tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post7592925127492248058..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: महिला उत्थान के लिये बनाये कानून महज कागजी कार्यवाही हैंरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-82994848804776011252010-02-01T17:54:55.797+05:302010-02-01T17:54:55.797+05:30मैं और चाहे जितने भी मुद्दों में असफल रही होऊँ किन...मैं और चाहे जितने भी मुद्दों में असफल रही होऊँ किन्तु न अपने विवाह में दहेज दिया न बेटियों के में। न ही पुत्र चाहे न ही उन्हें पाने के लिए कोई गलत काम किए, न ही अपनी पुत्रियों को किसी से कम आँका।<br />यदि व्यक्तिगत जीवन में एक चौथाई आबादी भी यह सब करे तो समाज बदल सकता है। वैसे और भी बहुत कुछ किया जा सकता था।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-33201116161277311982010-02-01T13:05:23.795+05:302010-02-01T13:05:23.795+05:30सामाजिक बदलाव समाज के अंदर से ही आ सकते हैं . जरूर...सामाजिक बदलाव समाज के अंदर से ही आ सकते हैं . जरूरत है इच्छा शक्ति की. जीतने भी कानून सामाजिक पहलुओं को लेकर बनाये गए सबका उल्टा ही प्रभाव हुआ है . PNDT ऐक्ट ने न जानने वालों को भी लिंग परीक्षण की उपलब्धि के बारे में बताया बड़े बड़े सूचना पटल लगा कर क्लीनिकों और अस्पतालों के सामने !<br />इस देश में कानून का डंडा आम आदमी पर चलता है .प्रजातन्त्र के स्तंभों के रखवाले कानूनों के दायरे से ज्यादातर बाहर हैं .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-33398514087334268672010-02-01T10:43:45.761+05:302010-02-01T10:43:45.761+05:30बहुत बढिया लेख है. असल मे कानून का अपना काम है लेक...बहुत बढिया लेख है. असल मे कानून का अपना काम है लेकिन कोई कानून सामाजिक समझ के साथ ही अपना कम कर सकता है.<br />I am certain that not one among the militant feminists who have campaigned to get such laws enacted can claim with honesty that in their own family circles they have successfully "abolished" the practice of dowry and in their own community families are not taking recourse to sex selective abortions.<br />यह भी इस का बहुत महत्वपूर्ण पहलू है<br />मैने शरत चन्द्र के नारी पात्रो पर एक ब्लोग शुरू किया है आप चाहे तो इसकी लिन्क नारी पर लग सकते है <br />http://sharatkenaareecharitra.blogspot.com/<br />http://hariprasadsharma.blogspot.com/<br />हरि शर्मा<br />जोधपुर<br />९००१८९६०७९Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.com