October 13, 2008

एक महिला जिसने धुयें से हम सब की आज़ादी अर्जित की

मिसाल है मोनाम्मा कोक्कड़ जिन्होने १२ जुलाई १९९९ मे केरल हाई कोर्ट मे पी आई अल { पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन } दाखिल किया था की सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध हो । उन्होने इस लिटिगेशन मे उस सर्वे का हवाला दिया था जिसमे कहा गया था की ७५ % लंग कैंसर के शिकार व्यक्ति धूम्रपान करते थे ।
एक साल बाद जब फैसला उनके पक्ष मे आया और जस्टिस नारायणा कुरूप और जस्टिस लक्ष्मणन ने सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर बैन लगा दिया ।
मोनाम्मा कोक्कड़ मानती हैं की इस प्रकार का बैन ज्यादा कारगर नहीं हो पाता क्युकि सिगरेट की सेल से सरकार को आय होती हैं ।

मोनाम्मा कोक्कड़ ६१ वर्ष की अवकाश प्राप्त प्रोफेसर हैं और अब धूम्रपान के नुक्सान पर निरंतर काम कर रही हैं । बिना इनका नाम लिखे इस " धूम्रपान निषेध " के विषय मे लिखना शायद सम्भव ना हो उअर निरर्थक भी हैं ।
पूरी जानकारी के लिये लिंक क्लिक करे
और इसे ही कहते हैं
"The Indian woman has arrived "

6 comments:

  1. aapki kalam ko naman, bahut hi aacha vishay aur aacha laga aapko padh kar. likhte rahiye, samaj ke uthaan ke liye kalam ka chalna bahut zaroori hai

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  2. अफ़सोस है कि जिसने पहल की उनका नाम कहीं नही बताया गया ! महिला होकर कोर्ट में जाकर जीत हासिल करना, यही गुण होने चाहिए महिला नेत्रियों में !
    इनको आदर सहित

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  3. बहुत से धुम्रपान प्रेमियों को आप ने असली विलेन का नाम बता दिया है।

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  4. बढ़िया काम किया है इन महिला ने ..देखते हैं सफलता कितनी मिलती है अब

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  5. उत्साहवर्द्धक जानकारी के लिए धन्यवाद.

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  6. Madam, bahut hi achhi jankari di hai aapne yahan pe.
    mera naam abha sinha hai , mai jharkhand me ek mining company ke sath job kar rahi hun.
    mai aapse ek permission lena chati hun ki kya mai is post ki ek copy le sakti hun , mai ise www.jaibhojpuri.com pe paste karna chahti hun taki bahut sare logon tak is mahila ki mahan karya ki jankari pahuncha sakun.

    pls permit me.
    thnaks
    abhasinha83@gmail.com

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