tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post8076656935645223510..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: अखबार पढ़ कर मेरे मन मे तो बस इतना आया ईश्वर इसे उठा लो . रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger40125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-7793708431799298612013-01-07T15:43:26.575+05:302013-01-07T15:43:26.575+05:30राजन जी मै यहाँ ये कहना चाह रही हूँ की संसद में ब...राजन जी मै यहाँ ये कहना चाह रही हूँ की संसद में बैठ कर जी लोग ये कह रहे है, उन्हें इसे कहने की जरुरत नहीं है उन्हें ही तो ये करना है , ये काम तो उन्हें काफी पहले ही कर देना चाहिए , दुसरे इस केस की बात करे या दिल्ली में आय दिन हो रहे चलती गाडियों में गैंग रेप की तो ये साफ है की रात में वहां की सड़के पूरी तरह से अपराधियों के लिए छोड़ दी गई है क्या दो घंटो तक ये सब होता है और एक भी पुलिस पेट्रोलिग वैन की नजर उस पर नहीं जाती है एक भी पुलिस बिट के सामने से वो बस नहीं गुजरती है , इस तरह का हर केस पूरी तरह से पुलिस कानून व्यवस्था की नाकामी का है , और जिसको दुरुस्त करने का ठीक रखने का काम ही इन माननीय लोगो को करना है , उन्हें इस बात पर ध्यान देना चाहिए उनके लिए प्राथमिकता कानून व्यवस्था सुधारने की होनी चाहिए जब उनकी प्राथमिकता कोर्ट होगा तो कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी , नतीजा देखिये नोयडा में एक और केस हो गया क्योकि ऐसे केसों के लिए लापरवाह पुलिस वालो को कोई सजा ही नहीं मिली , और ये माननीय लोग पुलिस के खिलाफ कुछ करेंगे भी नहीं क्योकि दोनों का चोली दामन का साथ है , शिला जी भी मोर्चा न्याय के लिए नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस को अपने अंतर्गत लेन के लिए निकाल रही थी , । <br />anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-39187863769524459722012-12-22T13:09:41.394+05:302012-12-22T13:09:41.394+05:30Kuch nahi keh sakti.. vishwas hi uth gaya hai puri...Kuch nahi keh sakti.. vishwas hi uth gaya hai puri tarah.. :'( Rashmi Swaroophttps://www.blogger.com/profile/14615276585404778659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-15868377711929652392012-12-21T17:17:49.629+05:302012-12-21T17:17:49.629+05:30Inbox
x
Shilpa Mehta
16:24 (52 minutes ago)
...<br />Inbox<br /> x<br />Shilpa Mehta<br /> <br />16:24 (52 minutes ago)<br /> <br />to me<br /> <br />Translate message<br />Turn off for: Hindi<br />नहीं राजेश जी - यह सबूत मिटने को नहीं किया गया ।<br /><br />डॉक्टर्स कह रहे हैं - उसकी आँतों को जो नुक्सान हुआ है - वह इसलिए की -<br />यह बहुत बुरा है लिखने के लिए - लेकिन रचना सही कह रही हैं । उसके भीतर<br />रोड डाले गए और इतने जोर से खींचे गए कि साथ ही अंतडी बाहर निकल आई ।<br /><br />गिरफ्तार हुए एक व्यक्ति ने कहा है कि उसने "देखा" की<br />"रोड के साथ रस्सी जैसी कोई चीज़ (जो शायद उसकी अंत थी) बाहर आई" - और<br />उसने अपने साथी को उसे बाहर खींचते देखा<br /><br />: ( : ( : (रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9356582534334412302012-12-20T23:20:46.983+05:302012-12-20T23:20:46.983+05:30@सारे माननीय लोग बार बार
फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की बात ...@सारे माननीय लोग बार बार<br />फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की बात कर<br />रहे है समझ नहीं आता की वो ये<br />कहना चाहते है की हा जुर्म<br />हो जाने दीजिये हम सजा जल्द<br />से जल्द दिला देंगे <br />ऐसा तो कोई नहीं कह रहा ।आप यदि नारी ब्लॉग का ही अर्काईव चैक करें तो ऐसी कई पोस्ट मिलेंगी जिनमें इस तरह की चर्चा खूब हो चुकी है कि कैसे इस अपराध को रोका जाए।वो एक अलग विषय है।आपकी बात मानी जाए तो फिर वो कानूनी प्रावधान भी खत्म करने पड़ेंगे जिनमें बलात्करी की सजा की बात की गई है और केवल पुलिस की ही मुस्तैदी की बात की जाए।यहाँ पोस्ट और टिप्पणियों में केवल इस केस की बात हो रही थी इसलिए सजा की बात की.बाकी आपकी सभी बातें सोचने को मजबूर करने वाली हैं।<br />राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-24624792230090818642012-12-20T15:51:03.471+05:302012-12-20T15:51:03.471+05:30please friends - click this link (or copy the link...please friends - click this link (or copy the link and paste it in your URL - and sign the petition for fast track hearings of not just this case but for all such gang rape cases.<br /><br />http://www.change.org/petitions/union-home-ministry-delhi-government-set-up-fast-track-courts-to-hear-rape-gangrape-cases#Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-43045034484224996692012-12-20T00:15:59.971+05:302012-12-20T00:15:59.971+05:30मेरे हिसाब से ऐसी दुर्घटना का कुछ समाधान संभवतः.ये...मेरे हिसाब से ऐसी दुर्घटना का कुछ समाधान संभवतः.ये हो सकता है.......<br />..१. नेताओं की सुरक्षा पर मिलने वाली पुलिस को तत्काल हटा दिया जाए...<br />.एवं उनकी सुरक्षा व्यवस्था निजी हाथों में सौंप दी जाये...<br />२. कम से कम दिल्ली में शराब पूर्णतः बंद किया जाये..<br />३. फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाया जाये...<br />बाकि मानसिकता बदलने के प्रयास किये जाने चाहिए..मेरा व्यक्तिगत मत है कि "इंसान की फितरत कभी नहीं बदलती"....बस मौके के तलाश में रहती है....सो हमें प्रभावी समाधान चाहिए...saurabhhttps://www.blogger.com/profile/05509956013009840756noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60436473371219670962012-12-19T21:59:12.934+05:302012-12-19T21:59:12.934+05:30सजा, फाँसी मिले सजा, फाँसी मिले Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14629207535770719149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9375028743056240562012-12-19T21:34:11.323+05:302012-12-19T21:34:11.323+05:30प्रिय रचनाजी व नारी ब्लॉग के मेरे सभी संवेदनशील भा...प्रिय रचनाजी व नारी ब्लॉग के मेरे सभी संवेदनशील भाई-बहन ,<br /><br />ओह ! समाज की इस घटना ने संपूर्ण भारतीय समाज को हतप्रभ कर दिया है ,आज सभी को वो बिटिया अपनी बिलकुल अपनी ,उसका दर्द अपना व उसका परिवार अपना परिवार लग रहा है। भावनात्मक रूप से हम एक मंच पर अनायास जुड़कर एक हो गए हैं . आज हम सभी अनजान-अपरिचित लोग भी एक होकर उस बेटी के लिए एक परिवार के परिजनों की तरह बेहद बेचैन हो उठे हैं .