tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post7805841227191682147..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: बेटो को भी नैतिक शिक्षा की जरुरत हैं ताकि समाज सुरक्षित रहे । ---- illegal sperm donationरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger52125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-54060313680974737942011-12-22T18:06:00.706+05:302011-12-22T18:06:00.706+05:30राजन
सेवा और कर्त्तव्य में अंतर हैं
रोजी रोटी कमान...राजन<br />सेवा और कर्त्तव्य में अंतर हैं<br />रोजी रोटी कमाने के लिये किया हुआ कार्य सेवा में नहीं आता हैं<br />जो डॉक्टर जीविका के लिये ये कर रहे हैं वो अपनी सेवाये { यानी सर्विसेस } पैसे के लिये बेच रहे हैं<br />जो डॉक्टर किसी धर्मार्थ चिकित्सालय से जुड़े हैं वो अगर पैसा लेते हैं { यानी उस चिकित्सालय के कानून के हिसाब से नहीं लेना था } तो वो सेवा नहीं कर रहे हैं जो अनैतिक हैं क्युकी धर्मार्थ चिकित्सालय खुला सेवा के लिये हैं<br />लंगर में खाना सेवा भाव से खिलाया जाता हैं<br />पंगत में खाना बारात को भी सेवा भाव से ही खिलाया जा ता हैं पर क्या दोनों में क़ोई अंतर ही नहीं हैं ???<br /><br />पोस्ट का मंतव्य आप को स्पष्ट हैं बात स्त्री के लिये अनैतिकता की बात करने वाले पुरुष के लिये अनैतिकता की बात जब तक नहीं करेगे , समाज में किसी भी बदलाव की उम्मीद ना करे<br />वो सब जो कहते हैं आज की नारी पुरुष बनना चाहती हैं और पुरुष को कॉपी करती हैं उनको सोचना चाहिये की अगर उनकी सोच सही तो जिसको कॉपी किया जा रहा हैं जब तक उसका आचरण सही नहीं होगा कॉपी करने वाले की क्या गलती हैं ???<br />ज़रा अगली पोस्ट पर नज़र डालिये और देखिये कॉल गर्ल कैसे अब अच् आई वी से बच रही हैं .<br />गंदगी को हटाने की बात सब करते हैं पर स्रोत नहीं देखेते या देख कर अनदेखा कर देते हैंरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-69801598368321745462011-12-22T13:54:55.872+05:302011-12-22T13:54:55.872+05:30अंशुमाला जी यूँ तो हर पेशे के साथ सेवा जैसा शब्द ज...अंशुमाला जी यूँ तो हर पेशे के साथ सेवा जैसा शब्द जुडा हुआ हैं लेकिन शिक्षक और डॉक्टर के काम को आज भी सबसे ज्यादा महत्तव का माना जाता हैं.यदि आपकी तरह सोचें तो फिर इन्होंने विद्यादान और जीवनदान जैसे पवित्र कामों के बदले पैसा लेकर इसे भी पेशा (आपके शब्दों में धंधा)बना दिया है.लेकिन लोग तो आज भी इनका सम्मान करते हैं और सम्मान नहीं भी करते तो कम से कम अनैतिक तो नहीं ही मानते.जबकि ये लोग तो कई बार दूसरों की मजबूरियों का भी ख्याल नहीं करते.<br />आप कह सकती हैं कि इन्होने इसके लिए मेहनत की हैं लेकिन इनकी तुलना में स्पर्म बेचने वालों को जो मिल रहा है वो कुछ भी नहीं.रक्तदान में तो फिर भी किसीकि जान दाँव पे लगी हो सकती हैं या किसी गरीब की मजबुरी भी हो सकती हैं लेकिन यहाँ ऐसा नहीं हैं.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-33022055778511936602011-12-22T09:26:07.735+05:302011-12-22T09:26:07.735+05:30अंशुमाला जी,
जानकर गुदगुदी हो रही है,अब आपको दान श...अंशुमाला जी,<br />जानकर गुदगुदी हो रही है,अब आपको दान शब्द के महात्मय से खिलवाड नजर आ रहा.चलिए ठीक है,आप इसे स्पर्म बेचना ही कह लीजिए.यहाँ तक तो ठीक हैं,मुझे नहीं लगता कि उन लडकों का भी ऐसा कोई आग्रह रहा होगा कि हमारे काम को महान समझा जाए और हमारी प्रशंसा ही की जाएँ.वैसे यदि इसे शुरू से ही स्पर्म बेचना कहा जाता तब क्या आपको इसमें कोई अनैतिकता नजर नहीं आती?<br /> मैं तो वयस्कों के शराब सिगरेट पीने और विवाह पूर्व आपसी शारीरिक संबंधों को भी अब अनैतिक नहीं मानता (पहले मानता था) भले ही मैं ये खुद न करूँ और दूसरों को सलाह मैं क्यों दूँ?