tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post1070222266736969668..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: मानस पुत्रियाँ मानस मातायें ........ एक रिले रेसरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-69471680598060361572008-06-06T17:28:00.000+05:302008-06-06T17:28:00.000+05:30पशु हैं वे जो नारी का सम्मान नहीं कर सकते.. नारी श...पशु हैं वे जो नारी का सम्मान नहीं कर सकते.. नारी शक्ति को नमन है..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-81953674914142208662008-06-04T21:42:00.000+05:302008-06-04T21:42:00.000+05:30शीर्षक को सार्थक करती इस पोस्ट का एक एक शब्द बहुत ...शीर्षक को सार्थक करती इस पोस्ट का एक एक शब्द बहुत कुछ कह रहा है... सभी के लिंक धीरे धीरे पढ़ रहें हैं और समझ रहें हैं.... और दुआ भी कर रहें हैं कि इस आवाज़ को सभी सुन और समझ पायें ..मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-5190004563504804362008-06-04T21:02:00.000+05:302008-06-04T21:02:00.000+05:30रचना जी, आपके इस पोस्ट को मानस पुत्रियों के तरफ से...रचना जी, आपके इस पोस्ट को मानस पुत्रियों के तरफ से सौ सलाम! बिल्कुल सही कहा है आपने. मानस माताओं के इस मौन शब्दों को मानस पुत्रियाँ ने एक धीमी आवाज़ लगाई है, जिसकी गूँज दूर दूर तक पहुँच रही है. यह गूँज़ निकली है उन माताओं के दिल से जिन्होने सदियों से विचारों में डूबी अपनी भावनाओं को बाहर नही निकाली थी, आज वो भावनाएँ शब्दों के रूप में बहकर निकल रही है, और किसी ने इस बहाव को रोकने की कोशिश की तो शब्द रूपी सूनामी ना जाने कितनो को अपने लहर के साथ बहा ले जाएगी. <BR/><BR/>यह संघर्ष किसी पुरुष या जातिवर्ग से नही है, बल्कि संघर्ष है भ्रष्ट सोच से, भ्रष्ट विचार से और अन्याय करने वाले हर एक शख़्स से जिन्हे आने वाले तूफ़ानों का अंदाज़ा नही! मानस पुत्रियाँ आज जो भी लिख रही हें, मानस माताओं के दिल से निकलने वाली आवाज़ - कभी आह, तो कभी आगाज़ है जिसका अंज़ाम क्या होगा वो किसी को भी आज नही पता है! <BR/><BR/>मैं आज उनसब मानस माताओं को मानस पुत्रियों कि ओर से सत् सत् नमन करती हूँ! ये ज़िंदगी आप सबकी सूत्रधार है और अब आप सब राह भी दिखा रही हें. सही और ग़लत को पहचानने व डिसिशन खुद लेने की कला सिखा रही हें...हमे तो बस उन राहों पर चलना है जहाँ सिर्फ़ फूल नही शूल भी बिछे हें! <BR/><BR/>मैं बस इतना कहूँगी, माँ का अपमान ना करो और ना होने दो चाहे वो किसी की भी माँ हो. माँ जननी होती है, जिसने अपमान किया उसे इसके परिणाम भी भुगतना होगा. <BR/><BR/><BR/>नारियाँ देश की जाग जाए अगर युग स्वयं ही बदलता चला जाएगा... <BR/>नारियाँ जागरण गीत गाये अगर युग स्वयं ही बदलता चला जाएगा...<BR/><BR/>मानस माताओं को एक बार फिर से सत् सत् प्रणाम!<BR/><BR/>Regards,<BR/>Rewa Smriti<BR/>www.rewa.wordpress.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-45189777201128300752008-06-04T13:14:00.000+05:302008-06-04T13:14:00.000+05:30सही शीर्षक है रचना । इन सभी को पढ़कर (जितने लिंक ...सही शीर्षक है रचना ।