tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post7353575354591273749..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: भारतीये संस्कृति का हवाला दे कर लड़कियों के खिलाफ भेद भाव हमेशा से समाज करता आया हैं जो सही नहीं हैंरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-56232751038902818892011-09-05T13:52:58.003+05:302011-09-05T13:52:58.003+05:30राष्ट्रप्रेमी जी तलख होने की जगह पोस्ट पढ़ कर और उस...राष्ट्रप्रेमी जी तलख होने की जगह पोस्ट पढ़ कर और उसके पीछे की ब्लॉग जगत के सन्दर्भ जान कर कमेन्ट देते तो कुछ बात में दम लगता . लेकिन क्युकी आप ब्लॉग जगत से दूर रहते हैं तो क्या कहा जा सकता हैं आप कोरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-21704482090977783992011-09-05T13:49:03.041+05:302011-09-05T13:49:03.041+05:30अत्यंत सारगर्भित आलेख है,एक-दम सही बात है. धूम्रपा...अत्यंत सारगर्भित आलेख है,एक-दम सही बात है. धूम्रपान और मदिरा सेवन नारी का अधिकार है और उन्हें किसी भी कीमत पर इसे नहीं छोड़्ना चाहिये. संविधान व किसी भी कानून के अन्तर्गत इनके सेवन से नारियों को नहीं रोका गया है और उन्हें इस सन्दर्भ में नैतिक मानदण्डों की परवाह करने की आवश्यकता नहीं है.ये पुरुषों ने बनाये हैं और विभेदकारी हैं. नारियों को खुलकर इनका सेवन करना चाहिये, जो पुरुष नैतिकता के भाषण दे उसे जेल भेजने के प्रावधान होने चाहिये. यही नहीं समर्थ उद्यमी नारियों को नारियों के लिये विशेष बार बनाने चाहिये सरकार द्वारा महिलाओं को इन पदार्थों के सेवन पर विशेष छूट के लिये प्रावधान करने चाहिये. मैं पूरी तरह आपका समर्थन करता हूं. <br />www.rashtrapremi.com<br />www.rashtrapremi.inडा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-80340337756969196552011-08-28T15:46:35.907+05:302011-08-28T15:46:35.907+05:30rajan
aap ki baat bhi sahii haen mudaa is post ka...rajan<br /><br />aap ki baat bhi sahii haen mudaa is post kaa kuchh aur tha par jaesa maene phelae hi kehaa ki gender bias kaa physical level par distinction hamesha mudda ban jataa haenरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-35272665775193656632011-08-28T10:07:49.582+05:302011-08-28T10:07:49.582+05:30ऐसा लग रहा है जैसे जाना कहीं ओर था और पहुँच गये कह...ऐसा लग रहा है जैसे जाना कहीं ओर था और पहुँच गये कहीं ओर...राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-81960827680168106482011-08-28T09:17:27.817+05:302011-08-28T09:17:27.817+05:30true rachna - absolutely true. but not smoking is ...true rachna - absolutely true. but not smoking is not the only option for the would be father, he can smoke outside the home, while a woman has no such choice on physical body level. <br /><br />i agree that smoking is bad for both, and should not be made more so for women (and less for men) just because they are women. i was talking of the physical aspect.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-50061151673161648502011-08-27T17:48:56.223+05:302011-08-27T17:48:56.223+05:30आज की सटीक पोस्ट समय की माँग है...रचना आपने सही कह...आज की सटीक पोस्ट समय की माँग है...रचना आपने सही कहा कि परिवार शुरु करने की जिम्मेदारी भावी माता-पिता दोनों की है...दोनों की सेहत का असर आने वाले बच्चे पर पड़ता है...<br />जहाँ तक इन सबके सेवन की बात है तो घर में इनके खिलाफ जितनी सख्ती होगी..उतना ही बाहर जाकर छोटे बड़े इन आदतों के शिकार ही नहीं गुलाम भी बनते देखे हैं...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38620502945931861702011-08-27T14:02:08.207+05:302011-08-27T14:02:08.207+05:30good comment shilpa
but lets not make pregnancy a...good comment shilpa <br />but lets not make pregnancy a sort of punishment for woman <br />even doctors today suggest that when the woman is pregnant man should avoid all those things that woman needs to avoid <br />there are special sessions for would be parents rather then just would be mothers <br /><br />children are responsibility of both though woman is the one who gives birthरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-36615703240363573822011-08-27T11:05:58.026+05:302011-08-27T11:05:58.026+05:30स्मोकिंग दोनों के लिए गलत है यह सही है, पब्लिक प्ल...