February 23, 2010

साहस और चतुराई को बनाया हथियार................


आज आये दिन लगभग सभी दैनिक समाचार पत्रों में शहरी क्षेत्रों में होने वाली लूट-खसोट और चोरी की घटनाओं का उल्लेख मिलता है, जिसमें सबसे अधिक घटनाएँ महिलाओं के साथ होती हैं. इससे स्पष्ट होता है की आज कोई भी अपने और अपने परिवार को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहा है. कब क्या अप्रिय घटना घट जाय कोई कुछ नहीं बता सकता! यह समस्या घर और बाहर दोनों जगह बराबर बनी है.  मेरा मानना है इस दिशा में चाहे घरेलु महिला हो या कामकाजी दोनों को आत्मनिर्भर बनने की सख्त जरूरत है, जिसे वह कम से कम अपनी और अपने परिवार पर आने वाली किसी भी मुशीबत का सामना अपने साहस और सूझ-बूझ से दे सके. बिना बिलम्ब किये अपनी सूझ-बूझ से ही उसे इन असामाजिक तत्वों का मुकाबला करने का साहस दिखाने की आवश्यकता है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से दैनिक समाचार "पत्रिका" में प्रकाशित एक ऐसे ही साहसिक घटना की कतरन प्रस्तुत कर रही हूँ, जिससे निश्चित ही इस दिशा में सार्थक सन्देश मिल सकेगा.......  जय हिंद
-कविता रावत


10 comments:

  1. praerak bhi rochak bhi

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  2. बिलकुल सही कहा औरतों को खुद को सक्षम करना होगा ये खबर सब के लिये प्रेरणाप्रद है धन्यवाद

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  3. वाह !!! बहुत ही प्रेरक घटना है. आपको धन्यवाद कि आपने ये खबर हम तक पहुँचाई.

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  4. अभिनन्दन इस ज़ज्बे को
    ====================
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  5. ye housla bana rahe

    to ghousla bana rahe

    nari ke utthaan ka

    ye silsila bana rahe

    __albela khatri

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  6. साहसिक घटना ... जज़्बे को सलाम!

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  7. जहाँ हिम्मत होती है, वही ईश्वर भी साथ देता है. एक प्रेरणादायक घटना से कुछ सीखने को मिलता है. विपत्ति में भी धैर्य और साहस खोना नहीं चाहिए.
    इस प्रस्तुति से हम आभारी है.

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  8. aarakshan kee baisakhee ke sthan par aatmbal kko badhana hi ekmatr sahee rasta hai.

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