tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post6503933811190103779..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: सिर्फ़ औरत थी वह, कमजोर थीरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-83904085110838893372008-07-18T21:47:00.000+05:302008-07-18T21:47:00.000+05:30bahut accha likha haibahut accha likha haiसचिन मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07382964172201827333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-92128328751616783872008-07-17T04:21:00.000+05:302008-07-17T04:21:00.000+05:30जितना कड़वा सच यह है जो दिल को चीर जाता है ..उतना ह...जितना कड़वा सच यह है जो दिल को चीर जाता है ..उतना ही कड़वा सच रचनाजी की टिप्पणी में है. <BR/>शत प्रतिशत सच है कि बेटे को अच्छे संस्कार देने की ज़्यादा ज़रूरत है.. हालाँकि बेटी में आत्मविश्वास लाना भी उतना ही ज़रूरी है.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-39245066277015581092008-07-15T19:20:00.000+05:302008-07-15T19:20:00.000+05:30रंजनाजीनिश्चय ही स्थिति चिन्तनीय है. बच्चियां घर म...रंजनाजी<BR/>निश्चय ही स्थिति चिन्तनीय है. बच्चियां घर में ही सुरक्षित नहीं हैं, बाहर तो क्या होंगी? बच्चिया ही क्यों बच्चों के साथ भी कुकर्म हो रहै हैं. इसे भी नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता किन्तु बेटियों को छूट देना या बेटों पर नियंत्रण लगाना कोई समाधान प्रस्तुत नहीं करेगा. केवल सिद्धांतों के आधार पर समाज को बदला नहीं जा सकता. व्यवहारिक बात यह है कि शिक्षा को परिवर्तन का आधार बनाकर, नर-नारी दोनों को ही साथ लेकर सुधार के प्रयत्न करने होंगे. केवल नारी या केवल नर न तो इसके लिये उत्तरदायी है और न ही सुधार किसी एक से संभव है. दोनों को अपने-अपने क्षेत्रों मे आगे बढकर काम करके नैतिक मूल्यों को मजबूत करना होगा.डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-50394301257751282532008-07-14T23:30:00.000+05:302008-07-14T23:30:00.000+05:30औरतों के प्रति मर्दों के नजरिए को बदलना जरूरी है। ...औरतों के प्रति मर्दों के नजरिए को बदलना जरूरी है। उस के साथ ही औरतों के प्रति औरतों का नजरिया भी बदलने की जरूरत है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62722194743742911102008-07-14T21:23:00.000+05:302008-07-14T21:23:00.000+05:30कुछ दिन पहले एक अदालत के बारे मैं ख़बर थी. अदालत न...कुछ दिन पहले एक अदालत के बारे मैं ख़बर थी. अदालत ने कहा, नाबालिग़ बच्चियों के बलात्कारियों को सजा न देकर सुधारा जाना चाहिए. बलात्कार और अपराधियों को सजा के बारे में एक एनजीओ के सर्वेक्षण के बारे में भी लिखा गया है. आज जितने बलात्कार होते हैं उन में ५०% बलात्कार नाबालिग़ बच्चियों पर होते हैं. कुल बलात्कारों में केवल ४.८% अपराधियों को सजा मिलती है. इस का मतलब है की १०० बलात्कारियों में से केवल ५ को सजा मिलती है. अदालत के विचार से इन ५ को भी सजा नहीं देनी चाहिए. उन्हें सुधारा जाना चाहिए. इस पूरे प्रकरण में उस नाबालिग़ बच्ची और उस के परिवार के प्रति किसी को कोई चिंता नहीं है, न पुलिस को, न अदालत को, न नेताओं को. कितनी शर्म की बात है की इस खबर पर कोई आगे चर्चा अखबार या किसी और मीडिया में नहीं हुई.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-82892273277964366942008-07-14T20:55:00.000+05:302008-07-14T20:55:00.000+05:30कुछ ऐसी घटनाएँ होती हैं जिन्हें देखकर बोलती बंद हो...कुछ ऐसी घटनाएँ होती हैं जिन्हें देखकर बोलती बंद हो जाती है... मर्दों की, औरतों की और शायद सबकीAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-63449810281561038592008-07-14T19:22:00.000+05:302008-07-14T19:22:00.000+05:30ranjana jipahale to aurat mein aatmavishwas drid h...ranjana ji<BR/>pahale to aurat mein aatmavishwas drid hona chahiye jisase vo aane vale kathinaeeyon ka saamna kar sake.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-41697681138738389662008-07-14T17:07:00.000+05:302008-07-14T17:07:00.000+05:30bahut kadvi sachaibahut kadvi sachaiनीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-14204044664474337452008-07-14T16:45:00.000+05:302008-07-14T16:45:00.000+05:30रंजना आप ने चैट पर पूछा की इस पोस्ट ख़ास क्या हैं ...रंजना आप ने चैट पर पूछा की इस पोस्ट ख़ास क्या हैं "नारी" पर क्यों डालना हैं . कारण हैं अनुराग की पोस्ट की एक लाइन " सॉरी सिस्टर" सर बोले ,धीमे से उठे ओर हम दोनों बाहर चल दिये ...मर्द होने का गुनाह भरा अहसास लिये ............"मेने इस बात को कई बार पहले भी कहा हैं और आज फिर कहती हूँ की समाज मे जरुरत है पुरूष को शिक्षित करने की . शिक्षा से अभिप्राय हैं की हर बेटे को ये समझाया जाए की <A HREF="http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2008/05/blog-post_26.html" REL="nofollow">आज जो पुरूष वर्ग महिला चरित्र हनन कर रहा हैं वह अपने बेटो के लिये खाई खोद रहा हैं । </A> जब तक इस बात को पुरूष समाज नहीं समझेगा वह पुरूष वर्ग आहत होता रहेगा जो महिला के प्रति संवेदनशील हैं और उसे महिला ना समझ कर मनुष्य समझता हैं . मेरे मन मे जो सहानभूती उस बच्ची के लिये हैं उस से ज्यादा अनुराग और उनकर डॉ मित्र के लिये हैं क्योकि इस तरह के केस के बाद कोई भी इंसान कई दिन तक मानसिक रूप से उस से अपने को अलग नहीं करसकता . दोष पुरूष समाज का नहीं अपितु बेटो को खुली छुट और बेटी को टोका टाकी का हैं .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-28320014983138258952008-07-14T16:28:00.000+05:302008-07-14T16:28:00.000+05:30रंजना जीइस सब का एक ही उपाय है कि औरत को आत्मविश्व...रंजना जी<BR/>इस सब का एक ही उपाय है कि औरत को आत्मविश्वास जगाना होगा और जहाँ भी किसी को अत्याचार करते देखो , आवाज़ उठानी होगी। समाज को बदलने का दुष्कर कार्य भी एक औरत ही कर सकती है।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9622358381552444242008-07-14T16:14:00.000+05:302008-07-14T16:14:00.000+05:30Ranjana ji, apne behad dukhad nabj ko pakda hai, ...Ranjana ji,<BR/> apne behad dukhad nabj ko pakda hai, je beemari samaj mai badati hi j rahi hai. hame apne bachho ki pervrish per dhiyaab dena hoga.<BR/>ManvinderManvinderhttps://www.blogger.com/profile/11286649687914732408noreply@blogger.com