tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post4702957909387208198..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: एक खबर एक दुविधारेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-80308263787746568032011-09-13T18:07:19.452+05:302011-09-13T18:07:19.452+05:30ऐसे फैसले लड़कियों के ओहदे को और नीचे लाया जा रहा ...ऐसे फैसले लड़कियों के ओहदे को और नीचे लाया जा रहा है.. एक तरफ हम समानता की बात करते हैं और दूसरी ओर उसी समानता को ठोकर मारते हैं...<br />संगीता जी ने ऊपर सही कहा है कि जो लड़की प्रवेश परीक्षा के लिए रुपये दे सकती है, उसके लिए १०००/- रुपये कोई बड़ी बात न होगी..<br />और न ही मैं इस बात से सहमत हूँ कि उनके लिए कट-ऑफ़ मार्क्स, लड़कों से कम होने चाहिए क्योंकि १०वीं और १२वीं में लडकियां ही हमेशा बाजी मारती हैं तो प्रवेश परीक्षा में भी उतनी ही सक्षम हैं..<br /><br />पता नहीं कैसी दकियानूसी सोच ने ऐसे निर्णय को दिशा दी है.. अफ़सोस हो रहा है दोगले समाज का चेहरा देख कर...Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-13701168036841782612011-09-08T21:02:28.763+05:302011-09-08T21:02:28.763+05:30व्यर्थ की नौटंकी है। वाकई चाहते हैं कि लड़कियाँ पढ...व्यर्थ की नौटंकी है। वाकई चाहते हैं कि लड़कियाँ पढ़ें...तो शुरू से ही विशेष ध्यान देना होगा। कोचिंग की सुविधा और फीस भी पूरी तरह माफ करनी होगी ताकि गरीब माता-पिता भी पढ़ाने की हिम्मत जुटा सकें।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38947025079236305852011-09-01T15:33:49.567+05:302011-09-01T15:33:49.567+05:30मुझे तो लगता है की फार्म की जगह फीस अगर माफ़ कर दे...मुझे तो लगता है की फार्म की जगह फीस अगर माफ़ कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा / क्योंकि आज भी लड़कियों की शिक्षा के मामले में खासकर छोटे छोटे गाँव में अभी भी लोगों की सोच में ज्यादा अंतर नहीं आया है /उन्हें लगता है की इतनी लड़की की पढाई में पैसा खर्च करें फिर उसकी शादी में खर्च करें /इससे तो अच्छा है की उसकी शादी कर दें /अगर फीश माफ़ हो गई तो पढ़नेवाली लडकियां माता-पिता को समझाकर भी पढने आ सकतीं है और फिर माता -पिता को भी ज्यादा आपत्ति नहीं होगी /आप एवम आपके परिवार को गणेशोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएं /श्री गणपतिजी सदा सहाय करें <br /><br /><br /><br />please visit my blog<br />www.prernaargal.blogspot.comprerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-12148686819481533952011-09-01T14:05:40.409+05:302011-09-01T14:05:40.409+05:30इस चीज़ के दोनों ही पहलू सोचने योग्य हैं | सतह पर ...इस चीज़ के दोनों ही पहलू सोचने योग्य हैं | सतह पर देखा जाए , तो यह भेदभाव लगता है, गहरे से देखें, तो यह कुछ फायदे भी पहुंचा सकता है | इस बात के लिए सिर्फ पोस्ट में कमेन्ट की स्पेस मुझे कम लगती है | यह इशु एक पूरी पोस्ट मांगता है, जिसमे पोजिटिव और निगेटिव दोनों बातें डिस्कस हो पाएं | लिखने की कोशिश करूंगी (शायद, समय मिल पाने से) |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-3468682717519089292011-09-01T11:50:26.627+05:302011-09-01T11:50:26.627+05:30जी राजीव कहीं ना कहीं यही मुझे भी लगा क्युकी अभी त...जी राजीव कहीं ना कहीं यही मुझे भी लगा क्युकी अभी तो छात्राओं के लिये हॉस्टल की अलग सुविधा भी नहीं हैं . और अगर २-४ ने इस तरह एडमिशन ले भी लिया तो उनके रहने का क्या प्रबंध होगा . आर्थिक रूप से संम्पन्न तो अभी भी बाहर व्यवस्था कर के रहती हैं <br />इसकी जगह पहले सिस्टम सही किया जाता तो बेहतर होतारचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65085076222819566512011-09-01T10:27:56.088+05:302011-09-01T10:27:56.088+05:30ये एक तरह से चारा फैंका जाता है कालेजों में रौनक ब...ये एक तरह से चारा फैंका जाता है कालेजों में रौनक बढ़ाने के लिए... नहीं तो लड़के भी ये सोच के एडमिशन नहीं लेंगे कि.."छोड़ यार...