मेरी तरह कई लोग भी इन कामों को अनैतिक नहीं मानते क्योंकि कानून भी नहीं मानता.उनके विचार स्पर्म डोनेशन और अनैतिकता के बारे में भी जानना रोचक रहेगा कि फिर पैसे लेकर स्पर्म बेचने में ही ऐसा कौनसा अनैतिकता का ज्वार उठ खडा हो रहा हैं जबकि बाकि बातों में उन्हें युवाओं के विवेक पर भरोसा हैं.हाँ अति तो हर चीज की बुरी होती हैं सो इसकी भी होगी लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा.अभी और बाकी है...राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-54898183890699160272011-12-22T08:53:10.679+05:302011-12-22T08:53:10.679+05:30अंशुमाला जी,
मेरा विरोध भी आपके द्वारा मनमाने निष्...अंशुमाला जी,<br />मेरा विरोध भी आपके द्वारा मनमाने निष्कर्ष निकालने को लेकर था.कि यदि किसीने ऐसा कह दिया तो जरूर महिला विरोधी मानसिकता से ही कहा होगा जबकि कोई आपकी या रचना जी की तरह भी तो सोच सकता हैं.ऐसे ही आप गर्लफ्रेंड वाली बात को भी जबरदस्ती महिलाओं पर ले लेती हैं जो कि मेरे विचार से यहाँ अवांछनीय है.<br /> और मैं बडे शहर में नहीं संयुक्त परिवारों की परंपरा वाले शहर में रहता हूँ और गाँवों से भी परीचित हूँ.और उस ठरकी मंत्री को अच्छा कौन बता रहा हैं बल्कि उसे भी पता हैं कि समाज तो उसकी थू थू ही कर रहा हैं.हाँ पत्नी पति को (कई मामलों में पति भी पत्नी को) किसी नाजायज कारण से कुछ न कहें या विवाह को बनाए रखे या समाज के सामने बात खुलने ही न दें तो बात अलग है.गाँवों में तो कई पुरूषों को केवल शक के आधार पर ही कई बार मुँह काला कर घुमाने की सजा दे दी जाती हैं.मीडिया नहीं था तब भी ऐसी धटनाऐं होती रहती थी.अभी कुछ दिन पहले बिहार के एक गाँव की खबर आ रही थी कि कुछ पुरुषों को गाँववालों ने मार मारकर अधमरा कर दिया क्योंकि उनके संबंध पडोसी गाँव की महिलाओं से थे.मुटुकनाथ जूली प्रसंग आपको याद ही होगा.खाप पंचायतें भी पुरूषों पर कोई रहम नहीं करती.और लगता हैं कि आपको भी कानून पर रचना जी की तरह बडी आस्था हैं,तो वो भी व्याभिचार के लिए पुरुषों को दोषी तो मानता है.<br />सो इन सब बातों को ध्यान में रख मेंने कहा कि माफ जैसा तो पुरूषों के लिए भी नहीं हैं तो क्या गलत कहा.लेकिन हाँ महिलाओं पर पाबंदियाँ पुरूषों की तुलना में कई गुना ज्यादा हैं.ये बात मैं किस तरीके से कहूँ कि आपको विश्वास हो जाएँ कि मेरी आपसे इस विषय पर असहमति नहीं है<br />अब इस संबंध में बाकी बातें हो सकेगा तो खुशदीप जी के देशनामा पर.स्पर्म डोनेशन और दान वगेरह पर अभी स्पष्ट करना बाकी है.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-63825438043216664462011-12-22T08:49:46.073+05:302011-12-22T08:49:46.073+05:30http://www.deshnama.com/2011/12/blog-post_18.htmlhttp://www.deshnama.com/2011/12/blog-post_18.htmlरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-88032080584788864852011-12-22T02:52:32.713+05:302011-12-22T02:52:32.713+05:30रचना जी,
ये बात तो मैं पोस्ट पढकर ही समझ गया था कि...रचना जी,<br />ये बात तो मैं पोस्ट पढकर ही समझ गया था कि आपकी आपत्ति का कारण सिर्फ ये ही हैं कि नाबालिग लडकों को कानूनन स्पर्म डोनेट करने की अनुमति नहीं हैं.जानता हूँ कानून और संविधान पर आपकी आस्था को.इसीलिए मैंने आपसे सवाल किया था कि यदि कल को कानून सोलह से इक्कीस साल के लडकों को भी इसकी अनुमति दे देगा तब आप किस तर्क से इसे अनैतिक ठहराएंगी.क्योंकि मौज मस्ती वाली बात तो बालिगों पर भी लागू होती हैं जिन्हें आपने अनैतिक नहीं बताया.यहाँ मैं नाबालिगों के इस कृत्य का समर्थन नहीं कर रहा हूँ लेकिन हाँ इसे अनैतिक भी नहीं कहता(वैसे गलत और अनैतिक में फर्क तो होता है).