tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post4975467060776844624..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: विवेक जी ने किस अधिकार से मुझसे ये जानना चाहा हैं ??रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-68549927540527806262009-09-17T10:22:07.183+05:302009-09-17T10:22:07.183+05:30सुमन,
सभी लोगों के सुझाव सही हैं, ...सुमन,<br /> सभी लोगों के सुझाव सही हैं, अपने काम को सुचारू पूर्वक करते रहिये. ये तो लोग हैं और कुछ न कुछ तो कहेंगे ही, जितना इनको उत्तर देंगे न , उतने ही फिर सवाल इसलिए अपना उत्तर तो अपना काम ही होगा.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-68952794631766476702009-09-16T18:05:01.946+05:302009-09-16T18:05:01.946+05:30suman...kisi ko safai dene ki zaroorat nahi hai. a...suman...kisi ko safai dene ki zaroorat nahi hai. aap kam karti rahein. jinhe sehyog karna hoga vo hamesha sath hain..baki sab chata rehta hai..zayda sochne ki zaroorat nahi hai.शायदाhttps://www.blogger.com/profile/17484034104621975035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-35476541437405141972009-09-16T16:02:55.697+05:302009-09-16T16:02:55.697+05:30सुमनजी सफ़ाई न दें बस लेखन और संचालन करें और न ही ऐ...सुमनजी सफ़ाई न दें बस लेखन और संचालन करें और न ही ऐसी बातों को तूल दें। <br />शुभेच्छु<br />प्रेमलता पांडेप्रेमलता पांडेhttp://pasand.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-30389031347672311082009-09-16T14:42:35.711+05:302009-09-16T14:42:35.711+05:30पिछले पूरे एक साल के ब्लॉग देख ले और फिर बताये क्य...पिछले पूरे एक साल के ब्लॉग देख ले और फिर बताये क्या किसी भी ब्लॉग लेखिका<br />ने किसी भी ब्लॉग पर इस प्रकार की टिपण्णी डाली हैं ??? बहुत जरुरी हैं ये बताना<br />क्युकी इस से ही पुरुष और स्त्री ब्लॉग लेखक का फरक पता चलता हैं . इस के अलावा ये नारी<br />ब्लॉग हैं और हम यहाँ बार बार उसी बात को रखेगे जहां हमे अपने ऊपर दबाव महसूस होगा<br />और पी दी आप ये भी बताये की इस प्रकार के सवालों का क्या औचित्य हैं नारी ब्लॉग पर<br />मै किसी पूर्वाग्रह के साथ नहीं आयी हूँ लेकिन नारी ब्लॉग की पहली से आखरी पोस्ट पढ़ कर आयी हूँ . हर टिपण्णी पढ़ी हैं और उस पर दिया हर लिंक भी देखा हैं . बाकी रेखा जी की बात पर जरुर ध्यान दे <br />और संजय जी मै रचना की उतराधिकारी नहीं हूँ सो उनमे जो हैं मुझमे न होगा कुछ समय के<br />लिये मै केवल नारी ब्लॉग की सूत्रधार हूँ आप की बातजरुर याद रखूँगी पर इतना साहस क्यूँ चाहिये <br />ब्लॉग चलाने के लिये ????सुमन जिंदलhttps://www.blogger.com/profile/15407930714166019745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-18249933691541861352009-09-16T14:15:14.932+05:302009-09-16T14:15:14.932+05:30विवेक जी,
