February 25, 2010

इक नारी की बहादुरी

नारी अब अपनी जिंदगी के मायने बदल रही है. ऐसी तमाम घटनाएँ सुनने को मिलती हैं जहाँ नारी ने अबला की बजाय सबला बनकर गुंडे-बदमाश-चोरों के छक्के छुड़ा दिए. ऐसा ही वाकया हुआ भोपाल में. भोपाल की एक बहू नीतू अग्रवाल ने दिनदहाड़े घर में लूटपाट करके भागे लुटेरों का स्कूटर से पीछा कर उनको धर दबोचा। भोपाल के रचना नगर में डॉ. केसी अग्रवाल के घर में दिनदहाड़े करीब ढाई बजे तीन लुटेरे घुसे और उन्होंने जेठानी सपना और देवरानी नीतू अग्रवाल के जेवर उतरवाए और भाग निकले। लुटेरे हाथ में खंडर और चाकू लेकर घुसे थे। जब लुटेरे लूटपाट करके चले गए तो नीतू ने उनका स्कूटर से पीछा किया और रेलवे पटरी के पार झाड़ियों में छिपे लुटेरे को देखकर शोर मचाया और वहाँ इकठ्ठी हुई भीड़ की मदद से लुटेरे को पकड़ लिया। वाकई नीतू की इस बहादुरी ने एक उदारहण पेश किया है कि इच्छा-शक्ति हो तो बहुत कुछ किया जा सकता है.

आकांक्षा यादव

6 comments:

  1. नीतू ने एक मिसाल कायम की
    बधाई

    ReplyDelete
  2. नीतू की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। आपको भी बधाई, ऐसे उदाहरण समाज को देने के लिए।

    ReplyDelete
  3. नीतू का हौसला काबिलेतारीफ है।

    ReplyDelete
  4. सब नारिय़ाँ नीतू जैसी हो जाएँ।

    ReplyDelete
  5. नारी शक्ति अब जाग उठी है.

    ReplyDelete

Note: Only a member of this blog may post a comment.