tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post7586326522656345559..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: "काश ऐसा हो जाए " बात विकल्प कीरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-46815608752416097552009-11-03T11:34:42.996+05:302009-11-03T11:34:42.996+05:30सुमनजी,
ये सही है कि यदि क...सुमनजी,<br /> ये सही है कि यदि कोई समस्या प्रस्तुत करे तो हम उसके समाधान के बारे में सोचे और अपने विचार प्रस्तुत करें. ऐसा नहीं है कि जहाँ हम सैकडों लोग इसको पढ़ते और झेलते हैं तो हमें इसका कोई विकल्प ही न मिले.<br /> इस विकल्प के लिए उन लड़कियों को कोई न कोई मानसिक सहारा चाहिए , जो उनको सही दिशा में सलाह दे सके या फिर उनका संबल बन कर खड़ा हो सके. परिवार टूट जाए ये कोई विकल्प नहीं है. हम बदल रहे हैं, बेटियों को शिक्षा दे रहे हैं. उन्हें उस मुकाम तक ला रहे हैं, जहाँ तक हम पहुँच गए या फिर हम नहीं पहुँच पाए तो अपने सपनों को उनके साकार कर रहे हैं. <br /> पिछले दिनों मैं अपनी पुरानी सहपाठी से मिली. वो रीडर है एक डिग्री कॉलेज में . जो वैवाहिक जीवन के सामंजस्य में हमारी पीढ़ी ने संघर्ष किया - उसकी पीड़ा और तनाव को हमने जिया. वो एक ही कहानी है, इस आयुवर्ग की कामकाजी महिलाओं की. उसने बताया की मेरी बेटी ने जॉब छोड़ दिया परिवार के लिए लेकिन मैं उसको कहा की जॉब फिर नहीं मिलती , परिवार और बच्चे बड़े हो जायेंगे लेकिन जॉब छोड़ कर जो तुम्हारी एक शक्ति है, जीने और संघर्ष का एक जज्बा दे सकता है. मैं उसको फिर से जॉब करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि मैं तुम्हारे पीछे खड़ी हूँ. तुम अकेली नहीं हो. सब कुछ ठीक हो जाएगा. पति को भी इस बात का अहसास होगा की तुम जो भी कर रही हो सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए कर रही हो. मैं नहीं चाहती कि जो शिक्षा मैंने अपनी बेटी को दी वह बेकार हो जाए. <br /> इसके माँ - बाप का पूरा सहयोग मिलना चाहिए और पति को भी अपने परिवार को समझाना चाहिए कि समय के साथ बदलें, सिर्फ माँ का बेटा बने रहने से , वह पति और पिता के सुख को खो सकता है. परिवार तो <br /> दोनों का ही है न. अगर आप समझते हैं कि आपकी माँ ने पिता को कुछ नहीं समझा जीवन भर तो फिर उनकी इच्छा के अनुरूप ही जीवनसाथी चुने, न कि समाज में अपने पद और स्तर के अनुरूप किसी लड़की को लाकर उसका जीवन नर्क बनाये.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-54557546251109937672009-11-01T22:11:41.516+05:302009-11-01T22:11:41.516+05:30"naaree tum kewal shraddha ho, vishwaas rajat..."naaree tum kewal shraddha ho, vishwaas rajat nag pagtal me !<br />piyush srot see baha karo,<br />jeevan ke sundar samtal me !!<br /><br />chir-shaktirupa ! namastubhyam !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48776138714247837742009-11-01T14:45:13.296+05:302009-11-01T14:45:13.296+05:30सुमनजी
कोई भी समस्या का हल दो तरीको से किया जा सकत...सुमनजी<br />कोई भी समस्या का हल दो तरीको से किया जा सकता है मेरे हिसाब से एक तो उसकप्रत्यक्ष विरोध करके और दूसरा उस समस्या के साथ रहकर उसमे से ही हल निकला जाय |दरकती विवाह संस्था में मेरी टिप्पणी में मैंने एक उदाहरन देकर बताया है कि उसने परिस्थियों के साथ रहकर उन बाधाओ को दूर किया नही तो वे भी उसके वैवाहिक जीवन को तोड़ सकती है }शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.com