tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post4397344367197657230..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: ब्लॉग पर क्या हो रहा हैरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65551726023716637372008-08-09T10:10:00.000+05:302008-08-09T10:10:00.000+05:30मेरी आपति चित्र से बस इतनी हैं की जिस बात का विरोध...मेरी आपति चित्र से बस इतनी हैं की जिस बात का विरोध हम कर रहे हैं ऐसे चित्र हमारे विरोध को हल्का करते हैं . मेने अरविन्द के ब्लॉग पर भी यही कहा हैं <BR/>"बड़ी अजीब बात हैं "चोखेर बाली" , "नारी" और वह कोई भी ब्लॉग जहाँ स्त्री स्वतंत्रता और बराबरी पर विचार होता हैं हमारी संस्कृति का पतन होने लगता हैं और यहाँ खुले आम विज्ञान के नाम पर बिना कोई " टैग " लगाए स्त्री के अंगो के ऊपर लिखा जा रहा हैं और वह कोई भी ब्लॉगर जो चोखेर बाली और नारी पर आकर अपशब्द लिखता हैं कमेंट्स मे , या अपनी नाराजगी दीखता हैं यहाँ बिल्कुल चुप हैं . जो बोल रहे हैं वह भी कामसूत्र का हवाला दे रहे हैं . और लवली की बात पर जरुर गौर करे अगर विज्ञान की ही बात है . स्वतंत्रता हैं अभिव्यक्ति की , अपना निज का ब्लॉग हैं सब सही हैं पर फी बाकि सब पर भी टिका तिपानी बंद करे"<BR/> .पिछले एक सल् से हिन्दी ब्लोगिंग कर रही हूँ और देख रही हूँ किस प्रकार से महिला ब्लोग्गेर्स के ऊपर व्यंग किये जाते हैं उनको http://halchal.gyandutt.com/2008/01/blog-post_31.html से लेकर न जाने कितनी उपाधियों से नवाजा जाता हैं . और वही ब्लॉगर इस तरह के लेखन पर साइंस का परदा डालते हैं . अरविन्द को पूरा अधिकार हैं ओह अपनी ब्लोग्पर कुछ भी लिखे पर <BR/>http://indianscifiarvind.blogspot.com/2008/07/blog-post_26.html<BR/> पर आए कमेन्ट को भी देखे <BR/>Anonymous said... <BR/>लो जी लो, नारियो की ठेकेदारनियाँ आ ही गयी। इनमे से एक तो अविवाहित है पर दूसरो के बसे-बसाये घर उजाड रही है। शादी का लड्डू खाया ही नही तो भला क्या बात करेंगी परिवार के बारे मे। --- और दूसरी, वो तो आप मसिजीवी का चेहरा देख के जान लेंगे। आइये , सताये हुये मसि के दुख के लिये कुछ पलो का मौन रखे। विज्ञान को न समझने वाली ये नारियाँ खूब उछल रही है। पर आप लिखते रहे ब्लागर भाई।<BR/> <BR/>राज भाटिय़ा said... <BR/>अजी एक तरफ़ तो यह अपने आप को हमारे से ऊचा उठा रही हे, हम से मुकाबला कर रही हे एक तरफ़ एक अच्छे लेख पर भडक रही हे , वाह री नारी,जनाब आप किसी एक नारी को निशाना बना कर तो नही लिख रहे फ़िर यह बबाल क्यो? लिखो जी लिखो, <BR/> <BR/><BR/>ब्लॉगर को महिला और पुरूष मे हिन्दी ब्लोगिंग के ठेके दारो ने बांटा हैं एक न्यूट्रल शब्द को लिंग भेद मे बांटना ग़लत था . उसका विरोध किया तो भी हम ग़लत थे , नारी या चोखेर बाली बनाया तो भी हम ग़लत हैं . <BR/> <BR/><BR/>आज लोगो को नारियल शब्द लिखने से भी डर लगता हैं तो मुझे " भय बिन होये ना प्रीती " याद आता हैं<BR/> <BR/>असली मुद्दे को भूल कर कुछ और बात को लाया जा रहा हैं . मुद्दा था की जो ब्लॉगर नारी स्वतंत्रता . नारी लेखन से समाजिक पतन को जोड़ते हैं वही मुस्करा मुस्करा कर साइंस पढ़ते हैं .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-83699429287601905962008-08-08T19:11:00.000+05:302008-08-08T19:11:00.000+05:30नारी के इस प्रकार के चित्र देख कर मुझे तो बुरा लगत...नारी के इस प्रकार के चित्र देख कर मुझे तो बुरा लगता है. नारी देह का जिस तरह और जिस सोच के अंतर्गत आज प्रदर्शन हो रहा है वह सही नहीं है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.com