<br />स्वतंत्र भारत में क्या इतना असुरक्षित हो गया है हमारा परिवार या हम ,कि लग रहा है यहाँ कोई कानून या उसका कोई डर ही नहीं रहा .<br />क्यों कुछ गिने-चुने नीच - पाशविक कृत्य + मानसिकता वाले लोगों को ने दूसरों को यूँ भयभीत कर दिया है। <br />समाज का हर परिवार काँप उठा है ,पर सोचना ये है कि इन समस्याओं का समाधान + निदान क्या हो या होना चाहिए। क्या केवल हमारे आक्रोशित विचारों या गुस्से का इजहार कर देने से इस भयावह हादसे या ऐसे कार्यों का कुछ निष्कर्ष निकलने वाला है .<br />ऐसे बलात्कारियों को तो फांसी की सजा देना आसान मौत होगी ,उनको तो वो सजा मुनासिब होगी जो वे जिंदगी भर झेलें. <br />आज तो ऐसे कानून या सजा की जरुरत है कि उनके जैसे और अपराधिक मनोवृति वाले लोगों को सदैव भय बना रहे की किसी बच्ची या महिला शक्ति के तरफ आँख उठाकर भी देखा तो ------क्या हश्र हो सकता है। <br />आवश्यकता है हम सभी को एकजुट होकर आवाज उठाने की ,साथ ही सभी की सहमति से इतने जघन्य अपराध के लिए सजा तय करने की। अब हमारे समाज में ऐसी स्थिति नहीं रह गई है कि हमें केवल नाराजगी ,भयभीत या क्रोध दिखाने से कार्य होगा .किसी कठोर से कठोर त्वरित कार्यवाही(ACTION )<br />अमल में लाने के लिए केवल प्रयत्नशील ही नहीं ,इस मकसद के लिए अड़ जाना होगा .ऐसे घ्रणित कार्य का सर्व सम्मति ऐसा दंड निर्धारित किया जाये .हमें एकजुट होना ही होगा ताकि अपराधी अपराध करने के या कुछ भी कदम उठाने के पहले से ही डरे।<br />गंभीरता से इस पहलू पर सभी मिलकर आवाज उठायें व अब तो निर्धारित करना ही होगा कि किस तरह की सजा इन आधुनिक राक्षसी कृत्य वालों को मिलना चाहिए।<br />हमें हमारे देश में एक भयमुक्त समाज बनाने के लिए एकजुट होना ही होगा ,जहाँ हम व हमारे परिवार अपनी बेटी व बेटे को एक सा माहौल व शिक्षा देने में हिचक न करें। <br /><br />अलका मधुसूदन पटेल ,लेखिका-साहित्यकार<br />Gyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-49985790027347068062012-12-19T13:12:55.315+05:302012-12-19T13:12:55.315+05:30अंशुमाला जी आपके उठाये गए सारे बिंदु विचारणीय है ...अंशुमाला जी आपके उठाये गए सारे बिंदु विचारणीय है क्योंकि सब ठीक हैं। लड़कियाँ जो आज नौकरी कर रही हैं , अपने कार्यस्थल से छूट कर आते आते अँधेरा हो जाता है और जब वे अपने साथ किसी और सदस्य के रखते सुरक्षित नहीं है तो फिर अकेले कहाँ तक सुरक्षित हैं? दिल्ली ऐसे शहर में हजारों लड़कियाँ बहार से आकर पढाई और नौकरी कर रही हैं। सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून व्यवस्था उचित होनी चाहिए और पुलिस की भूमिका भी . फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट घटना के बाद का उपाय है और ऐसे अपराधों पर अंकुश के उपाय जरूरी है<br />रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-30047837158900157212012-12-19T12:57:29.056+05:302012-12-19T12:57:29.056+05:30 i agree with the whole comment anshumaala ji , al... i agree with the whole comment anshumaala ji , all the three points ... <br />Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-71374035811228469702012-12-19T12:51:07.043+05:302012-12-19T12:51:07.043+05:30agree anshumala ji .. those children who were trav...agree anshumala ji .. those children who were travelling in this bus regularly need to be asked / counselled , it is a very worrying possibility....Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-59059491929470860542012-12-19T12:47:53.353+05:302012-12-19T12:47:53.353+05:30i agree with you swapna ji i agree with you swapna ji Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-47733747835966319762012-12-19T10:39:38.905+05:302012-12-19T10:39:38.905+05:30 कल टीवी पर जब लड़की की चोटों के बारे में हालत बता... कल टीवी पर जब लड़की की चोटों के बारे में हालत बताई गई थी तो उसी से अंदाजा लग गया था की ये न केवल रेप केस है बल्कि दरिंदगी की हदे भी पार की गई है । मै नहीं समझ पा रही हूँ की उसके लिए क्या दुआ करू, मै चाहती हूँ की उसे कम से कम उसे अपने शारीरिक दर्द से छुटकारा मिल जाये लेकिन मौत से नहीं । एक स्त्री और एक बेटी की माँ होने के कारण ये घटनाये डराने के साथ रुला भी देती है ।<br /><br /> मै यहाँ कई बाते कहना चाहूंगी पहली की लोगो को पता ही नहीं है की मर्ज क्या है और दवा क्या करना है , सारे माननीय लोग बार बार फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की बात कर रहे है समझ नहीं आता की वो ये कहना चाहते है की हा जुर्म हो जाने दीजिये हम सजा जल्द से जल्द दिला देंगे , प्राथमिकता तो ये होनी चाहिए की हम आगे से जुर्म को होने ही नहीं देंगे , सड़को पर पेट्रोलिंग बढ़ाएंगे , और अपराधियों में पुलिस कानून के प्रति डर पैदा करेंगे , जिससे जुर्म हो ही नहीं , इस तरह तो अपराधी अगली बार ये सोचेगा की अपराध तो करो पर पकडे न जाओ । किन्तु उम्मीद किससे करे जब अपराध रोकने वाले पुलिस ही कुछ समय पहले एक स्ट्रिंग में कहते है की बलात्कार केस पुलिस तक लाने वाली लड़किया पैसे और फायदे के लिए ये करती है , तो सोचिये की अपराध कैसे रुकेगा , कोई भी कानून बन जाये कोई फायदा होने वाला नहीं है , जब तक पुलिस को सोच ये रहेगी ।<br /><br />दूसरा समाज की सोच है लडकिय के प्रति आज भी जब छेड़ छाड़ और बलात्कार के लिए कही न कही उन्हें ही दोषों करार दे दिया जाता है कभी उनके कपड़ो पर कभी उनके रात में घुमने पर ( देखिएगा इस केस में भी कुछ लोग मिल जायेंगे हर पिछले केस की तरह कहेंगे की लड़की इतनी रात को अपने पुरुष मित्र के साथ घूम ही क्यों रही थी ) ये बाते अपराधियों को अपराध करने के लिए और बढ़ावा देती है और लड़कियों को और डरा देती है । समाज का एक व्यक्ति भी , एक भी व्यक्ति यदि किसी भी तरीके से .01% भी बलात्कारी को उसके अपराध के लिए कम गलत बताता है तो वो व्यक्ति एक नए बलात्कारी को जन्म देता है , और वो व्यक्ति भी इस तरह के अपराध का भागीदार होता है , इस लिए लोगो को अपना बड़ा गन्दा मुंह खोलने से पहले सौ बार सोचना शुरू करना चाहिए , की वो जो कह रहे है उसका क्या परिणाम हो सकते है ।<br /><br />तीसरे ये बात सोच कर मन और भी डर जाता है की जिस बस में और उसके ड्राइवर ने ये किया है वो स्कुल के छोटे बच्चो को स्कुल ले जाता था , पुलिस को तो ये भी देखना चाहिए की कही उन बच्चो के साथ तो कोई शोषण नहीं हो रहा था । anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-40340359722372955022012-12-19T07:41:59.042+05:302012-12-19T07:41:59.042+05:30I agree with Manjusha ji's view!I agree with Manjusha ji's view!