tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post8483575056975601873..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: ‘कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं का संरक्षण विधेयक 2010’रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-53143401837240086362011-03-24T16:58:44.639+05:302011-03-24T16:58:44.639+05:30उपासना आप ने बहुत बडिया लिखा हैं इस ब्लाक को देखक...उपासना आप ने बहुत बडिया लिखा हैं इस ब्लाक को देखकर मुझे बहुत खुशी हुईPAHCHANhttps://www.blogger.com/profile/14654820903790815841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-28249838154304000012011-03-23T09:36:32.285+05:302011-03-23T09:36:32.285+05:30साबित नहीं करने पर सजा नहीं होगी शिकायत झूठी या दु...साबित नहीं करने पर सजा नहीं होगी शिकायत झूठी या दुर्भावनावश की गई साबित हो जाती है तो सजा होगी.और यह भी इतना आसान न होगा.मुझे लगता है ऐसे केस में महिला को चेतावनी देकर या फिर कुछ आर्थिक जुर्माना लगाकर छोड देना चाहिये.कानून अपनी जगह सही है कितना कारगर हो पाएगा ये देखना है.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51855301225624789572011-03-22T20:05:36.072+05:302011-03-22T20:05:36.072+05:30जेएनयू में एक कमिटी है GSCASH (जेंडर सेंसिटाईजेशन ...जेएनयू में एक कमिटी है GSCASH (जेंडर सेंसिटाईजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हरासमेंट).. यह कमिटी कितनी प्रभावी है यह इस बात से समझा जा सकता है कि जेएनयू आज जेएनयू महिलाओं के लिए भारत ही नहीं दुनिया के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है.. रात के २-३ बजे लडकियां कैम्पस की सुनसान सड़कों और जंगलों में भी निश्चिन्त होकर घूमती हैं.. किसी की मजाल नहीं कि कोई अश्लील कमेन्ट कर दे.. छेड़-छाड़ तो बहुत दूर की बात है.. क्योंकि यह कमिटी सुनवाई का ऐसा माहौल सुनिश्चित करती है कि कोई भी महिला खुल के अपनी आपबीती बता सकती है और दोषी की खिलाफ कड़ी कार्रवाई निश्चित होती है.. ये अलग बात है कि यदा कद इस क़ानून के दुरूपयोग के मामले भी सामने आते हैं पर समग्र रूप में यह एक आदर्श व्यवस्था है... सरकार और अन्य संस्थाओं को भी इस मोडल को अपनाना चाहिए...Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27121552532166400142011-03-22T17:32:36.396+05:302011-03-22T17:32:36.396+05:30welcom to naari blog
keep posting informative ar...welcom to naari blog <br /><br />keep posting informative articles <br /><br />time is changing and slowly the system will also change <br /><br />we all need to me more vocal and also to stand with each otherरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-57625018830533309532011-03-22T16:50:39.197+05:302011-03-22T16:50:39.197+05:30@अगर शिकायत करने वाली महिला अपने उत्पीड़न को साबित...@अगर शिकायत करने वाली महिला अपने उत्पीड़न को साबित नही कर पाती तो उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।<br /><br />ये एक लाइन ही बता रही है की सरकार महिलाओ के सुरक्षा के प्रति कितनी संवेदनशील है और वो इसे कितनी गंभीरता से ले रही है | इस मामले में क्या किसी भी कानून में ये प्रावधान किया जायेगा की यदि सामने वाला साबित नहीं कर सकता तो उस पर ही मुक़दमा चलेगा तो कोई भी शिकायत के लिए आगे नहीं आएगा | ये ठीक है की लोगो को झूठा फ़साने और कानून का गलत प्रयोग की संभावना होती है किन्तु ये तो हर कानून में हो सकता है हत्या से लेकर दहेज़ या श्रम कानूनों में भी ये हो सकता है तो क्या वहा भी ये प्रावधान लागु है की आप अपना आरोप साबित नहीं कर पाए तो आप पर मुक़दमा चलेगा | सरकार की मनसा साफ नहीं दिख रही है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.com