इस कालेज में तो लड़कियाँ ही नहीं हैं" <br /><br />कुछ ऐसा ही मेरे टाईम पर भी हुआ था 1988 में जब दिल्ली के सत्यवती व अन्य कई कालेजों में लड़कियों को 5% कम नम्बर आने पर भी एडमिशन दिया जा रहा था जबकि दिल्ली के ही कई अन्य कालेजों में ऐसी कोई सुविधा नहीं थी...अगर ऐसा लड़कियों की भलाई के लिए किया गया था तो सभी कालेजों में प्रवेश के एक समान मापदंड होने चाहिए थेराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-67825671138742581022011-08-31T22:43:04.261+05:302011-08-31T22:43:04.261+05:30मुझे भी नहीं लगता इसका कोई फायदा है.मुझे भी नहीं लगता इसका कोई फायदा है.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-59674924541294555762011-08-31T21:58:00.113+05:302011-08-31T21:58:00.113+05:30लड़कियों को दाखिले फार्म मुफ़्त मिलेंगे,जबकि लड़को...लड़कियों को दाखिले फार्म मुफ़्त मिलेंगे,जबकि लड़कों को बढ़ी हुई राशि के साथ मिलेंगे...यह तो लड़कों के साथ अन्याय हुआ।<br /><br />यदि इंजीनियरिंग में लड़कियों की संख्या बढ़ानी है,तो यह तो कोई उपाय न हुआ...क्या लड़कियों के लिए एन्ट्रांस भी इसी कारण से खत्म कर दिया जाए? यदि अन्य शर्तें बराबर हैं...तो यहां भी शर्तें एक जैसी होनी चाहिए।<br /><br />आजकल तो मैं देख रहा हूं कि पुरुष और स्त्री की लाइनें भी समाप्त कर दी गई हैं...फिर यह भेद क्यों?मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-47959341263646261062011-08-31T20:51:27.992+05:302011-08-31T20:51:27.992+05:30जो मिले , वही सही है ।
वैसे आई आई टी में पढने के ल...जो मिले , वही सही है ।<br />वैसे आई आई टी में पढने के लिए हज़ार या डेढ़ हज़ार क्या मायने रखते हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-64102020040493321302011-08-31T16:25:18.420+05:302011-08-31T16:25:18.420+05:30ये गलत है, और ऐसे निर्णय ही गलत रीती को आगे बढ़ते ...ये गलत है, और ऐसे निर्णय ही गलत रीती को आगे बढ़ते हैं |<br />जब कोई इंसान (लड़का या लड़की) अपनी मेहनत से कुछ हासिल करता है ,<br />तो उसमे अलग आत्मविश्वास होता है, जो की छूट पाने में नहीं होता |<br />फॉर्म तो ५०० या १००० रुपये का होता है, वो तो लिया जा सकता है ,<br />छूट तो उन सब लडके, लड़कियों को tution fee में मिलनी चाहिए<br />जो आर्थिक रूप से विपन्न हैं |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51295349323566071492011-08-31T15:06:12.968+05:302011-08-31T15:06:12.968+05:30यदि लडकियों को मदद करनी है तो प्रवेश परीक्षा के पर...यदि लडकियों को मदद करनी है तो प्रवेश परीक्षा के परिणाम में उनको कुछ सहूलियत दी जा सकती है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-63435870934441658082011-08-31T15:03:48.962+05:302011-08-31T15:03:48.962+05:30जो माता पिता अपनी बच्चियों को इस स्तर की शिक्षा द...जो माता पिता अपनी बच्चियों को इस स्तर की शिक्षा दे सकते हैं .. कि वह आई आई टी की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सके ... वे फार्म भरने के पैसे भी खर्च कर सकते हैं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-44670467833966047312011-08-31T14:41:16.561+05:302011-08-31T14:41:16.561+05:30मुझे सही नहीं लगा !!
ईद मुबारक आप एवं आपके परिवार ...मुझे सही नहीं लगा !!<br />ईद मुबारक आप एवं आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.एक ब्लॉग सबका<br /> <br /><a href="http://apnaauraapkablog.blogspot.com/2011/08/blog-post_31.html" rel="nofollow"> ईद पर विशेष अनमोल वचन </a>smshindi By Sonuhttps://www.blogger.com/profile/02157490730225902218noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-33330698304235239512011-08-31T14:16:51.684+05:302011-08-31T14:16:51.684+05:30मुझे तो ये सही लगा । लडकों के अनुपात मे लड़कियों क...मुझे तो ये सही लगा । लडकों के अनुपात मे लड़कियों की घटती संख्या और इंजीनियरिंग पढने के लिये कम लड़कियों का आना यदि सचमुच इस का कारण है तो यह निर्णय सही है...Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.com