June 29, 2008

नारी स्वातंत्र्य की पराकाष्टा या पब्लिसिटी स्टंट ???

एक स्थानीय दैनिक मे छपी ख़बर के अनुसार हल्बा समाज की एक युवती स्वयम्वर के द्वारा विवाह रचाने जा रही है , जिसकी चर्चा पुरे छत्तीसगढ़ मे है तथा जिज्ञासा भी, की कैसा होगा यह स्वयम्वर । छत्तीसगढ़ का बालोद तहसील एक विकासशील तहसील के रूप मे जाना जाता है इस तहसील मे दुसरे वर्ग केसाथ साथ हल्बा जो कीइस क्षेत्र की प्रगति शील जन जाति है, बहुतायत मे रहते है ,हल्बा मुख्या रूप से छत्तीसगढ़ के दुर्ग राजनांदगांव,बस्तर ,धमतरी ,कांकेर जिले मे अधिक संख्या मे है, छत्तीसगढ़के दुर्ग जिले के बालोद से 9 किमी दूर ग्राम घुमका में आदिवासी हल्बा समाज की युवती के लिए स्वयंवर का आयोजन किया जा रहा है। स्वयंवर समारोह में ऐसे वर सम्मिलित हो सकते है, जो अपने आपको अन्नपूर्णा के वर बनने के योग्य समझते हैं।घुमकामें जन्मी२२वर्षीय अन्न्पुर्न्ना का कहना है कि स्वयंवर रचाने का निर्णय उसने ख़ुद लिया तथा वह कुछ ऐसा करना चाहती थी जिसे दुनिया याद रखे। शादी तो हर किसी की होती है, लेकिन वह इस कलियुग में स्वयंवर के माध्यम से अपने लिए वर ढूंढ़कर एक अलग मिसाल पेश करना चाहती है।अन्नपूर्णा स्वयंवर में सम्मिलित हुए वरों से पांच सवाल पूछे जाएंगे। यह सवाल अभी गुप्त रखे गए हैं। आयोजन के दिन ही इसे सामने लाया जाएगा, जो वर पांचों सवालों के सही उत्तर देगा, उसी को अन्नपूर्णा अपना वर चुनेगी।
स्वयंवर में भाग लेने वाले को पांच सवाल के जवाब तो देने ही होंगे, लेकिन इसके पहले उन्हें अपनी योग्यता का परिचय भी देना होगा। स्वयंवर की शर्त यह है कि युवक आदिवासी हल्बा समाज का ही हो। वर की आयु कम से कम 22 और अधिकतम 26 वर्ष हो। स्वयंवर में छत्तीसगढ़ के बालोद,गुंडरदेही,लोहारा,गुरूर,धमतरी इन पांचों तहसील के ही युवक भाग लेंगे। स्वयंवर में भाग लेने के इच्छुक युवक 3 जुलाई तक ग्राम घुमका विकासखंड बालोद में उक्त परिवार से संपर्क कर अपनी इच्छा व्यक्त कर सकते है।अन्नपूर्णा के लिए योग्य वर का चुनाव स्वयंवर के माध्यम से हो,यह इच्छा उसकी माता पलटीन बाई और पिता रामरतन ठाकुर की भी थी। उनका परिवार रामचरित मानस कथा प्रभावित हैं, इसलिए वे भी इसका अनुकरण करते हुए लीक से हटकर कुछ अलग करने की चाह रखते हैं। पूरे गांव में उत्सवी माहौल होगा। स्वयंवर की खबर दूर-दूर तक पहुंच चुकी है। गली-गली में पंपलेट चिपकाया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है।
आयोजक परिवार के द्वारा ही 4 जुलाई शुक्रवार से 8 जुलाई मंगलवार को पांच दिवसीय रामचरित मानस यज्ञ का आयोजन किया गया है,यज्ञ समाप्ति दिनाक 8 जुलाई के दिन ही स्वयंवर आयोजित है। स्वयंवर समाप्ति के बाद सामाजिक रीति रिवाज एवं परंपरा अनुसार विवाह संपन्न कराया जाएगा । क्या उक्त लडकी का ऐसे तरीके से विवाह करना सही है ?समाचार से यह स्पष्ट है कि उक्त परिवार धार्मिक ग्रंथो से प्रेरित होकर ऐसे आयोजन कर रही,उक्त युवती भी कुछ अलग करने कि चाह मे स्वयम्वर रचाने की बात स्वीकार कर रही, लेकिन क्या सिर्फ़ पाँच प्रश्नों के उत्तर से योग्य जीवन साथी का चुनाव किया जा सकता है ,क्या यह नारी स्वातंत्र्य की पराकाष्टा है , या यह मामला धार्मिक ग्रंथो पर अंध विश्वास का है जहा योग्य वर की मिलने की संभावना भाग्य पर छोड़ जाता है या ये एक पब्लिसिटी स्टंट हैं हो दिखाता हैं की हमारी युवा पीढी अपनी उर्जा को कैसे नष्ट करती हैं ?? आप क्या कहते हैं ??

6 comments:

  1. इस प्रकार के काम केवल ध्यान आकर्षित करने के लिये किये जाते हैं . आज कल मीडिया से पब्लिसिटी बहुत मिल जाती हैं और कई बार तो चेंनेल्स अपनी टी आर पी के लिये इन सब आयोजनों को स्पोंसर भी करते हैं . ये और इनके जैसी अन्य लडकियां आज़ादी का मतलब ही नहीं जानती . आप ने सही लाख लिखा हैं हम सब को इन सब घटनाओं का बहिष्कार करना चाहिये सामाजिक तौर पर .

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  2. रचना जी से पूरी सहमति है।

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  3. मैं भी रचना जी से सहमत हूँ,दूसरों का ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित करना ही ऐसे लोगों का मकसद है...

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  4. आमतौर पर लड़की लड़का देखने की प्रथा से तो कुछ अधिक बुरा नहीं है यह।
    घुघूती बासूती

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  5. मिंया बीवी राज़ी तो क्या करेगा काजी? .......... रही बात समाज द्वारा बहिष्कार की तो यह निकम्मा समाज खूनी, बलात्कारी, अपराधी और भ्रष्टाचारी लोगों को अपना रहनुमा बनाए हुए है तो फ़िर तो यह बड़ा मासूम सा ध्यान खींचने का प्रयास है.......... और जो चैनल, समाचारपत्र (यहाँ तक की ब्लॉग भी) इसे कवर कर रहें हैं, इसके बारे में बहस करके तमाशबीनों की भीड़ में शामिल हो रहे हैं वही ऐसी बातों पर ध्यान न देने की बात कह रहे हैं...............और ऐसे प्रयास अगर पसंद नहीं है तो इनके बारे में बात ही न करें, जब कोई इन तमाशों की तरफ़ देखेगा ही नहीं तो लोग यह सब करना भी छोड़ देंगे......... वैसे हम भारतीय बड़े ही मंजे हुए और हद्द फुरसतिया किस्म के तमाशबीन हैं ;-)....... कैसे भी और किसी भी वक़्त होने वाले हर तमाशे के चश्मदीद बनने हम हरदम तैयार हैं :-D

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  6. आज कल का ट्रेंड है यह ख़बरों में ख़ुद को लाने का ..मिडिया तो ख़ुद ही ऐसी खबरों को कवर करने में लगी रहती है ..पर यदि इस लड़की को लगता है की इस तरह उसको सह जीवन साथी मिल जायेगा तो यह उसकी जिन्दगी का फ़ैसला है ..

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