982011-10-06T11:53:53.425+05:302011-10-06T11:53:53.425+05:30राजन
ना तो मैने ये कहा हैं की खुशदीप महिला विरोधी ...राजन<br />ना तो मैने ये कहा हैं की खुशदीप महिला विरोधी हैं और ना मैने ये कहा हैं जो में कह रही हूँ वो सही हैं . ब्लोगिंग का अर्थ हैं किसी भी विचार को समझना , उसको आगे लेजाना . खुशदीप अपने तरीके से करते हैं मै अपने तरीके से . उनके अपने पाठक हैं मेरे अपने . अगर लिंक के साथ उनकी पोस्ट यहाँ है तो बहुत से जो उनको नहीं पढते हैं वो भी पढ़ेगे और उनकी राय से सहमत और असहमत भी होगे .<br />ये भी हो सकता हैं मेरा नजरिया पढने के बाद वहां कमेन्ट दे चुके ब्लॉगर दुबारा और भी कुछ देख सके जो पहले उन्हे नहीं लगा .<br />आप निराश हुए , क्षमा प्रार्थी हूँरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51332293685526296532011-10-06T11:25:00.871+05:302011-10-06T11:25:00.871+05:30जहा तक सवाल गर्भवती महिलाओ के काम करने की है तो ये...जहा तक सवाल गर्भवती महिलाओ के काम करने की है तो ये कोई नई बात नहीं है जो महिलाए बाहर काम करती है वो कभी कभी बच्चे के जन्म के एक दिन पहले तक अपने आफिस जाती है अपने सारे काम करती है कितनी महिलाओ को देख है पूरे नौ महीने का पेट ले वो भीड़ भरे लोकल ट्रनो बसों में चढ़ कर आफिस जाती है मेरी काम वाली बाई भी बच्चे के जन्म के दो दिन पहले तक काम पर आती थी खुद से बिना मेरे दबाव डाले, जानती थी की उसे छुट्टियों की जरुरत तो बच्चे के जन्म के बाद पड़ेगी फ़िलहाल पैसे की जरुरत है | जहा तक बात मनोरंजन जगत की बात है तो वहा के लिए भी ये नया है स्मृति ईरानी गर्भवती होते हुए भी कई महीनो तक अपने धारावाहिक की शूटिंग करती रही फिल्मो में तो एक लंबी लिस्ट है जब अभिनेत्रिया गर्भवती होते हुए भी फिल्म की शूटिंग करती रही वो भी शुरूआती दिनों में जब की उन्हें और ज्यादा आराम की जरुरत थी अभी हाल में ही ८ महीने की गर्भवती ऐश्वर्या ने भी लक्स विज्ञापन की शूटिंग की जो अब टीवी पर आ रहा है | जो महिलाए काम नहीं भी करती है वो घर के ही सारे काम करती ही रहती है यदि महिला स्वस्थ है तो काम करने में कोई परेशानी नहीं है | जहा तक रियलटी शो की बात है तो वो मैंने वहा भी लिखा था की कुछ भी रियल नहीं होता है सब कुछ आराम से धारावाहिक की तरह शूट किया जाता है वहा अकेले रहने जैसा कुछ भी नहीं है | वो बस चाहते है की हम किसी ना किसी बहाने उनकी चर्चा करे तो देखिये हम चर्चा कर रहे है उत्सुकता दिख रहे है इसको नई बात बड़ी बात मान रहे है जबकि ये बिल्कुल भी नया नहीं है | मिडिया में प्रायोजित चर्चा चल रही है घंटे भर के कार्यक्रम आ रहे है जो ये शो नहीं देखते उन्हें भी न्यूज चैनल वाले जबरजस्ती चर्चा कर दिखाने का उनमे उत्सुकता जगाने का प्रयास कर रहे है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-66441044975452112502011-10-06T10:50:31.894+05:302011-10-06T10:50:31.894+05:30माफ कीजिएगा रचना जी.इस बार आपसे निराशा हुई.आपने दो...माफ कीजिएगा रचना जी.इस बार आपसे निराशा हुई.आपने दोनों ही पोस्टों का गलत मतलब निकाला.मुझे ज्यादा कहने की जरूरत नहीं लेकिन मुझे नहीं लगता कि खुशदीप जी का वो मतलब रहा होगा जो आपने समझा है.उन्होने आपकी टिप्पणी के जवाब में जो कहा है मैं उससे बहुत हद तक सहमत हूँ.खुशदीप जी को केवल ऐक बार पढा है.पता नहीं महिलाओं के बारे में वो क्या सोचते है लेकिन इन दो पोस्टों में वो मुझे कहीं से महिला विरोधी नहीं लगे और न ही महिलाओं के पैसा कमाने के विरोधी.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.com