tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post8047227303844287693..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: एक वार्तालाप के अंशरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-68065679126107042682011-11-16T23:12:06.416+05:302011-11-16T23:12:06.416+05:30संकेतों के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया है आपने।संकेतों के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया है आपने।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-8070321099767271882011-11-16T19:01:20.028+05:302011-11-16T19:01:20.028+05:30रचना जी हो सकता हैं पहले ऐसा कोई स्पष्ट विभाजन हो ...रचना जी हो सकता हैं पहले ऐसा कोई स्पष्ट विभाजन हो लेकिन आज तो लड़की या लड़के के पिता की आर्थिक स्थिति का ही ज्यादा फर्क पड़ता है.आपको ऐसे बहुत से पिता मिल जाएँगे जिन्होंने बेटे की शादी के लिए गाँव की जमीन बेच दी और फिर भी कर्ज में दबे हुए है.बस फर्क ये है कि लड़का यदि लायक हुआ तो अपनी कमाई से पिता की कुछ मदद कर देगा जबकि लड़की के मामले में ऐसा नहीं होता समाज के नियमों के चलते.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-59221282213521570142011-11-16T17:51:36.505+05:302011-11-16T17:51:36.505+05:30दुखद - लेकिन अधिकाँश परिपेक्ष्यों में सच |
:(दुखद - लेकिन अधिकाँश परिपेक्ष्यों में सच |<br /><br />:(Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-12813800361700974392011-11-16T12:30:11.052+05:302011-11-16T12:30:11.052+05:30सार्थक पोस्ट |सार्थक पोस्ट |आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-6053557809750937572011-11-16T11:44:18.985+05:302011-11-16T11:44:18.985+05:30हमारे समाज की बदकिस्मती और एक कडवी सच्चाई है ...
श...हमारे समाज की बदकिस्मती और एक कडवी सच्चाई है ...<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-46762512203001145162011-11-16T11:22:09.763+05:302011-11-16T11:22:09.763+05:30बहुत कुशलता से सामाजिक विडंबना को उजागर किया है।बहुत कुशलता से सामाजिक विडंबना को उजागर किया है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-18400214179362777902011-11-16T09:30:58.597+05:302011-11-16T09:30:58.597+05:30यही विडंबना है और यह भी एक मूल कारण है बेटा-बेटी म...यही विडंबना है और यह भी एक मूल कारण है बेटा-बेटी में फर्क होने का...Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.com