२००९ का आगमन हो रहा हैं ।
आप सब को नया साल शुभ हो ।
हमारे देश मे सदा शान्ति रहे और हम हमेशा हर जरुरत पर एक दूसरे के लिये खडे हो ।
हर आने वाला साल नई उम्मीदे लाता हैं
पर
बीते साल की यादे भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं ।
यादो को याद रखेगे तो उम्मीदे भी पूरी होगी
क्युकी
आज जो उम्मीद हैं कल वह ही याद होगी
२००८ को याद करते हुए चलिये चलते हैं २००९ मे
सफर यादो से उम्मीदों का
naya saal bahut sari khushiyan leke aaye naya saal aapko aur sabhi ko bahut mubarak ho.
ReplyDeleteआपको नववर्ष की शुभकामनायें !
ReplyDeleteकुछ ही पलों में आने वाला नया साल आप सभी के लिए
ReplyDeleteसुखदायक
धनवर्धक
स्वास्थ्वर्धक
मंगलमय
और प्रगतिशील हो
यही हमारी भगवान से प्रार्थना है
नव वर्ष आप को बहुत बहुत मुबारक हो!
ReplyDeleteआपको, आपके परिवार को पाश्चात्य नववर्ष 2009 की शुभकामनायें
ReplyDeleteनववर्ष की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteनववर्ष की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। ये पंक्तियां मेरी नहीं हैं लेकिन मुझे काफी अच्छी लगती हैं।
ReplyDeleteनया वर्ष जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम
नया वर्ष नयी यात्रा के लिए उठे पहले कदम के नाम, सृजन की नयी परियोजनाओं के नाम, बीजों और अंकुरों के नाम, कोंपलों और फुनगियों के नाम
उड़ने को आतुर शिशु पंखों के नाम
नया वर्ष तूफानों का आह्वान करते नौजवान दिलों के नाम जो भूले नहीं हैं प्यार करना उनके नाम जो भूले नहीं हैं सपने देखना,
संकल्पों के नाम जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम!!!
आप सबको २००९ की बधाईयां।
ReplyDeleteनमस्कार
ReplyDeleteयह मेरा पहला hit है आपके ब्लॉग पर.
मुझे लगता है की स्त्री विमर्श पर और भी अधिक संजीदगी से विचार किया जाना चाहिए जो नहीं हो रहा है. प्रायः लोगों ने यह मान लिया है कि पुरुषों के विरोध में खड़े हो जाना या कि स्त्री को सत्ता के शीर्ष पर खडा कर देना ही स्त्री विमर्श का अंतिम लक्ष्य है. जबकि मुझे ऐसा नहीं लगता. मैंने भारतीय भाषा परिषद् की पत्रिका वागर्थ के जुलाई 2008 अंक (नव लेखन अंक ) में अनामिका के उपन्यास दस द्वारे का पींजरा के बहाने ऐसे ही कई सवालों को उठाया था. उस लेख को यदि इस ब्लॉग के moderator अपने ब्लॉग पर डालें तो मुझे लगता है कि कुछ सार्थक बहस अवश्य हो सकती है. Link is :- bharatiyabhashaparishad.com
अनुज, नयी दिल्ली.