tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post4053056109839529439..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-47091662114279609042011-03-01T18:50:13.094+05:302011-03-01T18:50:13.094+05:30नारी को ही सशक्त होना होगा !नारी को ही सशक्त होना होगा !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12874930868572823189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-83307533490581089092011-02-27T11:55:01.242+05:302011-02-27T11:55:01.242+05:30आपने मजबूर कर ही दिया दोबारा आने के लिये.ये बताने ...आपने मजबूर कर ही दिया दोबारा आने के लिये.ये बताने आया कि मेरी बात उस संदर्भ में नहीं थी.फिर भी आपने जो समझा सही ही समझा होगा.और उम्मीद करता हूँ आपके साथ ही बाकियों ने भी सही ही समझा होगा .अब आज्ञा दीजिए.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-1316299931004475282011-02-27T08:55:17.748+05:302011-02-27T08:55:17.748+05:30राजनजी, लड़कियों को बीच में लाए बिना एक सामाजिक सम...राजनजी, लड़कियों को बीच में लाए बिना एक सामाजिक समस्या के तौर पर हम इस पर बात कर सकते है। <br /><br />पोस्ट रिमूव नहीं की गई है। अभी भी नारी ब्लॉग पर है...आप पढ़ सकते हैं।pratibhahttps://www.blogger.com/profile/05243107661736776242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-8775319627793691802011-02-27T02:59:57.413+05:302011-02-27T02:59:57.413+05:30This comment has been removed by the author.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-12029026865179127672011-02-27T00:37:37.087+05:302011-02-27T00:37:37.087+05:30पोस्ट पर-अंशुमाला जी से सहमत हूँ कि पहले भी इतने ह...पोस्ट पर-अंशुमाला जी से सहमत हूँ कि पहले भी इतने ही अपराध होते थे लेकिन कुछ अपराध नये किस्म के है जो पहले नही होते थे जैसे धोखे से आपत्तिजनक चित्र खींच लेना mms बनाना इन्हे सीडी बना बाजार में बेच देना नेट पर अपलोड कर देना या इनके जरीये ब्लेकमेल करना नशीली दवाओं का प्रयोग कर यौन शोषण आदि.या यूँ कहें कि अपराधों के तरीके थोडे बदल गये हैं.लेकिन दिक्कत ये है कि इन पर ज्यादा बात करने से एक हौआ खडा होता है जिससे उल्टे लडकियों पर ही रोक टोक लगाई जाती है और न करने से पर्याप्त जागरुकता का अभाव रहता है इसलिये कोई संतुलित रवैया अपनाया जाना चाहिये.कपडों वाली बात पर मैं प्रज्ञा जी से सहमत हूँ.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-20456334645751636142011-02-26T20:31:21.509+05:302011-02-26T20:31:21.509+05:30बेहद शर्मनाक और चिन्ता का विषय है। लेकिन इसके लिये...बेहद शर्मनाक और चिन्ता का विषय है। लेकिन इसके लिये कोई कुछ नही करेगा नारी को ही सशक्त होना होगा। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-33401866798758764692011-02-26T12:25:38.786+05:302011-02-26T12:25:38.786+05:30बेहद शर्मनाक है और आपके प्रश्न भी जायज हैं…………शायद...बेहद शर्मनाक है और आपके प्रश्न भी जायज हैं…………शायद ये सब विकृत मानसिकता को दर्शाते हैं मगर इसका हल बहुत ही मुश्किल है वो भी तब जब अपनो की मानसिकता ही दूषित हो रही हो……………अब एक दूधमूंही बच्ची कैसे ऐसे लोगो का प्रतिरोध कर सकती है और उन्हे सामने ला सकती है………इसका कोई हल फ़िलहाल तो नज़र नही आता सिवाय इसके कि एक माँ अपनी बच्ची की और एक औरत अपनी अस्मिता की रक्षा खुद करे और उसके लिये जरूरी उपाय सीखे जिससे इनके चंगुल मे फ़ंसने पर आत्मरक्षा कर सके।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38270627241379523862011-02-26T11:18:26.606+05:302011-02-26T11:18:26.606+05:30ये घटनाए पहले भी होती थी और इसी मात्र में होती थी ...ये घटनाए पहले भी होती थी और इसी मात्र में होती थी पहले इसे घर की इज्जत के नाम पर ढांक छुपा दिया जाता था आज ज्यादातर इसे बाहर ले आती है न्याय चाहती है | किन्तु उसके बाद भी अब भी कुछ महिलाए यौन शोषण से लेकर रेप तक की घटना कोप सामने नहीं लाती लोगो की इसी रवैये के कारण और अपराधी खुला घुमाता है ऐसे ही और अपराध करने के लिए |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-40998082553191146342011-02-26T11:18:03.645+05:302011-02-26T11:18:03.645+05:30बहुत से पुरुष ऐसा कहते हैं कि छोटे कपड़े उनकी काम भ...बहुत से पुरुष ऐसा कहते हैं कि छोटे कपड़े उनकी काम भावना को भड़का देते हैं पर दो ही बातें कहना चाहूँगी...क्या इसका मतलब ये है कि जो पुरुष बलात्कार नहीं करते हैं या बलात्कार करने की नहीं सोचते हैं उनके पास क्या काम भावना नहीं होती? और दूसरी बात क्या ऐसा सोचने-कहने वाले पुरुष स्वय़ं को पशु से भी हीन प्रदर्शित करना चाहते हैं? (नर-पशु भी मादा-पशु के साथ ज़बरदस्ती नहीं करते).pragyahttps://www.blogger.com/profile/04688591710560146525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-23245383764251149002011-02-26T09:45:46.802+05:302011-02-26T09:45:46.802+05:30शर्मनाक और चिंताजनक!शर्मनाक और चिंताजनक!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10965716801406082562011-02-26T09:00:11.091+05:302011-02-26T09:00:11.091+05:30bahut hi shramnakbahut hi shramnakOM KASHYAPhttps://www.blogger.com/profile/13225289065865176610noreply@blogger.com