क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इस उम्र के लडकों में इतनी समझ होती है कि उन पर नैतिकता और अनैतिकता जैसी बातें लादी जाऐं.बल्कि यदि नाबालिगों द्वारा ऐसा करने पर प्रतिबंध भी लगाया गया है तो जरूर उनकी मानसिक अपरिपक्वता को भी ध्यान में रखा गया होगा.आपको कानून में ही ज्यादा आस्था है तो लीजिए <a href="http://http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7730770.cms??p=1??" rel="nofollow">सुप्रीमकोर्ट की सुनिए</a><br />कि कानून क्या कहता है इस उम्र के बारे में.<br /> जहाँ तक समाज की बात हैं एक तरफ आप ये मान रही हैं कि इन लडकों के अभिभावक अनभिज्ञ हैं वहीं दूसरी तरफ आप और आपके समर्थक ये माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं मानो इन लडकों के माँ बाप खुद इन्हें आशिर्वाद देकर घर से भेजते हों कि जा बेटा वीर्यदान कर पुण्य और पैसा दोनों कमा और खूब मस्ती भी कर.वाह जी वाह.<br /> कानून और नैतिकता के बारे में नहीं लिख रहा हूँ क्योंकि मेरी टिप्पणी बहुत लंबी हो गई हैं और शायद विषय से हटकर भी.फिर भी आप मेरे विचार जानना चाहें तो बस आदेश करें.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-26066676453074423252011-12-22T02:18:10.342+05:302011-12-22T02:18:10.342+05:30This comment has been removed by the author.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48692480269400553192011-12-21T14:21:17.602+05:302011-12-21T14:21:17.602+05:30सबसे पहले आपके इस पोस्ट से जो लोगों को जानकारी मिल...सबसे पहले आपके इस पोस्ट से जो लोगों को जानकारी मिली उसका शुक्रिया हम में से कई हैं जो इस खबर को नहीं जानते होंगे और यहाँ आकर ही जान पाए...<br />रचना जी के इस पोस्ट पर आये सारे टिपण्णी इस पोस्ट को एक नए विवाद के घेरे में ले आये हैं ,जिसका हल सोंचना था ,क्या गलत है क्या सही ? पर सही निष्कर्ष तो तब बन पड़े जब कई सोंच एक साथ उस बात पर मुहर रख दें...... रचना जी ने प्रश्न किया नाबालिग बच्चे जो ये कर रहे वो सही है के गलत ,दान कर रहे वो भी छुप कर घरवालों से इसका मतलब बिल्कुल साफ़ है वो बच्चे भी जान रहे जो वो कर रहे गलत कर रहे, तो विषय बहस का कहाँ बनता है , चाहे ये खबर अख़बार से पढ़ी या या किसी से सुनी ,पर नैतितका के मूल्य पर तो ये भी सही नहीं जैसे और बातें लोग लागू करते हैं .डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-89471354732259487672011-12-20T10:37:17.848+05:302011-12-20T10:37:17.848+05:30@ राजन जी
जवाब देर से देने के...@ राजन जी <br /><br /> जवाब देर से देने के लिए माफ़ कीजियेगा मैंने आप के सवाल देखे नहीं थे |<br /><br /> मै भी निजी रूप से मानती हूँ की जिन्हें बच्चे नहीं हो रहे है उन्हें गोद ले लेना चाहिए किन्तु सब ऐसा सोचे ये जरुरी नहीं है | सवाल ये है की जब पत्नी को कोई शारीरिक परेशानी होती है तब लोगो की राय इस तरह की नहीं होती है क्यों ? कई बार महिलाओ के कई दर्द और परेशानियों से गुजरना पड़ता है सारी जाँच के लिए (जब बच्चे न हो तो ,शारीरिक और मानसिक दोनों ) फिर भी लोग कहते है की माँ बनाने के लिए ये दर्द तो सहना ही पड़ेगा विरोध इस बात का है | <br /><br /> मै यहाँ किसी एक व्यक्ति विशेष की बात नहीं कह रही हूँ पुरे समाज के सोच की बात कर रही हूँ | हा वास्तव में कुछ लोग होंगे जो दोनों का ही विरिध करते होंगे और कुछ दोनों का ही समर्थन | आप थोड़े बड़े शहरों से जरा बाहर जा कर कुछ पारम्परिक परिवारों में जाइये आप को यही सोच मिलेगी जहा पुरुष के हर दोष माफ़ होता है | अभी हाल में ही राजेस्थान के एक मंत्री जी के किसी अन्य महिला से रिश्ते और उसकी हत्या पर उनकी पत्नी ही कह रही है की ये तो राजस्थान में आम बात है राज