आप को ब्लागर जगत क...विवेक जी,<br /> आप को ब्लागर जगत का ठेका कब से मिला है, या आप खुद ही ठेकेदार बन बैठे हैं, कि किस ब्लॉग के लिए सूत्रधार की क्या योग्यता होनी चाहिये ? कौन सी डिग्री चाहिए? कितना अनुभव होना चाहिए. <br /><br /> ( ये ठेकेदारी बात कुछ दिन पहले मेरी नजर में आई थी, शायद आप में से ही कोई था लिखने वाला. उसी समय सोचा कुछ लिखूं लेकिन कोई फायदा नहीं. वैसे अच्छे कामों का ठेका दिया नहीं जाता है. गांधीजी ने जब स्वतंत्रता के लिए जंग शुरू कि तो उन्हें किसी ने ठेका नहीं दिया था. सुभाष चन्द्र बोस को भी किसी ने सेहरा बांध कर आजाद हिंद फौज के सेनापति नहीं बनाया था. ) <br /> इसके अलावा भी कई ब्लॉग है उनमें में झांक आइये और उनकी तहकीकात कीजिये. <br /><br /> रचना के कुछ व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं, इससे अलग होने के , अपने बिजनेस से सम्बंधित काम हो सकते हैं. कमान कोई भी सभांल ले , लेखन होना चाहिये और वह भी विचारात्मक. ये समाज जिसमें हम रहते हैं, हमारी ही धरोहर है और उसको सहेज कर रखना भी हमारा काम है, इसके हित में हम सब प्रयासरत हैं, व्यंग और मजाक भी इसके ही हिस्से हैं, सबका स्वागत है. बस व्यक्तिगत आक्षेप से सारा लेखन दूर रहे तो इससे अच्छी कोई विधा नहीं है. जब जी चाहा कुछ भी लिखा और डाल दिया. ये लेखन अगर सार्थक विषय पर हो तो उससे अच्छा और कुछ हो ही नहीं सकता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37733933041324251362009-09-16T12:45:47.899+05:302009-09-16T12:45:47.899+05:30हो सकता है कि आपको विवेक जी का प्रश्न आपत्तिजनक लग...हो सकता है कि आपको विवेक जी का प्रश्न आपत्तिजनक लगा हो.. मगर इस तरह तुनक कर तुरत पोस्ट ठेलना मुझे आपकी विवेकशीलता का प्रदर्शन तो नहीं लग रहा है..<br /><br />"बेहूदा पन" शब्द का जिस तरह प्रयोग आपने किया वह भी मर्यादा के तहत स्वीकार्य नहीं है..<br /><br />विवेक जी का पहला सवाल मुझे जायज नहीं लगा..<br /><br />दुसरे सवाल की बात करें तो अगर किसी का कोई निजी ब्लौग है तो वह सवाल जायज नहीं है.. क्योंकि निजी ब्लौग कोई किसी को भी सौंप दे वह उसकी मर्जी.. मगर एक कम्यूनिटी चिट्ठे कि बात करें तो सर्वसम्मती से ही किसी को किसी ब्लौग का मुखिया बनाया जाना चाहिये.. सो दुसरा सवाल मुझे गलत नहीं लगा..<br /><br />तीसरा सवाल किसी भी जिज्ञासु पाठक के मन में आ सकता है..<br /><br />अंतिम सवाल कुछ विवादास्पद है, सो मैं उसके बारे में बात नहीं करूंगा..<br /><br />आपने कहा <b>"फिर मेरी पोस्ट पर विवेक जी क्या ये दर्शाना चाहते हैं की वो पुरूष हैं और इस लिये जिसको चाहे प्रश्नं के घेरे मे ले सकते हैं ?"</b> मुझे समझ में नहीं आया कि यहां स्त्री-पुरूष का राग अलापने कि जरूरत क्यों आन पड़ी? यह सारे प्रश्न अगर कोई स्त्री आपसे पूछती या फिर कोई स्त्री किसी पुरूष से उसके ब्लौग पर पूछती तो भी क्या आपकी यही प्रतिक्रिया रहती?PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-31203602572762775262009-09-16T12:37:46.401+05:302009-09-16T12:37:46.401+05:30आप बे सिर पैर की बातों पर इतने गंभीर और सजग मंच को...आप बे सिर पैर की बातों पर इतने गंभीर और सजग मंच को बंद करने की बात न करें- यह मेरा निवेदन है. आपका स्वागत है नये सूत्रधार के रुप में.<br />ise hi meri bhi tippni samjhi jay.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74971789195180245172009-09-16T11:40:41.488+05:302009-09-16T11:40:41.488+05:30कोई भी मंच हो, तब तक ही चलता है जब तक एक पीढ़ी अपनी...कोई भी मंच हो, तब तक ही चलता है जब तक एक पीढ़ी अपनी अगली पीढ़ी तैयार करती रहती है. तो रचनाजी ने भी आगे का काम किसी को जिम्मे डाल दिया है, कोई गलत नहीं किया. अब आपकी जिम्मेदारी इसे ज्यादा मजबुत करने की है. हमारी शुभकामनाएं. <br />आप एक टिप्पणी पर ब्लॉग बन्द करने की सोच रही है, ऐसे में प्रश्न उठता है रचनाजी ने सही व्यक्ति का चुनाव किया है? थोड़ा साहसी बनिये.