रेवा स्मृति (Rewa)https://www.blogger.com/profile/13005191329618003468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-71089830465031544112012-12-19T01:40:34.913+05:302012-12-19T01:40:34.913+05:30जो सचमुच 'पुरुष' होते हैं, ऐसा घटिया काम न...जो सचमुच 'पुरुष' होते हैं, ऐसा घटिया काम नहीं करते है ...नपुंसक ही करते हैं ऐसा काम। अपनी नपुंसकता की जोर आजमाईश के लिए स्त्री से बढ़ कर बढ़िया शिकार और कौन हो सकती है भला ...?<br />मैंने पहले भी कहा है, बलात्कारियों की सजा फाँसी नहीं होनी चाहिए, जो भी बलात्कारी पकड़ा जाए, उसका लिंग काट कर उसके सामने ही जला कर राख कर देना चाहिए ...फिर उसके दोनों हाथ काट देना चाहिए, और फिर उसे छोड़ देना चाहिए आज़ाद, बाकी का जीवन जीने के लिए।<br /><br />भारत बेसिकली कापुरुषों का देश है ...आज तक ऐसा क्यों नहीं होता कि किसी महिला का बलात्कार हुआ और पुरुषों ने उस अपराधी को पकड़ने में सहायता की, या फिर उसे पकड़ कर सज़ा दी। क्या बजह है की ऐसे हादसों में पुरुष वर्ग हमेशा चुप रहता है (मैं पुरुषों की टिप्पणी की बात नहीं कर रही हूँ) सही मायने में कभी भी मैंने नहीं सुना कि किसी बलात्कारी को पुरुषों ने धर दबोचा हो या फिर उसे पकड़ कर सबके सामने ले कर आये हों।<br /><br />मुझे न दुःख हो रहा है, न ही विषाद, न ही उस अभागिन युवती के जीवन के लिए प्रार्थना करने की इच्छा है, इस समय बस इतना चाहती हूँ, कि कुछ देर के लिए मेरे हाथों में कोई ऐसी शक्ति आ जाए कि मैं उन कमीनों को अपने मन माफिक सजा दे सकूँ और उस सज़ा का सरे आम प्रसारण करवा दूँ ताकि हर बलात्कारी बस देख कर ही दहशत से वहीँ मर जाए ...काश ऐसा हो जाए !स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-61609825405939546962012-12-18T22:04:14.580+05:302012-12-18T22:04:14.580+05:30घिन आती है ऐसे कुकर्मियों से | ईश्वर उस लड़की और उ...घिन आती है ऐसे कुकर्मियों से | ईश्वर उस लड़की और उसके घर वालों को शक्ति दे |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-15777759778199872922012-12-18T22:01:31.213+05:302012-12-18T22:01:31.213+05:30रचना जी रेप करने के बाद उसको मारने के लिए सबूत मिट...रचना जी रेप करने के बाद उसको मारने के लिए सबूत मिटाने के लिए ये न्रशंसता की गई हैवानियत की पराकाष्ठ है ये <br /> उनको तो ऐसी ही सजा देनी चाहिए तडपा तडपा कर मरना चाहिए वो भी पब्लिकली <br />Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65189885771707693652012-12-18T20:46:33.479+05:302012-12-18T20:46:33.479+05:30शर्मनाक।शर्मनाक।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37206843694060543662012-12-18T19:24:32.221+05:302012-12-18T19:24:32.221+05:30यह पांचो व्यक्ति अलग अलग परिवारों से जुड़े हैं और ...यह पांचो व्यक्ति अलग अलग परिवारों से जुड़े हैं और इनमें से किसी के मन में उस बच्ची के प्रति कोई दया नहीं आई !हमारा समाज इन्ही परिवारों का प्रतिनिधित्व करता है ...<br />लडकियां वाकई असुरक्षित हैं , इस मानसिकता के बीच ...<br />देश में सबको पता है कि शीघ्र न्याय पाना कितना मुश्किल है, क़ानून का भय केवल कमजोरों को हो सकता है, अपराधियों को बिलकुल नहीं ! पुलिस से उनके सम्बंध उनकी रक्षा करने में अक्सर सफल होते हैं ! समय के साथ इस बेचारी बदनसीब को इतिहास बना दिया जाएगा !<br />शर्म आती है इस सभ्यता पर ... Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-42323742944260308432012-12-18T16:59:14.530+05:302012-12-18T16:59:14.530+05:30हे भगवान उस बच्ची की हालत सोच कर रोना आ रहा है | ...हे भगवान उस बच्ची की हालत सोच कर रोना आ रहा है | यही हाल रहा तो लोग और डरेंगे बेटी पैदा करने से | ऐसे लोगों को जब तक सजा नहीं मिलेगी अपराध बढते रहेंगे |dil ki baathttps://www.blogger.com/profile/12532864230582664375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-8851759172646812332012-12-18T16:40:31.420+05:302012-12-18T16:40:31.420+05:30he bhagwan ... : ( kya aisaa hai ???? yah news to ...he bhagwan ... : ( kya aisaa hai ???? yah news to maine nahi padhi thee<br /><br />ufff ye internet .... :(<br /><br />haan - faansi kaa praavdhaan to hona hi chaahiye , vah bhi fast track court me | <br /><br />par durbhaagya se , ham vah desh hain - jahaan kasaab kee faansi par bhi log "daya" aur "insaaniyat" kee baatein kar ke mahaan bante hain .... :( Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-34714362568469344332012-12-18T16:26:59.560+05:302012-12-18T16:26:59.560+05:30वे हिंसक पशु हैं :(
पीड़ित लड़की जिस यातना से ग...वे हिंसक पशु हैं :( <br /><br />पीड़ित लड़की जिस यातना से गुज़री है उसकी कल्पना भयावह है :(<br /><br />मुझे इन बर्बर अपराधियों के परिजनों और अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है :(<br /><br />क्या वे पीड़ित के पक्ष में खड़े होंगे ? <br /><br /><br />उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-69360810806101824362012-12-18T15:21:13.515+05:302012-12-18T15:21:13.515+05:30.................................
:(.................................<br /><br />:(शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-45414697823077774372012-12-18T15:05:25.878+05:302012-12-18T15:05:25.878+05:30: ( : (
पता नहीं यह क्यों होता है, होता रहता है,...: ( : ( <br />पता नहीं यह क्यों होता है, होता रहता है, होता रहता है .....। और बस हम ऐसे ही विवश :(<br /><br />बलात्कार करने वाले इंसान होते हैं क्या सचमुच ? <br /><br />आप सही कह रही हैं - उन लोगो को सजा हो न हो - इस "विक्टिम" को तो यंत्रणा ही झेलनी है जीवित रह कर भी :(Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-71280187100657925402012-12-18T15:04:19.146+05:302012-12-18T15:04:19.146+05:30यहाँ जिंतने लोग अंग काटने की सलाह दे रहे हैं एक बा...यहाँ जिंतने लोग अंग काटने की सलाह दे रहे हैं एक बार आग्रह हैं की पूरी खबर विस्तार से पढ़े . उस लड़की के साथ एब्नार्मल सेक्स किया गया है . उसके जेनाईटल में कोई बहुत धार वाली चीज़ डाल कर उसके प्राइवेट पार्ट में जखम किये गए हैं<br /><br />मुझे तो लगता हैं की अंग काट देने से समस्या का निदान हैं ही नहीं क्युकी तब एब्नार्मल सेक्स होने की ज्यादा गुंजाइश रहेगी<br />प्रोनोग्रेफि नेट के जरिये बहुत बढ़ गयी हैं इस लिये सबसे पहले सरकार को इसे प्रतिबंधित करना होगा और उसके बाद रेप करने वाले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट से फांसी का प्रावधान होना चाहिये रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.com