घराने में होता है इसमे क्या गलत है , ये पुरुषवादी समाज ( इसमे स्त्री पुरुष हर व्यक्ति शामिल है ) की सोच है जो अन्दर तक भरी है देखिये कैसे माफ़ी मिल रही है क्या पत्नी को ऐसे कृत्य पर माफ़ी मिलती | <br /><br />जहा तक स्पर्म डोनेट करने की बात है तो जिस शब्द में दान जुड़ा है उसमे पैसे का क्या काम दुसरे जब २१ साल से निचे के लड़को के लिए ये नहीं है तो उनका ऐसा करना क्या गलत नहीं है | क्या आप अपना रक्त बेचना पसंद करेंगे क्या आप मौज मस्ती के लिए युवाओ को सलाह देंगे की रक्त तो चार घंटे में दुबारा बन जाता है उसे भी बेचो क्या ये नैतिक रूप से सही है और नाबालिक के लिए तो ये क़ानूनी रूप से भी सही नहीं है | <br /><br /> जिन्हें विज्ञानं की सहायता के लिए या समाज के लिए कुछ करना है वो इसके लिए पैसे नहीं लेंगे कम से कम हमें तो इतना नैतिक होना चाहिए की जिस शब्द के साथ दान जुड़ा है उसे धंधा नहीं बना लेना चाहिए इस नैतिक शिक्षा की बात की जा रही है यहाँ |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10455989359905826362011-12-18T09:03:51.493+05:302011-12-18T09:03:51.493+05:30नहीं वाणी आप का कमेन्ट सन्दर्भ से हट कर नहीं हैं ,...नहीं वाणी आप का कमेन्ट सन्दर्भ से हट कर नहीं हैं , बात घूम कर नैतिकता के पैमाने पर ही आगयी हैं . नारी और पुरुष से कहते दुनिया बनी हैं , दोनों आधी आबादी माने जाते हैं पर दोनों के लिये नैतिकता का पैमाना अलग हैंरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-89049773831940260442011-12-18T08:23:01.970+05:302011-12-18T08:23:01.970+05:30अच्छा विचार विमर्श हुआ है , बहुत सारा ज्ञानवर्धन ह...अच्छा विचार विमर्श हुआ है , बहुत सारा ज्ञानवर्धन हुआ ...<br />पोस्ट और टिप्पणियां पढ़ते हुए एक बात दिमाग में आई कि पांडव और कौरवों के वंश में शायद ही कोई संतान अपने पिता की वास्तविक संतान थी , महाभारत होने का क्या इसमें कोई प्रयोजन था !!!<br /><br />बच्चे नाबालिग या कुछ व्यस्क होने की उम्र में इस तरह का दान या बेचान कर रहे हैं तो शायद वे स्थिति की गंभीरता से परिचित नहीं हैं . जिस देश में हर साल तथाकथित नाजायज (हालाँकि मैं कहूँगी कि नाजायज बच्चे नहीं होते ) बच्चे दर दर की ठोकरे खाने को अभिशप्त हैं , समाजशास्त्री और नैत्तिक शास्त्रियों का ज्यादा जोर बच्चों को गोद लेने पर होना चाहिए .<br />अभी एक महान अभिनेता के बारे में सुना कि उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी के लिए सरगोटे मदर और भिन्न तकनीक की मदद से एक बच्चा या बच्ची प्राप्त की , क्योंकि मिसकैरेज के बाद उनकी दूसरी पत्नी के लिए बच्चे को जन्म देना संभव नहीं था . जबकि उक्त अभिनेता के अपनी पहली पत्नी से तीन संताने हैं . क्या इसमें नैतिकता आड़े नहीं आती ?? यदि यह टिप्पणी विषयांतर में है तो मुझे खेद है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-72761507321664299042011-12-18T01:24:08.463+05:302011-12-18T01:24:08.463+05:30मैंने ईव टीसिंग के सन्दर्भ में भी कहा था.....
हमा...मैंने ईव टीसिंग के सन्दर्भ में भी कहा था.....<br /><br />हमारे समाज में जाने अनजाने लड़कों को नैतिकता के मामले कुपोषित बनाया जा रहा है|एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-941295691401073072011-12-18T00:56:21.082+05:302011-12-18T00:56:21.082+05:30ये दुखद जानकारी नयी ही पता चली है
जो गलत है वो गलत...ये दुखद जानकारी नयी ही पता चली है<br />जो गलत है वो गलत है ....... स्त्री करे या पुरुषएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-7596891448221743442011-12-17T19:30:34.176+05:302011-12-17T19:30:34.176+05:30अपराध या अनैतिकता का कोई जेंडर नहीं हो सकता...
