tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post608849912594310053..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: कभी कभी लगता हैं हम सिर्फ कानून को तोड़ने की बात करते हैं और उसी का समर्थन भी करते हैं ।रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-50684456341155725362011-04-30T02:34:44.612+05:302011-04-30T02:34:44.612+05:30लोगों को खुद ही पता नहीं होता कि वे क्या कर रहे है...लोगों को खुद ही पता नहीं होता कि वे क्या कर रहे हैं..कभी एक ही बात का समर्थन करते है तो कभी उसी के विरोध में खड़े हो जाते हैं.. ऐसी भीड़ की अपनी सोच नहीं होती बल्कि ये दूसरों की सोच के पीछे भागती दिखाई देती है...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-26347162438019993732011-04-29T16:05:00.433+05:302011-04-29T16:05:00.433+05:30जी भेड़चाल है! कुछ फैशन सा बन गया है आजकल विरोध कर...जी भेड़चाल है! कुछ फैशन सा बन गया है आजकल विरोध करने का! या कहें कि सब लोग बस एक ही बात कहते नज़र आते हैं, आज सबसे भ्रष्ट लोग भी अन्ना का समर्थन करते हैं, कल वही कानून तोड़ेंगें!<br /><br />और अगर बात नारी की हो तो सच में समाज को मजा आ जाता है!<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-70294657839595819602011-04-29T10:54:10.567+05:302011-04-29T10:54:10.567+05:30ये बहुत ही व्यक्तिगत फैसला है..किसी खिलाड़ी के लिए ...ये बहुत ही व्यक्तिगत फैसला है..किसी खिलाड़ी के लिए भी और किसी आम व्यक्ति के लिए भी...आप उसे किसी गेम के दौरान अपनी मर्ज़ी की कोई ड्रेस नहीं थोप सकते, उसे वही पहनने का पूरा हक़ है जो वह पहन कर खेलना चाहती है, जिसमें उसे सुविधा होती है...pragyahttps://www.blogger.com/profile/04688591710560146525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60746315879568645582011-04-28T21:11:19.873+05:302011-04-28T21:11:19.873+05:30आयुष्मान भव: दीप , इस बार पूर्वाग्रह का चश्मा हटा...आयुष्मान भव: दीप , इस बार पूर्वाग्रह का चश्मा हटा कर पोस्ट पढने और कमेन्ट करने का शुक्रिया ,रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38525057778833478022011-04-28T21:05:31.758+05:302011-04-28T21:05:31.758+05:30जे बात.... इस बार आपने नारीवाद का चश्मा उतार कर ...जे बात.... इस बार आपने नारीवाद का चश्मा उतार कर सही बात कही है. पायं लागी हो...VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74341844602010590182011-04-28T20:00:24.129+05:302011-04-28T20:00:24.129+05:30कई लड़कियां बुर्के के विरोध में हैं, लेकिन उन्हें प...कई लड़कियां बुर्के के विरोध में हैं, लेकिन उन्हें पहनना पड़ता है.. कोई भी ड्रेस हो, गरिमा मय होना चाहिये.. और पहनने वाले को पछतावा न हो तथा देखने वाले को उंगली उठाने का मौका न मिले...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62242082639316981612011-04-28T19:58:40.013+05:302011-04-28T19:58:40.013+05:30बुर्के के लिये जबरदस्ती नैतिक है ?बुर्के के लिये जबरदस्ती नैतिक है ?भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-41902734263912181082011-04-28T19:47:15.259+05:302011-04-28T19:47:15.259+05:30शिखर पर बैठे लोगो के पहनावे ...हमेशा अच्छे ही हो...शिखर पर बैठे लोगो के पहनावे ...हमेशा अच्छे ही होते है ! सब क्षम्य है !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27643980512446791342011-04-28T17:46:04.563+05:302011-04-28T17:46:04.563+05:30बैडमिन्टन संघ के इस निर्णय का लाजिक ही समझ में नही...बैडमिन्टन संघ के इस निर्णय का लाजिक ही समझ में नहीं आया..... यह तो स्पोर्ट पर्सन को तय करना चाहिए कि क्या उसके लिए सुविधाजनक है.Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-17572000928705106222011-04-28T17:10:34.940+05:302011-04-28T17:10:34.940+05:30This is called 'Herd mentality'. People ar...This is called 'Herd mentality'. People are rarely logical in their views.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-1433024892423528162011-04-28T17:00:17.361+05:302011-04-28T17:00:17.361+05:30सानिया स्कर्ट पहनती है तो यह उसका व्यक्तिगत फैसला ...सानिया स्कर्ट पहनती है तो यह उसका व्यक्तिगत फैसला है... इस पर किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए... परेशानी तब उत्पन्न होती है जब ऐसे निर्णयों को ज़बरदस्ती थोपा जाता है और वह खेल में भीड़ जोड़ने का बहाना लगा कर. मतलब बैडमिन्टन फेडरेशन स्वयं मान रहा है कि वह लोगो को खेल दिखाने के लिए नहीं बल्कि छोटे-छोटे कपडे पहने खिलाड़ियों को दिखाने के लिए बुलाना चाहता है. क्या यह नैतिक है?Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-66719321663088866122011-04-28T14:17:37.841+05:302011-04-28T14:17:37.841+05:30दोनों तबलो पे हाथ रखने की आदत हो गयी है .... सोचना...दोनों तबलो पे हाथ रखने की आदत हो गयी है .... सोचना ना समझना बस हाय तौबा मचानाCoralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.com