April 26, 2008

" एक लड़की जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की "

मिसाल बिक "ऊषा" जिसने एक ऐसे परिवार मे जनम लिया जिसे समाज का एक तबका चमार और दूसरा तबका सफाई कर्मचारी कहता हैं । ७ साल की उमर से घर घर जा कर सिर पर human waste ढोने वाली ये लड़की जुलाई के पहले हफ्ते मे U N जा रही हैं , जहाँ उसकी और उसके जैसी १५० महिलाओ की प्रेरणा भरी जिन्दगी के बारे मे लिखी किताब का विमोचन हैं । ऊषा ने आज से ५ साल पहले अपनी जिन्दगी को बदला और उस संस्था की सदस्य बनी जिसका नाम " नयी दिशा " हैं । उस संस्था ने उनको अचार और नूडल्स बनाने का काम दिया और आज ये products मार्केट मे बिक रहे हैं । ऊषा की स्वतंत्र सोच ने उसके लिये जिन्दगी के नए दरवाजे खोल दिये हैं ।

ज्यादा जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध हैं

इसकी को कहते हैं " the indian woman has arrived "

4 comments:

  1. उनको हमारी ओर से भी हौसला अफ़जाई.

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  2. sach mein badhai ki hakdar hai usha,jisne apna aur dusron ka bhi jeevan badala.

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  3. उषा को बधाई और शुभकामनाएं।

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  4. उषा को बधाई और ढेर सारी शुभ कामनाये :)

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