ठी...अपराध या अनैतिकता का कोई जेंडर नहीं हो सकता...<br /><br />ठीक उसी तरह जैसे सज्जनता का महिला-पुरुष में विभेद नहीं किया जा सकता...<br /><br />बहरहाल एक टैबू विषय पर सार्थक बहस छेड़ने के लिए साधुवाद...कोशिश करूंगा विषय पर विस्तार से पोस्ट लिखूं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-31313081003257272672011-12-17T09:19:01.840+05:302011-12-17T09:19:01.840+05:30@rajan
जी राजन आप ने सही कहा की मेरी सोच में कानून...@rajan<br />जी राजन आप ने सही कहा की मेरी सोच में कानून / संविधान को ही तय करना चाहिये गलत / सही , नैतिक / अनैतिक क्या हैं ? <br />जब एक कानून होगा तो जाति , धर्म , लिंग , रंग इत्यादि का भेद भाव ख़तम होगा <br />कानून को मनवाने के लिये कड़े कदम होने चाहिये <br />आप तो अन्ना के समर्थक हैं क्या हैं उनका मुद्दा <br />भ्रष्टाचार मिटाओ , यानी सिस्टम को सही करो <br />ज़रा उस नज़रिये से सोच कर देखे और आग्रह हैं मेरे कमेन्ट जो मैने दुसरो के जवाब में दिये हैं उनको भी जोड़ ले इस कमेन्ट के साथ और फिर बताये की क्यूँ पुरुष और स्त्री के लिये नैतिकता अलग अलग हैं .<br />सस्नेह <br />रचनारचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60660586810304202502011-12-17T09:12:21.943+05:302011-12-17T09:12:21.943+05:30The sperm donor has to be between 21 and 45 years ...The sperm donor has to be between 21 and 45 years of age<br /><br />i am talking of under age boys doing it <br /><br />@praveen <br />इस पोस्ट का मुद्दा हैं की नैतिकता की शिक्षा की जरुरत बेटे की भी हैं लेकिन ऐसा होता ही नहीं हैं . कोई २१ साल से कम का लड़का स्पर्म बेच रहा हैं और उसमे कुछ अनेतिक नहीं हैं वाह ??? वही आप अगर याद करे तो कुछ वो पोस्ट दिमाग में जरुर आ आजाएगी जहां लड़कियों के स्किर्ट पहनने तक को अनैतिक कहा गया हैं . आप ने एक पोस्ट लिखी थी slut वाल्क पर उस पर आये कमेन्ट देखे , सारथि ब्लॉग पर slut वाल्क पर आई पोस्ट पर कमेन्ट देखे , लोग विद्रोह करती महिला के लिये कितने "कुलीन " शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं !!! वही यहाँ इस कृत्य को सही करार दे रहे हैं . <br /><br />२१ वर्ष के बाद भी महिला को अपनी मर्ज़ी से विद्रोह भी करने का अधिकार नहीं हैं वही २१ वर्ष से कम के पुरुष को सब जायज़ हैं और बात करो तो मुद्दा ही गलत हैं , सोच ही गलत हैं मेरी . <br /><br />क्यूँ प्रवीण ??? इन विषयों पर जहां पुरुष / बालक कुछ गलत करता हैं उसको गलत माना ही नहीं जाता हैं ??? <br /><br />आप हमेशा नारी मुद्दों के समर्थक हैं इस लिये आप से जवाब का आग्रह हैं की असमानता क्यूँ हैंरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-35807903244293660972011-12-17T07:44:13.581+05:302011-12-17T07:44:13.581+05:30.
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अली सैयद साहब की सबसे पहली टिप्पणी अपने आप म....<br />.<br />.<br />अली सैयद साहब की सबसे पहली टिप्पणी अपने आप में संपूर्ण है इस मुद्दे को समझने के लिये...<br /><br />आपके दिये हुऐ लिंक से उद्धृत कर रहा हूँ...<br /><br />What the ICMR guidelines say <br /><br />According to the Indian Council of Medical Research (ICMR):<br /><br />The sperm donor has to be between 21 and 45 years of age<br /><br />The ART clinic will obtain sperm from sperm banks; the identity of the donor will be kept hidden from the clinic and the couple<br /><br />The clinic and the couple have the right to seek complete information about the donor such as his height, weight, skin colour, profession, family background, freedom from diseases, ethnic origin and the DNA fingerprint<br /><br />The semen bank and clinic must not reveal donor’s identity to the couple.<br /><br />रचना जी,<br /><br />१- स्पर्म बैंक का कॉन्सेप्ट है एक ऐसा बैंक जहाँ हर वर्ग, चमड़ी के रंग, भाषा, Race, Ethnicity, कद, वजन, बालों के रंग, आँखों के रंग, व्यवसाय, शिक्षा व पारिवारिक परिवेश आदि आदि के स्वस्थ, रोगविहीन पुरूषों का वीर्य रखा जाता है।