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10994668834950874162009-09-16T11:37:46.988+05:302009-09-16T11:37:46.988+05:30विवेक जी या किसी अन्य 'जी' को कोई अधिकार न...विवेक जी या किसी अन्य 'जी' को कोई अधिकार नहीं है किसी भी तरह का सवाल पूछने का.. लेकिन आजकल टीआरपी बढ़ाने के लिए मौज लेना एक परंपरा सी हो गई है हिन्दी ब्लॉगिंग में.. आप भी नाहक ही तथाकथिक 'जी' हुज़ूरों की टीआरपी बढ़वा रही हैं.... इस सशक्त मंच को मजबूत कीजिए, अपनी रचना धर्मिता के सहारे.. 'जी' हुज़ूरों का विवेक खुद ब खुद जागेगा।<br /><br />और बिना फ़ीस के एक सलाह मुफ़्त मे दे रहा हूं। मानना ना मानना आपकी मर्जी पर है।<br /><br />आप कृपया ऐसे लोगों को भाव ना दे..इस तरह उन पर पोस्ट लिखकर आप उनका प्रचार ही कर रही हैं और वो समझने लगे हैं कि वो कोई बहुत बडे रचना धर्मी या ब्लागर हैं. जबकि असली औकात वो भी जानते हैं कि वो क्या हैं?<br /><br />अभी वो इतने बडे नही बने कि आपकी मौज ले सकें...उनका अभी शैशव काल ही है जिसमे वो दो बार टंकी पर उपर नीचे हो चुके हैं. उनको प्रचार पाने के दो ही साधन मिले हैं..टंकी पर चढो... उतरो....और किसी नाम चीन ब्लागर पर लांच्छन लगावो या उसको बेइज्जत करो...<br /><br />ये ऐसे लोग हैं जो चाहते ही नही है कि कोई हिंदी ब्लाग जगत मे आकर हिंदी की सेवा करे। ये किसी को पैर जमाने ही नही देते..बल्कि जमे जमायों को उखाड फ़ेंकना ही इनका काम है। और शह भी है। हिंदी ब्लागिंग मे ये फ़ूट डालकर ग्रुप बनवा रहे हैं और कुछ नही है।<br /><br />ऐसे लोगों का बहिष्कार ही एकमात्र उपाय है।ब्लाग वकीलhttps://www.blogger.com/profile/05336513223357509128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27869163426439891152009-09-16T11:24:41.822+05:302009-09-16T11:24:41.822+05:30विवेक सिंग हनुमान भक्त हैं, मंगलवार को चिठ्ठाचर्चा...विवेक सिंग हनुमान भक्त हैं, मंगलवार को चिठ्ठाचर्चा भी बांचते हैं। इन्हें इस तरह की उछलकूद करने का पूरा अधिकार हैं। इनकी तो इसी तरह की भाषा इस्तेमाल करने की आदत हो गई है। इन्हें अन्यथा न लें। कोई भी इन्हें अन्यथा नहीं लेता।<br /><br />स्वयंभू मठाधीश ब्लागर चैंगड़ा मूडते इसीलिये हैं कि समय पर काम आ जावे। <br /><br />आपका स्वागत है नये सूत्रधार के रूप में।Pooranchandnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-42178086399317163992009-09-16T11:11:47.838+05:302009-09-16T11:11:47.838+05:30फिर भी आपने काफी संयम बरता है जो विवेक जी लिखा है ...फिर भी आपने काफी संयम बरता है जो विवेक जी लिखा है .:) धन्यवादlavekushnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-8461788923538675452009-09-16T10:51:06.673+05:302009-09-16T10:51:06.673+05:30पहले विवेक सिंह से पूछा जाये कि उनका अनुभव कितना ह...पहले विवेक सिंह से पूछा जाये कि उनका अनुभव कितना है?ब्लाग वकीलhttps://www.blogger.com/profile/05336513223357509128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-26814562416685240652009-09-16T10:40:31.570+05:302009-09-16T10:40:31.570+05:30अब मै क्या बोलू सब हमारे गुरुदेव लोग बोल गए नई तो ...