<BR/> इन सभी को पढ़कर (जितने लिंक आपने दिए है ) दिल को एक अजीब सा सुकून मिलता है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-15763368460882180552008-06-02T22:02:00.000+05:302008-06-02T22:02:00.000+05:30Gr8 to see the success of modern women. They are r...Gr8 to see the success of modern women. They are really excelling in all fields. I appreciate women rising and wish for their continuous success. Please try to make other women as much aware as you can so that they must be able to know their rights.<BR/><BR/>Naari shakti ka swaruup hai....<BR/><BR/>Jai Bhart, Jai Bhaarti.....<BR/><BR/>Regards<BR/>Jitender SinghJitender Singhhttps://www.blogger.com/profile/01922297826313463812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-7037736953833501572008-06-02T17:06:00.000+05:302008-06-02T17:06:00.000+05:30बहुत ही बेहतरीन पोस्ट रचना यह ..सच में सच कहा जो इ...बहुत ही बेहतरीन पोस्ट रचना यह ..सच में सच कहा जो इस टंकार को नही सुन रहा वह बदलते समय को नही पहचाना पा रहा है <BR/>और आगे आए हर उम्र की नारियाँ और यह रिले रेस चलती रहे यही दुआ है ...रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-15827954220746334172008-06-01T20:19:00.000+05:302008-06-01T20:19:00.000+05:30मेरे पास शब्द नहीं है आपके इस लेख की प्रशंसा के लि...मेरे पास शब्द नहीं है आपके इस लेख की प्रशंसा के लिए इसलिए सिर्फ़ यही.<BR/>नारी <BR/>" जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की "<BR/><BR/>बहुत बहुत आभार.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-22214267191972860462008-06-01T19:06:00.000+05:302008-06-01T19:06:00.000+05:30"माँ , बहिन , बेटी , पत्नी और दोस्त जरुर हैं आज की..."माँ , बहिन , बेटी , पत्नी और दोस्त जरुर हैं आज की नारी पर किसी की जागीर , थाती , संपती अपने को नहीं मानती हैं आज की नारी", सही बात है.Suresh Guptahttps://www.blogger.com/profile/02063125570916978516noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10045871909366717572008-06-01T16:52:00.000+05:302008-06-01T16:52:00.000+05:30सब बेनामी टिप्पणी हटा दी हैं । और इला आपने सही कहा...सब बेनामी टिप्पणी हटा दी हैं । और इला आपने सही कहा है "ये शायद भूल गये हैं कि ये एक नारी की कोख से ही पैदा हुए हैं" aउर ये भी भूल गए हैं की माँ का ही एक रूप दुर्गा भी होता हैं । आप को पोस्ट सही लगी इस के लिये थैंक्स । <BR/><BR/>@ अखिल तिवारी जी भी धन्यवाद , ब्लॉग पर आने के लियेAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-30226795629023300562008-06-01T16:29:00.000+05:302008-06-01T16:29:00.000+05:30बेनामजी की टिप्पणी,४ शब्दों में अपने फ़्रस्टेशन को ...बेनामजी की टिप्पणी,४ शब्दों में अपने फ़्रस्टेशन को बयान कर रही है.यदि ये नारी जाति से इतना ही परेशान हैं तो नारी ब्लौग पर आकर अपना और अन्य पाठकों का समय क्यूं खराब कर रहे हैं.और ये शायद भूल गये हैं कि ये एक नारी की कोख से ही पैदा हुए हैं.इस उत्पाती टिप्पणी के लिये शुक्रिया.और रचना को इस पोस्ट के लिये बधाई.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-17805268759692461992008-06-01T14:37:00.000+05:302008-06-01T14:37:00.000+05:30रिले रेस की मानस माताओं और मानस पुत्रियों को नमन, ...रिले रेस की मानस माताओं और मानस पुत्रियों को नमन, <BR/>आशा है की ये रिले रेस अनवरत जारी रहेगी. और साथ ही जारी रहेगा ये शाब्दिक संघर्ष...Akhilhttps://www.blogger.com/profile/16959274282344081982noreply@blogger.com