<br />२- जब भी कोई ऐसा संतानहीन दंपत्ति फर्टिलिटी क्लीनिक को संपर्क करता है जिसमें पुरूष संतानोत्पत्ति के लिये वीर्य बना पाने में असमर्थ है तो ऐसे मामलों में वीर्य बैंक की मदद ली जाती है, संतानहीन पुरूष की चमड़ी के रंग, आँखों के रंग, बालों के रंग, कद, वजन, शिक्षा, पारिवारिक परिवेश, Race, Ethnicity, भाषा आदि आदि कारकों में समानता रखता हुऐ डोनर का वीर्य उसकी पत्नी के गर्भधारण के लिये ढूंढा जाता है, जिससे भविष्य में होने वाला बच्चा अपने पिता की ही संतान सा दिखे।<br />३- संतानहीन दंपत्तियों का प्रतिशत अनुमानों के अनुसार हमारे समाज में दस से पंद्रह प्रतिशत तक है, ऐसे में हमारे वीर्य बैंको को हमारे समाज के प्रतिनिधि वीर्य सैंपल की आवश्यक्ता है... सभी को इस मामले में जागरूक होना चाहिये व हर समर्थ पुरूष को वीर्यदान भी करना चाहिये... कोई विशेष असुविधा या शारीरिक कष्ट नहीं होता इसमें...<br />४- संदर्भ नहीं दे रहा पर मैं जानता हूँ कि कम वय के पुरूष का वीर्य संतानोत्पत्ति के लिये सबसे अच्छा व सक्षम माना जाता है इसलिये हो सकता है कि कुछ वीर्य बैंक २१ वर्ष की आयु सीमा को नजर अंदाज कर रहे हों।<br />५- १०००-१५०० रूपये आज के जमाने में कुछ ज्यादा नहीं हैं... जैसा पहले बता चुका हूँ कि वीर्य केवल समर्थ का ही लिया जाता है... आखिर समय तो उसका भी जाया होता ही है... अब उस पैसे से वह क्या करे उसकी मर्जी...<br />६- अफसोस,जब मैं २१ बरस का था और जेब से कड़का भी, तब यह चलन नहीं था... वरना साथ पढ़ रही कई लड़कियाँ आज मेरे बारे में थोड़ा बेहतर नजरियाँ रखती... :((<br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-17777119366786484432011-12-17T02:25:25.267+05:302011-12-17T02:25:25.267+05:30@ या फिर महिलाए बच्चा गोद क्योंनहीं ले लेती उन्हें...@ या फिर महिलाए बच्चा गोद क्योंनहीं ले लेती उन्हें जरुरत ही क्या है खुद बच्चे जन्म देने की जब पति इसमे समर्थ नहीं है <br />अंशुमाला जी,तो इसमें दिक्कत क्या है,यदि ये बात कोई पुरूष कह भी दे तो? सही बात है तो कहने में क्या हर्ज है,जरूरी तो नहीं पुरुष इस पोस्ट पर ऐसी कोई बात कह दे तो वो मुद्दे को भटकाने की कोशिश ही कर रहा हो?जबकि ये बात खुद रचना जी ने भी पोस्ट के अंत में कही हैं और अनुवांशिक बीमारियों संबंधी रिस्क के बारे में आपने भी चर्चा की है.<br />दूसरी बात यदि आपको लगता हैं कि किसी महिला के सरोगेट मदर बनने पर या दूसरे कई मामलों में उसे अनैतिक ठहराया जाता है तो ठीक है, आपको ये अधिकार हैं कि आप इस दोहरे मापदण्ड का या तो विरोध करें या प्रश्न पूछें लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि जहाँ पुरुष गलत नहीं हैं वहाँ जबरदस्ती उसकी गलती निकाली जाएँ.और आप पता नहीं कैसे ये मान ले रही हैं कि जो लोग पुरुष के स्पर्म डोनेट करने को गलत नहीं मान रहे वो जरूर महिलाओं के सेरोगेट मदर बनने को गलत मानते ही होंगे?समाज स्पर्म डोनेट करने वाले लडकों के प्रति भी कोई बहुत खुला नजरिया रखता हो ऐसा मुझे तो नहीं लगता.हाँ लडकों पर लडकियों की तुलना में बंदिशें बेहद बेहद कम है ये बात मैं कई बार कह चुका हूँ लेकिन इतनी भी कम नहीं हैं जितना आप लोग अक्सर बताते रहते है और माफ जैसा तो बिल्कुल नहीं है.<br />खैर यहाँ मुद्दा दूसरा हैं.माना कि युवा ईजी मनी के चक्कर में बहुत से गलत रास्ते अपनाता हैं यहाँ तक कि चोरी भी(वैसे मेहनत तो लगती होगी इसमें).लेकिन स्पर्म बेचने में तो कोई चोरी नहीं,कोई डकैती या ब्लैकमेलिंग नहीं और न ही किसी को पैसे देने के लिए मजबूर किया जा रहा.हाँ पैसा कमाने का शॉर्टकट जरूर हैं.लेकिन चिंता मत कीजिए इसे कोई केरियर के विकल्प के रूप में नहीं अपनाएगा और न ही ये कोई ऐसा फलता फूलता उद्योग हैं जिसमें युवाओं की बडी आबादी खपाई जाने वाली है(वैसे मुझे तो इस खबर पर ही पर्याप्त संदेह हैं).कुछ समय के लिए पैसे की जरूरतो (या मौज मस्ती कहूँ?) को पूरा जरूर करता हैं.हो सकता हैं ये लडके भी जॉब की तलाश में हों या छोटा मोटा करते भी हों.