अब मै क्या बोलू सब हमारे गुरुदेव लोग बोल गए नई तो कुछ बोलने से डरता हूँ क्युकी मुझे पता है गरीब की लुगाई गाव भर की भौजाई , कही कुछ बोल दिया दिया तो <b>मेरे से ही कल कोई जवाब सवाल कर सकता है :)</b><br>Mishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-22707991603786516032009-09-16T10:21:13.457+05:302009-09-16T10:21:13.457+05:30संगीता जी ने सही कहा है हम लोग छोटी -2 बातों मे अप...संगीता जी ने सही कहा है हम लोग छोटी -2 बातों मे अपनी ऊर्जा ना जाया करें आप लिखती रहें बस शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-53566456352703143852009-09-16T10:07:29.027+05:302009-09-16T10:07:29.027+05:30किसी बात का बुरा न माने .. मैं तो शुरूआत में बुरा ...किसी बात का बुरा न माने .. मैं तो शुरूआत में बुरा मान जाती थी .. पर अब असर ही नहीं होता .. अपनी सफाई देकर निकल जाती हूं .. आप तो इतने दिनों से ब्लागिंग में हैं .. जहां चार बर्तन होंगे .. खडकेंगे ही !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-676071570532154962009-09-16T10:05:31.686+05:302009-09-16T10:05:31.686+05:30चलिए, इसी बहाने एक और ब्लोगर की टी आर पी ऊपर चली ग...चलिए, इसी बहाने एक और ब्लोगर की टी आर पी ऊपर चली गई ! बधाई !!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-3469781074675906362009-09-16T09:12:00.206+05:302009-09-16T09:12:00.206+05:30उनके आका आ रहे होंगे विवेक सिंह की तरफदारी करने के...उनके आका आ रहे होंगे विवेक सिंह की तरफदारी करने के लिये। स्वागत की तेयारी कर लिजीये।blogvakilhttp://blogvakil.livejournal.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65615749781092586262009-09-16T09:04:47.387+05:302009-09-16T09:04:47.387+05:30समीर जी सही कह रहे है "आप बे सिर पैर की बातों...समीर जी सही कह रहे है "आप बे सिर पैर की बातों पर इतने गंभीर और सजग मंच को बंद करने की बात न करें-"Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-2660060082520604062009-09-16T08:58:41.043+05:302009-09-16T08:58:41.043+05:30आप बे सिर पैर की बातों पर इतने गंभीर और सजग मंच को...आप बे सिर पैर की बातों पर इतने गंभीर और सजग मंच को बंद करने की बात न करें- यह मेरा निवेदन है. आपका स्वागत है नये सूत्रधार के रुप में.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-16004025310197895992009-09-16T08:50:40.081+05:302009-09-16T08:50:40.081+05:30विवेक सिंग एक स्वयंभू मठाधीश ब्लागर की शह पर अपने ...विवेक सिंग एक स्वयंभू मठाधीश ब्लागर की शह पर अपने पंख पसारे अपने आपको ब्लागजगत का मसिहा माने बैठे हैं और उनके गुरु उन्हें अपना संरक्षण देकर खुश रहते हैं. <br /><br />तय करना हो तो आज की चिट्ठा चर्चा का मंच और टिप्पनी देख लिजिये.<br /><br />आपने अच्छा किया कि इनका प्रश्न इस लहजे में लौटाया. <br /><br />आप इत्मिनान से लिखिये, इन दो सज्जनों से ब्लागजगत नहीं चल रहा है, यह बात इनको पता होना चाहिये.राजेश स्वार्थीhttps://www.blogger.com/profile/07732542895868068961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-45813493609829263932009-09-16T08:27:43.610+05:302009-09-16T08:27:43.610+05:30विवेक जी की तो इस तरह की भाषा इस्तेमाल करने की आदत...विवेक जी की तो इस तरह की भाषा इस्तेमाल करने की आदत हो गई है। अन्यथा न लें। वे बस आप का पूरा परिचय और रचना के पलायन का कारण जानना चाहते हैं। और पाठक हैं जी कुछ भी कह सकते हैं। अच्छा न लगे तो मॉडरेशन है ही काहे के लिए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com