November 30, 2009

क्या करे ?

शुभा जब १० साल की उसके पिता एक बिजली के खम्बे से गिरकर अपाहिज हो गये उनको हर्जाना(बिजली विभाग ) इसलिए नही मिला क्योकि वो उनकी ड्यूटी नही थी वो किसी और की जगह काम करने चले गये थे|और नौकरी भी हाथ से चली गई |जैसे तैसे अपने परिवार का गुजारा चलाया शुभा के चार भाई बहन है शुभा का नम्बर तीसरा है उसकी बड़ी बहन बड़े भाई की शादी हो चुकी है |शुभा ने मन ही मन सोच रखा था वो अपने परिवार का सहारा बनेगी १०वि पास करते करते वो एक स्कूल में पढ़ाने लगी |फ़िर उसने बी. टी .आइ ।ट्रेनिग की फ़िर १२वि क्लास पास की फ़िर बी. ए । पास किया इस बीच स्वामी विवेकानन्द के विचारो से प्रेरित होकर उसने अविवाहित रहने की इच्छा माता पिता के समक्ष रखी उन्होंने उस समय तो हा कह दिया |शुभा भी नोकरी के साथ अनेक संस्थाओ से जुड़कर व्यस्त रहने लगी |
अचानक माता पिता को शुभा की शादी करने की रिश्तेदारों ने सलाह दी माता पिता राजी हो गये लडके ढूंढे जाने लगे नोकरी करती हुई लडकी को देख बहुत से रिश्ते आ गये शुभा ने शादी के लिए न कह दिया |
माता पिता की भावुकता के दबाव में आकार शुभा ने भी शादी के लिए अब हाँ कह दिया है अब जबकि वो ३१ साल की होने को आई है |अब जो भी रिश्ते आते है खेती बाड़ी परिवार के या वकीलों के रिश्ते आते है जो चाहते है की शुभा नोकरी छोड़ दे और घर परिवार संभाले |शुभा करे तो क्या करे ?क्योकि वो एक गावं में sarkari स्कूल में शिक्षिका है |

5 comments:

  1. कोई क्या सलाह देगा. वह परिपक्व है, स्व विवेक से निर्णय लेना चाहिये.

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  2. उसे नौकरी नहीं छोड़नी चाहिए।

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  3. अब शादी एक मजबूरी नहीं रह गयी है, विवाह वह बेशक करे लेकिन इसके लिए नौकरी छोड़ कर सिर्फ घर संभालनेवाली पत्नी बनकर रहना न तो उसके लिए उचित है और न उसे यह करना चाहिए. शादी करके कोई यदि सोचेकि उस पर अहसान करने जा रहा है और उसके एवज में उसे हर हाल में समझौता करना होगा . ये उसकी बहुत बड़ी भूल होगी. वह सक्षम है और नौकरी के साथ साथ घर भी संभल सकती है. आज करीब करीब शत प्रतिशत महिलाएं नौकरी और घर कुशलतापूर्वक चला रही हैं. हाँ मेहनत उन्हें जरूर बहुत करनी पड़ती है लेकिन दोनों दायित्वों के लिए बराबर न्याय भी जरूरी है.

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  4. i agree with udan tashtari. she is mature enough. she can make any decision of her life.

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  5. बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

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