ऐसा नहीं हैं कि बस स्पर्म बेचकर ही काम चलाया जाएगा.वैसे भी यहाँ प्रश्न ये हैं कि वीर्य के व्यर्थ बहाया जाना यदि गलत नहीं हैं तो फिर उसके बदले में पैसे ले लेना क्यों अनैतिक हैं.फिर चाहें ये काम कोई पैसे वाला करे या गरीब.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37668635347207419462011-12-17T00:43:01.616+05:302011-12-17T00:43:01.616+05:30रचना जी माफ कीजिएगा लेकिन यदि आपको लगता है कि लोग ...रचना जी माफ कीजिएगा लेकिन यदि आपको लगता है कि लोग आपके उठाए मुद्दे को हल्के में ले रहे हैं तो जरा आप अपने को भी देखें कि आप भी अपनी बात ढंग से समझा पा रही हैं कि नहीं.कलको कानून ये कहे कि सोलह से इक्कीस साल के लडके भी स्पर्म डोनेट कर सकते है,तब क्या ये सब अनैतिक नहीं रहेगा? या आपके हिसाब से अब कानून तय करेगा कि क्या नैतिक है और क्या अनैतिक.कानून तो बदलते भी रहते है.अगर आपको आपत्ति नाबालिगों द्वारा ऐसा किए जाने पर है तो नाबालिगों पर ये नैतिकता अनैतिकता वाली बातें लादना ही गलत हैं .और यदि आपको लगता हैं कि नाबालिगों में इतनी समझ हैं कि क्या सही हैं और क्या गलत तो फिर स्पर्म डोनेट करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा भी इक्कीस की बजाए सोलह ही क्यों नहीं कर देनी चाहिए.<br />यदि ये लडके इन पैसों को मौज मस्ती (वैसे मौज मस्ती का केवल वो ही तो अर्थ नहीं होता)पर ही खर्च कर रहे है तो गलत वो है, न कि वो तरीका जिससे पैसा मिला है.और ये बात नाबालिगों पर ही नहीं बल्कि बालिगों पर भी लागू होती हैं.<br />वैसे जैसा पोस्ट में आपने कहा कि सुंदर और गोरे लडकों के स्पर्म की डिमांड ज्यादा है लेकिन ये कोई जरुरी तो नहीं कि ऐसे लडके बस गरीब गुरबों में ही हो,यदि कुलीन परिवारों में ऐसे लडके हैं तो वो स्पर्म डॉनेट कर दें.इसमें अनैतिकता कहाँ से आ गई.यहाँ तो मामला डिमांड और सप्लाई का है.ये पैसे किसीसे छीन तो नहीं रहे.<br />अंत में आप इस बात पर चिंतित हैं कि नाबालिग लडके चोरी छिपे ऐसा घोर अनैतिक काम कर रहे है.चलिए मान लेते हैं, लेकिन यदि आप कारणों की तह में जाएँ तो हो सकता हैं कि लडके चोरी छिपे ऐसा इसलिए ही कर रहे हैं कि घरवालों या जानकारों को पता न चल जाए.घर पर तो हो सकता हैं पिटाई भी खानी पडे.यानी रोक टोक तो उन पर भी हैं.फिर क्यों समाज को दोष दिया जाए कि वो नाबालिग लडकों को कुछ भी करने की छूट देता है.<br />वैसे इस खबर पर चिंतित होने की जरूरत नहीं.पढकर ही लग रहा हैं कि कई बातें अतिश्योक्तिपूर्ण और मनगढंत है.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-20200603834940583842011-12-16T23:41:13.418+05:302011-12-16T23:41:13.418+05:30अंशुमाला जी ,
:)
रचना जी के कथनों की प्रमाणिकता क...अंशुमाला जी ,<br />:)<br /><br />रचना जी के कथनों की प्रमाणिकता के विषय में मैंने उनसे ही निवेदन कर लिया है ! लेकिन क्षमा कीजियेगा अगर आप किसी अप्रमाणित कल्पना / अनुमान / कथन पर आंख मूंद कर विश्वास करके उसे ही अपना निष्कर्ष भी मान लेती हैं तो यह सार्थक बहस / चिंतन के स्वास्थ्य , के लिए अच्छे लक्षण नहीं है ! <br /><br />हवा में लाठी भांजने और पानी पीटने जैसे मुहावरे मेरे अभ्यास में नहीं है :)<br /><br />अस्तु अब कोई सवाल जबाब नहीं ! आप निश्चिन्त रहिये ! मैं भी लौट कर नहीं आ पाउँगा मुझे भी अन्य कार्य रहते हैं ! प्रतिक्रिया के लिये आपका ह्रदय से आभारी हूं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-88973686381357542032011-12-16T22:29:49.005+05:302011-12-16T22:29:49.005+05:30मै इसे इस रूप में भी देख रही हूँ की आज के युवा आसन...मै इसे इस रूप में भी देख रही हूँ की आज के युवा आसन रास्तो से पैसे कमाने के चलन को बड़ी तेजी से अपना रहे है ( इजी मनी ) और ये पैसे वो अपनी पढाई या रोज के खाने पीने जरूरतों के लिए नहीं बल्कि महंगे गैजेट खरीदने , पब जाने ब्रांडेड कपडे खरीदने बड़े होटलों में खाने पीने के लिए करते है जो नैतिक रूप से सही नहीं है इन आसन रास्तो में वो रास्ते भी है जब हम पढ़ते है की इन्जिनियारंग कर रहा या एम् बी ए कर रहा युवा किसी चोरी डकैती ठगी में पकड़ा जाता है | उसी तरह स्पर्म देना भी उंनके लिए एक आसन रास्ता है पैसा कमाने के लिए | वरना तो आज थोडा पढ़े लिखे लड़को को पार्ट टाइम काम कुछ समय के लिए और कुछ पैसा कमाने के लिए आसानी से मिल जाता है पर उसमे मेहनत करनी होती है जो वो करना नहीं चाहते है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-15459582132668009832011-12-16T22:29:24.324+05:302011-12-16T22:29:24.324+05:30अली जी
