July 08, 2008

हर जनम मोहे बिटिया ही कीजो

हर जनम मोहे बिटिया ही कीजो

हर जनम मे मुझे शक्ति इतनी ही दीजो की जब भी देखू कुछ गलत , उसे सही करने के लिये होम कर सकू , वह सब जो बहुत आसानी से मुझे मिल सकता था /है /होगा ।
चलू हमेशा अलग रास्ते पर जो मुझे सही लगे सो दिमाग हर जनम मे ऐसा ही दीजो की रास्ता ना डराए मुझे , मंजिल की तलाश ना हो ।
बिटियाँ बनाओ मुझे ऐसी की दुर्गा बन सकू , मै ना डरू , ना डराऊँ पर समय पर हर उसके लिये बोलू जो अपने लिये ना बोले , आवाज बनू मै उस चीख की जो दफ़न हो जाती है समाज मे।
रोज जिनेह दबाया जाता है मै प्रेरणा नहीं रास्ता बनू उनका । वह मुझसे कहे न कहे मै समझू भावना उनकी बात और व्यक्त करू उन के भावो को अपने शब्दों मे।
ढाल बनू , कृपान बनू पर पायेदान ना बनू ।
बेटो कि विरोधी नही बेटो की पर्याय बनू मै , जैसी हूँ इस जनम मै ।
कर सकू अपने माता पिता का दाह संस्कार बिना आसूं बहाए ।
कर सकू विवाह बिना दान बने ।
बन सकू जीवन साथी , पत्नी ना बनके ।
बाँट सकू प्रेम , पा सकू प्रेम ।
माँ कहलायुं बच्चो की , बेटे या बेटी की नहीं ।
और जब भी हो बलात्कार औरत के मन का , अस्तित्व का , बोलो का , भावानाओ का या फिर उसके शरीर का मै सबसे पहली होयुं उसको ये बताने के लिये की शील उसका जाता है , जो इन सब चीजो का बलात्कार करता है ।
इस लिये अभी तो कई जनम मुझे बिटिया बन कर ही आना है , शील का बलात्कार करने वालो को शील उनका समझाना है । दूसरो का झुका सिर जिनके ओठो पर स्मित की रेखा लाता है सर उनका झुकाना हैं । वह चूहे जो कुतर कर बिलो मे घुस जाते हैं , बाहर तो उन्हें भी लाना है ।
दाता हर जनम मोहे बिटिया ही कीजो ।

10 comments:

  1. आमीन .....सही लिखा है आपने

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  2. एक एक शब्द दिल को छू गया। उन ऒरतों के लिये प्रेरणादायी हॆ जो अगले जन्म में ऒरत नहीं बनना चाहती। एक राजस्थानी भजन याद आ गया: 'म्हारो तिरिया जनम छुडाय दे रे पहाडां का बदरीनाथ' जल्द ही पोस्ट करूंगी।

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  3. sach dil ko chu gaya ye lekh,kitna sahi kaha rachanaji bahut khubsurat,har janam beti hi banaye parampita,jo roushani ki raah ho.

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  4. रचना जी
    आपने बहुत ही सुन्दर भाव व्यक्त किए हैं। मैं भी आफकी ही तरह हर जनम में नारी ही बनना चाहती हूँ। इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई स्वीकारें।

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  5. वाह ! भगवान करे आप की एक एक इच्छा पूर्ण हो……।

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  6. sach hai..bahuton se suna hai ki agale janam me aourat na banaye bhagwaan..unke liye ye achha misaal hai..aapka lekh.

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  7. वाह..बहुत खूब.. ऐसा ही होगा... क्योंकि आपकी तीव्र इच्छा शक्ति दिखाई देती है.

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  8. सुन्दर और दिल की बात ...

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  9. बहुत सुन्दर भाव.मेरे विचार आपसे बहुत मिलते जुलते हैं.प्रभावी पोस्ट के लिये बधाई.

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  10. अच्छा लगा हैं ये जानकर की इतने लोगो की मन की बात लिख सकी

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