tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post905532694340198004..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: कब तक हम ओछी मानसिकता का सेहरा बाजारवाद के सर पर पहनाते रहेगे ।रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-23854272729926564232010-03-21T08:11:29.884+05:302010-03-21T08:11:29.884+05:30स्त्री और उस की सुंदरता पुरुष की कमजोरी है। बाजार ...स्त्री और उस की सुंदरता पुरुष की कमजोरी है। बाजार इस को भुना रहा है। पुरुष उन की मानने को तैयार नहीं।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74801248449076184872008-10-02T11:55:00.000+05:302008-10-02T11:55:00.000+05:30बना दिया बाज़ार राष्ट्र को, भूल गए अपना इतिहास. सब ...बना दिया बाज़ार राष्ट्र को, भूल गए अपना इतिहास. सब लगे हैं बाज़ार में ख़ुद को और अपने फायदे के लिए दूसरों को भुनाने में. <BR/><BR/>@आप बडे से बड़े ओहदे पर क्यों ना हो पर रहते कामुक पुरूष ही हैं.<BR/>सब पुरूष ऐसे नहीं हैं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-87375801522081534822008-09-30T11:43:00.000+05:302008-09-30T11:43:00.000+05:30मैं आप से पूरी तरह सहमत हूँ, ओरत को इस्तेमाल किया ...मैं आप से पूरी तरह सहमत हूँ, ओरत को इस्तेमाल किया जाता है, जगह चाहे कोई भी हो, मानसिकता वही रहती है...रहा सवाल बुश या ज़रदारी का तो इन लोगों के किरदार से और अपेक्षा ही क्या की जासकती है...rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37423039385169941902008-09-29T21:20:00.000+05:302008-09-29T21:20:00.000+05:30@varshakripaa kar jaan lae ki yae chitr kisi samaa...@varsha<BR/>kripaa kar jaan lae ki yae chitr kisi samaanta ko nahin darsha rahey haen , aaur ghostbuster ji ko maene jo sandarb diya haen please ek baar us sandarbh ko jarur daekhae aur dobara bhi kament kareyAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27516583888135925552008-09-29T21:18:00.000+05:302008-09-29T21:18:00.000+05:30सतीश जी आप विषय से हटना चाहते या विषय को देखना नही...सतीश जी आप विषय से हटना चाहते या विषय को देखना नहीं चाहते . आप ख़ुद ही अपने प्रश्न का उत्तर दे दे तो और लोग भी समझ सके की आप वास्तव मे क्या कह रहे हैं .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78008263186569591822008-09-29T21:15:00.000+05:302008-09-29T21:15:00.000+05:30@ghoat buster ji ये चित्र बुश के उस समय के हैं जब ...@ghoat buster ji <BR/>ये चित्र बुश के उस समय के हैं जब वो एक सार्वजनिक मंच पर एक जर्मन महिला के साथ मिसबिहेव कर रहे थे . जर्मन महिला ने इस पर कडी आपति दर्ज की थी और बाद मे बुश ने माफ़ी भी मांगी थी .किसी भी समाज मे मानसिकता एक सी है पुरूष की स्त्री के प्रति . केवल और केवल एक देह आकृति . ये महिला एक बहुत उचे ओहदे पर हैं जर्मनी मे बुश के साथ बारबरी से डायस पर बैठी हैं पर बुश जी को मसाज करनी थी सो उन्होने की . और दुसरा चित्र जरदारी जी का जब वो इस अमेरिकी महिला को "आप बहुत जोर्जेओउस हैं "कह रहे हैं . <BR/>आश्चर्य हैं आप को ये सन्दर्भ नहीं पता . वरना आप इसमे देशज और विदेशी मानसिकता की बात का प्रश्न और मोरल का प्रश्न नहीं उठाते .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-58514929112080185382008-09-29T21:10:00.000+05:302008-09-29T21:10:00.000+05:30तस्वीरें शानदार हैं और कार्यस्थल पर स्त्री-पुरुष स...तस्वीरें शानदार हैं और कार्यस्थल पर स्त्री-पुरुष समानता को दर्शाती हैं। ख़ासतौर पर मसाज देते बुश।<BR/>इसमें न तो बाज़ार है, न स्त्री-पुरुष के संबंधों वाला नज़रिया। हर चीज को औरत-मर्द के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।वर्षाhttps://www.blogger.com/profile/01287301277886608962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-1437016075928395742008-09-29T20:31:00.000+05:302008-09-29T20:31:00.000+05:30अगर प्रेजिडेंट बुश के सामने महिला के स्थान पर कोई ...अगर प्रेजिडेंट बुश के सामने महिला के स्थान पर कोई पुरूष अधिकारी होता, तो आप क्या कहतीं रचना जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-84685945217402563542008-09-29T19:50:00.000+05:302008-09-29T19:50:00.000+05:30देखिये, अगर आप बुश के चित्रों के लिए चिंतित हैं तो...देखिये, अगर आप बुश के चित्रों के लिए चिंतित हैं तो मैं इन्हें अजीब नहीं मानता. भारतीय और अमेरिकी परिवेश में बहुत अन्तर है. वहां का समाज और मानसिकता हमसे अलग है. आप इसे भारतीय दृष्टिकोण से मत देखिये और इन्हें लेकर कोई मोरल जजमेंट मत पास कीजिये.<BR/><BR/>वैसे अब ऐसे दृश्य हमारे यहाँ भी यंग जनरेशन में आम दिख जाते हैं, और केवल पुरुषों की ओर से ही नहीं. नयी पीढी की सोच अलग है, काफी खुली हुई है और मैं इसमें कोई बुराई भी नहीं देखता.<BR/><BR/>ये बात भी स्वीकारने लायक नहीं है कि सुन्दरता के सामने गुणों की कद्र नहीं होती. तमाम महिलाओं का उदहारण दिया जा सकता है जिन्होंने अपने काम के दम पर अपनी पहचान बनाई और इज्जत हासिल की है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-61676310629943777662008-09-29T18:14:00.000+05:302008-09-29T18:14:00.000+05:30स्त्री और उस की सुंदरता पुरुष की कमजोरी है। बाजार ...स्त्री और उस की सुंदरता पुरुष की कमजोरी है। बाजार इस को भुना रहा है। पुरुष उन की मानने को तैयार नहीं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27856176652275836292008-09-29T16:41:00.000+05:302008-09-29T16:41:00.000+05:30karobaar krne ke liye bhi oorat jaruri hai.......?...karobaar krne ke liye bhi oorat jaruri hai.......???MANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-57220851538045494152008-09-29T14:43:00.000+05:302008-09-29T14:43:00.000+05:30बाजार चाहता है कि औरत उसका हिस्सा बने ताकि उसकी दु...बाजार चाहता है कि औरत उसका हिस्सा बने ताकि उसकी दुकान चलती-संवरती रहे।11111https://www.blogger.com/profile/11021483645544858479noreply@blogger.com