इस को एक सर्वे माने और उत्तर दे और अगर सम्भव हो तो अपनी बेटी की आयु और अपनी आयु तथा आपके के पुत्र हैं या नहीं ये भी लिखे ।
१ क्या आप अपनी बेटी से नौकरी करायेगे
२ क्या आप अपनी बेटी की आय का कोई भी हिस्सा सहर्ष स्वीकारेगे उसके विवाह से पहले और बाद मे भी
३ क्या आप अपनी बेटी के साथ उसकी ससुराल मे रहना पसंद करेगे
४ क्या आप को फरक पड़ेगा अगर आप का संस्कार आप की बेटी करे या आप केवल बेटे से ही संस्कार कराना सही समझते हैं ।
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ReplyDeleteरचना जी, सर्वे का संदर्भ भी होना चाहिए और प्रश्नावली को ठीक से बनाया भी जाना चाहिए। किसी भी सर्वे को करने के पहले किस समूह का सर्वे किया जाना है? यह भी निर्धारण किया जाना चाहिए। टेलीविजन वाले रोज जो मोबाइल के जरिए सर्वे कर रहे हैं उस का कोई अर्थ नहीं है। सर्वे के आरंभ के लिए किसी प्रोफेशनल स्टेटीशियन का मार्गदर्शन भी आवश्यक है। तभी सही निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं।
ReplyDeleteआप जो जानना चाहती हैं तो मैं अपने बारे में बता दूँ कि मेरे लिए पुत्र और पुत्री में कोई फर्क नहीं है। मेरी बेटी नौकरी करती है। बेटा भी उसी राह पर है। यदि मुझे आवश्यक हुआ तो बेटे-बेटी दोनों से सक्षम होगा उसकी आय का हिस्सा स्वीकार करने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है। विवाह के पूर्व भी और बाद में भी, लेकिन कोशिश यही रहेगी कि दोनों से किसी तरह की आर्थिक सहायता की आवश्यकता मुझे न हो। मैं बेटे और बेटी दोनों के ही ससुराल में रहना पसंद नहीं करूंगा। हाँ यदि उन के स्वयं के घर हुए तो दोनों के यहाँ रहने में मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। कोशिश यह रहेगी कि आवश्यकता होने पर वे दोनों ही मेरे साथ रहें।
किसी भी व्यक्ति के देहावसान के उपरांत उस का संस्कार कौन करता है? उस पर क्या फर्क पड़ता है? यह तो तत्कालीन समाज तय करता है, व्यक्ति नहीं। फिर मेरी समझ में तो संस्कार की आवश्यकता क्या है सर्वोत्तम संस्कार तो यह है कि आप चिकित्सा अध्ययन हेतु अपनी देह दान कर दें और आवश्यक प्रतिरोपण किए जा सकने वाले अंग प्रत्यारोपण के लिए। मेरी तो यही इच्छा है।
यदि आप कोई सर्वे करना चाहें तो उस का उद्देश्य निर्धारित करें, उसे किसी सामाजिक संस्था को सुझाएँ और उस के माध्यम से सर्वे होने दें। आप चाहें तो इस संबंध में मेरी पुत्री पूर्वा से संपर्क कर सकती हैं। वह इसी काम की प्रोफेशनल है।
ReplyDeleteमैं द्विवेदी जी से शतप्रतिशत सहमत हूँ ! मैंने आज से ५ वर्ष पहले अपना शरीर मानव जाती के लिए दान कर रखा है ! अगर किसी के कार्य आ जाए तो इससे अच्छा कुछ नही हो सकता !
ReplyDeleteमेरे ख्याल से द्विवेदी जी ने करीब-करीब सब कुछ तो कह ही दिया है। मैं भी सहमत हूँ उनकी विचारधारा से
ReplyDeleteमेरे जवाब:
ReplyDelete१ क्या आप अपनी बेटी से नौकरी करायेगे? - यह फ़ैसला मेरी बेटी का होता. जो फ़ैसला वह करती मुझे मंजूर होता.
२ क्या आप अपनी बेटी की आय का कोई भी हिस्सा सहर्ष स्वीकारेगे उसके विवाह से पहले और बाद मे भी? - अगर वह मुझे कुछ देना चाहेगी तो में सहर्ष स्वीकार करूंगा, पर स्वयं ख़ुद कुछ नहीं मानूंगा.
३ क्या आप अपनी बेटी के साथ उसकी ससुराल मे रहना पसंद करेगे? - मैं अपने घर में रहना पसंद करूंगा. हाँ कुछ दिनों के लिए, कभी-कभी वहां जाना पसंद करूंगा अगर वह मुझे निमंत्रित करेगी तो. बिना निमंत्रण के मैं बेटे के यहाँ जाना भी पसंद नहीं करूंगा.
४ क्या आप को फरक पड़ेगा अगर आप का संस्कार आप की बेटी करे या आप केवल बेटे से ही संस्कार कराना सही समझते हैं।? - मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मेरा बेटा बड़ा है वह ही संस्कार करेगा. अगर बेटी बड़ी होती तो वह करती. लेकिन यह फ़ैसला बेटे और बेटी का होता.