वास्ते आप के :)
जैसा की रचना जी ने भ...अली जी <br /><br /> वास्ते आप के :)<br /><br />जैसा की रचना जी ने भी लिखा है की वो बहुत ही संभ्रांत परिवार से थे और कुलीन परिवार से थे |<br /><br /> आज तो हर परिवार अपने बच्चो को पाकेट मनी देता है इसमे अनुमान की क्या बात है और वो सम्प्पन परिवार से है तो अच्छी मात्र में ही देता होगा | इसमे से मुझे नहीं लगता है की कुछ भी अनुमान या सम्भावनाये जैसा क्या है हा मेरा निष्कर्ष जैसा कुछ कह सकते है | क्योकि नैतिकता के पैमाने भी व्यक्ति और उसकी परिस्थिति के हिसाब से बदल जाते है मेरे हिसाब से तो | कोई गरीब पैसे के लिए अपना रक्त बेच दे तो शायद ये नैतिक रूप से गलत न हो किन्तु यदि मै किसी जरूरतमंद से ये कहूँ की भाई तुम्हे तो रक्तदान तब ही करुँगी जब तुम मुझे पैसे दोगे तो ये तो मेरे लिए बिलकुल ही नैतिक रूप से गलत होगा , हा ये संभव है की कुछ लोग कहे की इसमे क्या गलत है वो कही न कही से खरीदता ही तो तुम मुफ्त में उसे क्यों दो | मतलब ये की नैतिकता को लेकर लोगो की सोच भी अलग हो सकती है | <br />और मेरे पूरी टिपण्णी पर कुछ आज कह देते तो अच्छा होता शायद बाद में उसका जवाब या सफाई जो भी मै न दे सकू क्योकि आज कल ब्लॉग जगत से जरा नाता टुटा हुआ है :(anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10417731620067839132011-12-16T21:26:44.666+05:302011-12-16T21:26:44.666+05:30"महाकाव्य काल में नियोग की स्वतंत्रता"
ए..."महाकाव्य काल में नियोग की स्वतंत्रता"<br />एक एक्सेप्शन को जनरलाइज करना कितना उचित है.<br />कितना पढ़ा है नियोग के बारे में, कहाँ कहाँ लिखा है नियोग के बारे में. अभी दूसरे ग्रंथों के बारे में/ग्रंथों से लिख दिया जाए तो फिर लेखक को दोषी ठहरा दिया जायेगा.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-55919173988175817422011-12-16T18:14:06.810+05:302011-12-16T18:14:06.810+05:30रचना जी ,
जिस चीज को बेचकर वह आन रिकार्ड पैसे ले र...रचना जी ,<br />जिस चीज को बेचकर वह आन रिकार्ड पैसे ले रहा है उसे चोरी से करना / या चोरी करना आप कह रही हैं ! उसका नाबालिग होना भी आपका कथन या फिर अखबार का कथन है !<br />आर्थिक सम्पन्नता और मौज मस्ती ,पाकेट मनी का इजाफा और माता पिता से छुपा कर करना ये सारे कथन आपके या फिर अखबार के हैं परन्तु प्रमाणित इनमें से कुछ भी नहीं है !<br /><br />जो अभी सत्य साबित नहीं उस पर धारणायें आप बना सकती हैं ये आप का अधिकार है ! मुझे आपके इन कथनों के सच साबित होने का इंतज़ार रहेगा और वहीं पर मैं अपनी धारणाएं भी बना पाउँगा कि इसमें से नैतिक क्या है और अनैतिक क्या ?<br /><br />मैंने अंशुमाला जी के कमेन्ट की केवल दो लाइन्स कोट की थीं जो मुझे उनका अनुमानित वक्तव्य लगीं ! उनके पूरे कमेन्ट पर प्रतिक्रिया तो बाद की बात है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-6327361716915537582011-12-16T16:31:08.414+05:302011-12-16T16:31:08.414+05:30चोरी करना और चोरी से करना दोनों में क्या अंतर हैं
...चोरी करना और चोरी से करना दोनों में क्या अंतर हैं<br />ना बालिग़ लड़का चोरी से स्पर्म बेच रहा हैं कहने को वो दान कहा जा रहा , ये चोरी से बेचना एक अनेतिक कृत्य ही हैं और अगर क़ोई आर्थिक रूप से संपन्न बालक केवल पॉकेट मनी के इजाफे के लिये { यानी मौज मस्ती के लिये } अपने माता पिता से चोरी से ये कृत्य करता हैं तो उसको गलत और अनैतिक ना मानना ही अपने आप में गलत हैं<br />बाकी अंशुमाला ने स्पष्ट कर ही दिया हैंरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.com