December 12, 2008

डॉ कुसुम लता जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की

डॉ कुसुम लता जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की । नहीं इस महिला का कोई लिंक या चित्र मै उपलब्ध नहीं करा सकती । अब या तो आप मेरी बात पर व्विश्वास कर सकते हैं या अविश्वास ।
क्यूँ मै आज डॉ कुसुम लता पर लिखना चाहती हूँ , क्यूँ उनको इस ब्लॉग पर आप सब के सामने लाना जरुरी हैं क्युकी मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापको से आने वाले academic council के लिये चुनाव मे इनके लिये वोट चाहिये ।
मै कुसुम को १९९९ से जानती हूँ । मेरी माँ दिल्ली विश्विद्यालय मे दौलत राम कॉलेज मे पढाती थी और एक दिन कुसुम अपने पति डॉ आर ऐ शर्मा के साथ हमारे घर आयी थी । उन्होने नए हमारे घर के पास एक फ्लैट खरीदा था और उसी के लिये दावत देने आयी थी ।
बातचीत के दौरान उन्होने बताया की वो किरोडी मल कॉलेज मे प्राध्यापिका हैं और उनके पति राम लाल आनन्द कॉलेज मे हिन्दी के प्राध्यापक हैं । उनके दो बेटियाँ भी हैं । कुसुम बताती जा रही थी और मै सुनती जा रही थी , उम्र मे मुझसे छोटी हैं सो दीदी कह रही थी ।
मै सोच रही थी की कैसे उन्होने अपनी जिन्दगी को इतनी ऊँचाइयों पर लाया होगा । मै देख रही थी उनके जीने की इच्छा को और मै अभिभूत थी ।
कुसुम और उनके पति दोनों नेत्रहीन हैं और उनसे जुड़ कर मुझे जिन्दगी की लडाइयों को जीतने का नया जज्बा मिलता हैं ।
परसों कुसुम और उनके पति दोनों आए थे मम्मी से आशीर्वाद लेने क्युकी कुसुम दिल्ली विश्वविद्यालय केacademic council के चुनाव मे खड़ी हो रही हैं । मै केवल और केवल अपना फ़र्ज़ निभा रही हूँ ब्लॉग के जरिये उनके लिये वोट मांग कर ।
वोट इस लिये नहीं की कुसुम नेत्र हीन हैं बल्कि इसलिये क्युकी वो जिन्दगी मै आगे बढ़ना चाहती हैं और हम उसके इस सपने को पूरा कर सकते हैं ।
कुसुम अपने रेसिडेंट वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्षा भी रह चुकी हैं और एक बहुत ही सक्षम व्यक्तित्व की मालकिन हैं । मोबाइल फ़ोन , कंप्यूटर इत्यादि उनको पुरी तरह से आता हैं । दोनों बेटिया पूरी तरह स्वस्थ हैं और दोनों ही शालीन हैं ।
कुसुम से आप किरोडी मल कॉलेज मे मिल सकते हैं । वोट करने के लिये १९ दिसम्बर को चुनाव हैं और उनका
BALLOT NUMBER 09 हैं .

7 comments:

  1. कुसुम जो खुद हिन्‍दी की ही अध्‍यापक हैं, हमारे साथ वाद विवाद के समय की साथी वक्ता रही हैं, अपनी नौकरी के लिए कॉलेज के प्रशासन से लंबी लड़ाई लड़ी है। अरसा हुआ उनसे बातचीत नहीं हुई। किंतु हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।

    दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में स्‍त्री, डिसेबल्‍ड, दलित व अन्‍य हाशिए के वर्गों के लिए स्‍थान बनाने की अभी भी गुंजाइश है ये बात राहत देती है। पुन: शुभकामनाएं

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  2. हम कुसुम के लिए शुभकामनाएँ ही व्यक्त कर सकते हैं यहाँ से तो। उन्हें सफ़लता मिले। उनकी जिजीविषा जीते।

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  3. kusum ji jindgi ki sabhi jang jeeten ,shubhkaamnaayen

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  4. कविता जी की ही टिप्पणी दोहरा सकता हूँ कि हम कुसुमलता जी के लिए शुभकामनाएँ ही व्यक्त कर सकते हैं यहाँ से तो। उन्हें सफ़लता मिले।

    मेरी शुभकामनायें

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  5. kusm ji ko aneko shubkamnaye

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  6. बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।

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