tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post3879928506568293836..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: बिना संकलक के हिंदी ब्लॉग पढना बहुत आसान हैंरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-77682558622988839582010-12-31T12:03:54.185+05:302010-12-31T12:03:54.185+05:30नव वर्ष के आगमन पर आपको पुरे परिवार सहित बहुत बहुत...नव वर्ष के आगमन पर आपको पुरे परिवार सहित बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12874930868572823189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51008353655245429112010-12-29T08:51:26.800+05:302010-12-29T08:51:26.800+05:30...बिना संकलक के पढ़ने की ज़िद क्यों ?
जबकि हमारी वा......बिना संकलक के पढ़ने की ज़िद क्यों ?<br />जबकि हमारी वाणी और ब्लागकुट जैसे संकलक मौजूद हैं ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-73137801345630283622010-12-28T18:59:34.475+05:302010-12-28T18:59:34.475+05:30मुझे पता है ब्लॉग जगत से नया नया परिचय होने वाले क...मुझे पता है ब्लॉग जगत से नया नया परिचय होने वाले कुछ लोग यही जुगत अपनाते हैं -यह एक तरह से क्रास रिफेरेंसिंग ही तो है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-19513060837996744182010-12-28T15:40:24.890+05:302010-12-28T15:40:24.890+05:30रचना जी
ये तरीका थोडा मुश्किल है क्योकि ...रचना जी <br /><br /> ये तरीका थोडा मुश्किल है क्योकि इस तरीके में ये पता नहीं चलता है की किस ने अभी नई पोस्ट लिखी है या किसी ने हमारे पसंद के विषय पर पोस्ट लिखी है | सभी के के पोस्टो पर जा कर देखना इसमे तो बहुत समय लग जायेगा | वैसे जितने लोगों को हमने फालो कर रखा है उन्हें ही पढ़ ले काफी है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-23293465512094248402010-12-28T15:39:34.918+05:302010-12-28T15:39:34.918+05:30अच्छी प्रस्तुति ...इसी लिए तो कहता हूँ मेरा ब्लॉग ...अच्छी प्रस्तुति ...इसी लिए तो कहता हूँ मेरा ब्लॉग फोल्लो कीजे..हा हा हा लेकिन बात सत्य है , क्योंकि <br />संकलक बनते जा रहे हैं झगड़ों का अड्डा धन्यवाद् <br />..<br /><a href="http://bezaban.blogspot.com/2010/12/blog-post_3230.html" rel="nofollow">सामाजिक सरोकार से जुड़ के सार्थक ब्लोगिंग किसे कहते </a><br /><a href="http://payameamn.blogspot.com/2010/12/blog-post_27.html" rel="nofollow">नहीं निरपेक्ष हम जात से पात से भात से फिर क्यों निरपेक्ष हम धर्मं से..अरुण चन्द्र रॉय</a>एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.com