August 27, 2010

मैडम सच हैं पर कितना सच हैं आप का ये सच

आज कल विदेश मे बसे लडको से भारत मे बसी लड़कियों का विवाह करने का रुझान बढ़ता ही जा रहा हैं । इन मे से बहुत सी लडकियां काफी पढ़ी लिखी हैं जैसे की डॉ , इंजीनियर , एम टेक या आ ई टी क्षेत्र से जुड़ी लडकियां । इन सब लड़कियों को लगता हैं की विदेश मे बसे लडको से विवाह कर के वो भी विदेश मे नौकरी कर लेगी । लड़कियों के अभिभावक भी इसी प्रकार के विवाह के लिये उत्सुक लगते हैं । यानी विवाह को करियर की एक सीढ़ी बना कर लडकियां आगे जाना चाहती हैं ।

लेकिन बहुत सी लडकियां और उनके अभिभावक उस समय चकित होते हैं जब उनको बताया जाता हैं की लड़की विदेश मे जा कर तुरत नौकरी शायद ना कर पाए । कारण बहुत सीधा हैं , लडके का वीसा किस क्षेणी का हैं उसकी पत्नी को नौकरी मिलेगी या नहीं ये इस पर निर्भर करता हैं । बहुत से नौकरी -वीसा इस प्रकार के होते हैं जिनमे पत्नी नौकरी नहीं कर सकती हैं ये एक प्रकार से तय ही होता हैं ।

ना जाने कितनी पढ़ी लिखी लडकियां जो जीविका अर्जन के लिये सक्षम हैं , जिनको शिक्षित करने के लिये भारतीये सरकार का बहुत पैसा लगता हैं जैसे डॉ , इंजिनियर इत्यादि वो विदेशो मे जा कर अपनी इस शिक्षा का कोई उपयोग नहीं करती हैं । वही अगर अपने देश मे होती तो शायद उनकी तकनिकी शिक्षा इस देश के काम आती ।

कई बार विदेशो मे बसी ऐसी ही महिला नौकरी के विरोध मे बोलती पाई जाती हैं । वो निरंतर ये कहती हैं की नारी का काम घर को संभालना होता हैं । नौकरी करने वाली महिला अपना घर सक्षमता से नहीं संभल पाती इस लिये वो इतना शिक्षित होने पर भी नौकरी नहीं कर रही हैं और फिर भी आराम से रह रही हैं ।

सच्चाई को अपने मुताबिक नया आयाम देकर और लड़कियों को गुमराह करने वाली ऐसी स्त्रियाँ ये नहीं सोचती की वो नारी सशक्ति करण के रास्ते मे एक व्यवधान खडा करती हैं । कहीं ना कहीं ऐसा लगता हैं जैसे क्युकी वो नौकरी नहीं कर पाई इस लिये और भी ना कर सके ।

15 comments:

  1. bahut din baad aap ki post aayee
    achcha mudda haen

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  2. आपका कहना बिल्कुल सही है, वास्तव मैं ऐसा ही है, जिसमें वहाँ पर रह रहे लोगों के लिए और यहाँ से जाने वालों के लिए अलग अलग नियम है. मेरी बेटी भी वहाँ गयी है लेकिन अभी तक अपने घर पर ही है, उसका तो मामला ही अलग है वह यहाँ पर काम कर रही है और यहाँ से छुट्टी लेकर अपने पति के साथ उसके वर्क परमिट पर साथ है. लेकिन वहाँ पर जाकर रह रहे लोगों के लिए भी नौकरी इतनी आसन नहीं होती.

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  3. बहुत सच बात कही है आपने ..... इसे एक तरह का मायाजाल ही कहा सकते है ! मेरी भी कई सहेलिय है जो विदेश तो आगई है पर कई कर्नोसे जॉब नहीं कर पा रही है ! तो वो भी वही सब कहती है जो आपने लिखा है .....
    यहाँ लड्कियोको तथा उनके परिवारजनों को सोचना कहिये आपने अपनी लड़की को इतना काबिल बनाया है तो डर किस बात का ? वो अपने देश में रहा कर भी अच्छा भविष्य बना सकती है ...

    बहुत सुन्दर लेख बधाई !

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  4. शुक्रिया रेखा दी और कोरल मेरी बात को समझने के लिये । नेट पर हिंदी ब्लॉग मे ही ना जाने कितनी जगह इस प्रकार की बातो को पढ़ा हैं । एक विवाह योग्य पुत्री की माँ हूँ सो आज सोचा दिग भ्रमित करने वाली बातो । आलेखों और पोस्टो के प्रति अपना असहमत होना दर्ज कर दू

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  5. पोस्ट पढने के लिये शुक्रिया महेश सिन्हा जी

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  6. achhha vishay aur sahi baat......
    apki post pasand aayee.

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  7. कृपया इस बात को अन्यथा न लें पर बहुत दिनों के बाद यहाँ सार्थक पोस्ट दिखी. आभार अच्छी पोस्ट पढवाने का.
    जानकारी को हम भी प्रसारित कर दें, आपके नाम सहित यदि अनुमति मिले तो. इस तरह की जानकारियाँ समाज में जरूर आनी चाहिए क्योंकि ये दिशा तय करतीं हैं.
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  8. डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर

    aap kisi bhi post kaa link dae kar post ko aagey badhaa saktey haen
    thanks

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  9. आप को पोस्ट अच्छी लगी इसके लिये अनूप जी मै आप की आभारी हूँ
    कडवी सच्ची पोस्ट पर आप का आना मन को भाया हैं दिव्या जी , आभारी हूँ आप के कमेन्ट की
    सेगर जी , रचना जी आप को उत्तर दे ही चुकी हैं मै बस यही कहूँगी सार्थकता का पैमाना अभी बना ही नहीं हैं । ये ब्लॉग एक पहल मात्र हैं

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  10. मोनिका जी शुक्रिया

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  11. बढ़िया और सार्थक पोस्ट लगी ।

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  12. हम जो आसपास देखते है उसे बाँटना बहुत जरुरी है |
    अच्छी पोस्ट |

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