January 18, 2013

कौन जिम्मेदार हैं इस दर्द ???

आज कल हिन्दुस्तान टाइम्स अखबार में दूसरे पेज पर उन महिला के संस्मरण छापे जा रहे हैं जिनका कभी ना कभी बलात्कार या मोलेस्टेशन यानी शारीरक शोषण हुआ हैं .

ये संस्मरण आप ई संस्करण में हर दिन 2 नंबर के पेज पर पढ़ सकते हैं

ज्योति सिंह पाण्डेय के साथ जो 16 दिसम्बर को हुआ वो कोई अपवाद नहीं था वो एक आम घटना थी जो रोज किसी ना किसी महिला के साथ , बच्ची के साथ , बूढी के साथ हो रही हैं .

ज्योति सिंह पाण्डेय ने अपनी माँ को बहुत विस्तार से बताया था जिस लड़की के विचार यहाँ दिये गए हैं वो लड़की मर ने तक उन लोगो को जला कर मारने की बात कर रही थी जिन्होने उसके अन्दर रोड डाल   कर उसकी आंतो को बाहर   निकाल था


एक लिंक दे रही हूँ उसकी क्या कामना और इच्छा थी उस लिंक पर मिल जाएगी

http://epaper.timesofindia.com/Default/Client.asp?Daily=CAP&showST=true&login=default&pub=TOI&Enter=true&Skin=TOINEW&AW=1358158373125


उसी प्रकार से हिन्दुस्तान टाइम्स बहुत सी महिला की मुंह जबानी उनके दर्द की दास्ताँ सुनवा रही हैं 

पढिये जरुर  http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx
पर जा कर प्रष्ट संख्या 2 पर जाए
पूरे हफ्ते के संस्मरण पढिये जरुर 

कौन जिम्मेदार हैं इस दर्द का जो इन संस्मरण के शब्दों में हैं ???? 



6 comments:

  1. प्रभावशाली ,
    जारी रहें।

    शुभकामना !!!

    आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
    आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।

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  2. त्वरित न्याय और कठोर दण्ड मिलना चाहिये.

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  3. @कौन जिम्मेदार हैं इस दर्द का...??
    संत abc बापू और बाबा xyz महाराज ने इस सवाल को लोगों के लिए आसान बनाने के लिए विकल्प भी दिए हैं,कृपया सही जवाब चुनें- (a)महिलाएँ
    (b)महिलाएँ
    (c)महिलाएँ
    (d)उपरोक्त सभी।

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  4. पूरी समाज व्यवस्था ज़िम्मेदार है इसके लिए.

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  5. हमारा समाज ,हमारा परिवार , और कहीं न कहीं हम खुद ....एक सच्चाई जो मैंने खुद देखी है ...
    "हमारे मोहल्ले में एक भैया हैं ..मतलब जिन्हें सब भैया कहतें हैं ...मैं जब कुछ दिनों के लिए अपने घर गई तो मेरे मम्मी ने कहा वो देखो बेचारा बिना किसी बात के जेल में है , तो मैंने पुछा क्या हुआ मम्मी बिना बात के तो किसी को जेल नहीं होती इस पर मम्मी का कहना कुछ यूं था ...पांच साल का केश खुलवाया है मायावती ने उसमें गैंग रेप केश में फंस गया बेचारा ....तो मैंने मम्मी से कहा उनको देखकर ही डर लगता है तुम उनकी तरफदारी क्यों कर रही हो, ऐसे इंसान को तो सजा मिलनी ही चाहिए, इस पर मम्मी तपाक से बोल पड़ी कि हाँ तुमको ज्यादा पता है तुम तो यहाँ रहती भी नहीं हो तुम्हे क्या पता बेचारे के 2 छोटे -छोटे बच्चे हैं, पांच साल पहले कि गलती की सजा भला अब क्यों, तब मैंने अपनी मम्मी को बहुत समझाया पर नहीं वो नहीं समझी पर अब जब उनकी ज़मानत हो गई है तो वो खुद कहते हैं कि "मेरे कर्मो की सजा मुझे मिल गई" ....बहुत शर्मनाक है ये ....पर उस लड़की की क्या गलती थी जिसको वो सजा मिली ... ऐसे इंसान को खुला खुमने की या समाज में इज्ज़त कुन मिलती है ...सबको सच्चाई पता है आज फिर भी लोग उस इंसान से बात करतें है, हमदर्दी जतातें है , हर सामाजिक कार्यकर्म में बुलातें हैं क्यों ....मैं आज तक न समझ पाई ...और शायद न समझ पाऊँगी ...

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