स्मोकिंग दोनों के लिए गलत है यह सही है, पब्लिक प्लेसेस पर बैन स्त्री पुरुष दोनों के लिए है, किसी एक पर नहीं | आपकी यह बात सही है कि जब हमसे पूछा जाए कि यह अधिक बुरा है या वह तो हमें नैतिक भाषण में पड़ने की अपेक्षा अधिक और कम गलत समझाना चाहिए |<br /><br />परन्तु जहाँ तक धूम्रपान या मद्यपान के लिए स्त्री पुरुष दोनों के लिए अलग सन्दर्भों की बात की जाए, तो सन्दर्भ अलग हैं ही | जैसे नीट और सोडा के साथ में एक कम और एक अधिक बुरा है, जैसे सिगार उर सिगरेट में एक कम और एक अधिक बुरा है, ठीक उसी तरह - सब्जेक्टिवली नहीं ओब्जेक्टिवली देखा जाए, तो स्त्री पुरुष के स्मोकिंग करने में भी एक कम और एक अधिक बुरा है| <br /><br />पुरुष के स्मोक करने का असर उसकी सेहत पर है और उसके आस पास के पासिव स्मोकर पर भी | स्त्री शरीर पर इसका असर सिर्फ इतने से आगे भी जाता है | क्योंकि यह कोई ऐसी आदत तो है नहीं जो जब मर्जी आसानी से छोड़ी जा सके | तो जब स्त्री गर्भवती होती है, तो अचानक इस आदत को नहीं छोड़ सकती | **** घर के भीतर यदि पिता स्मोकिंग करे तो पेसिव स्मोकिंग के जरिये यह गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक है ***** जबकि होने वाला पिता यदि पिता घर से बाहर स्मोकिंग करे - तो गर्भिणी पत्नी को पासिव स्मोकिंग ना करनी पड़ेगी और यह शिशु को आगे नुक्सान नहीं करेगा | तो पिता यदि अचानक यह आदत न भी छोड़ पाए, तो उस के पास बाहर स्मोकिंग करने का ऑप्शन है | किन्तु यदि वह गर्भिणी स्त्री यह आदत ना छोड़ पाए, स्वयं स्मोकिंग करे, तो चाहे घर के भीतर करे या बाहर, असर होने वाले शिशु की सेहत पर पड़ेगा ही |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-64136493832952933192011-08-27T08:55:16.558+05:302011-08-27T08:55:16.558+05:30पर कभी कभी ‘अति’ का शिकार लगता है। (मुझे)
मनोज
अत...पर कभी कभी ‘अति’ का शिकार लगता है। (मुझे)<br /><br />मनोज<br />अति का शिकार ही हुआ हैं नारी वर्ग सदियों से और जब अति हो जाती हैं तो अति से ही ख़तम होती हैं क्युकी नारी की आवाज को सुनने का समाज आदि नहीं हैं इस लिये उसको साधारण से साधारण बात भी अति लगती हैं .<br />नारी का फुसफुसाना बर्दाश्त हैं क्युकी उस से बदलाव की शुरुवात होती नहीं दिखती पर आवाज और टंकार को वो भी नारी की कौन सुनना चाहता हैं<br />यही बात अब लडकियां समझ गयी हैं और अपनी आवाज को उठा रही हैं जैसा मैने इस पोस्ट में कहा हैं<br /><br />आज अन्ना के मुद्दे को भी लोग अति कह रहे हैं क्यूँ क्युकी शोर हैं बहुत और यही शोर बदलाव लायेगा<br />वैसे ही जितना ज्यादा स्त्रियाँ बदलाव के लिये शोर मचाएगी उतनी जल्दी आयेगा<br />और मेरी कोशिश रहेगी इन नेट के जरिये मै अपनी अति !!! जारी रखुरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-4637752618991545852011-08-27T00:57:02.958+05:302011-08-27T00:57:02.958+05:30ये बात सोचने वाली है कि महिला को ही सिगरेट या शराब...ये बात सोचने वाली है कि महिला को ही सिगरेट या शराब का सेवन करते हुऐ देखकर हमें तकलीफ क्यों होती है जबकि बहुत से लडके भी तो ये करते है.दो ही कारण हो सकते है या तो हमें ऐसी लडकियाँ स्वतंत्र विचारों वाली या पुरुषों से होड करने वाली लगती है या फिर हम मानकर चलते है कि लडकों की जिंदगी का कोई मोल ही नहीं होता यदि कोई बुरी लत लगती है तो लगने दो...मनोज जी जो कह रहे है वो बात सही है पहले ही नहीं बल्कि आज भी बहुत से लोग लडकों का भी लडकियों से बात करने को गलत मानते है.पर ज्यादातर देखा ये ही गया है कि लडकों पर ऐसी रोक केवल उनके घरवाले ही लगाते है,बाहर वाले नहीं और फिर भी बात उस हद तक तो नहीं जाती.जबकि लडकियों को संस्कारित करने की महान जिम्मेदारी घरवाले बाहरवाले महिला पुरुष सब खुशी खुशी अपने ऊपर ले लेते है.और केवल सिगरेट पीते या लडके से बात करते देखकर ही नहीं बल्कि लडकियों पर तो मोबाईल पर बात करने,कोई गाना गुनगुनाने या ठहाके लगाकर हँसने पर भी 'चालू' या 'बिगडी हुई' जैसे लेबल लग जाते है जबकि एक लडके के लिए ये सब कितनी सामान्य सी बातें है.हाँ ये जरुर है कि अब परिवर्तन तेजी से आ रहा है.लोग अब उतना ध्यान नहीं देते.पर लडके लडकी दोनों को ही अच्छी बुरी आदतों के बारे में समय रहते बता दिया जाएँ बाद में तो वे अपना भला बुरा खुद ही समझने लगते है.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60592882180985868022011-08-26T22:00:26.181+05:302011-08-26T22:00:26.181+05:30@ किसी भी गलत चीज़ को केवल स्त्री के लिये गलत बतात...@ किसी भी गलत चीज़ को केवल स्त्री के लिये गलत बताता हैं । <br />आपका विचार मंथन अच्छा लगता है।<br />पर कभी कभी ‘अति’ का शिकार लगता है। (मुझे)<br />कुछ बातें शेयर करता हूं। शायद उसका इस लेख से तालुक्क़ात हो - न भी हो। फिर से <br />किसी भी गलत चीज़ को केवल स्त्री के लिये गलत बताता हैं । <br />... के संदर्भ में यह कहना है कि हमारे ज़माने में हमें (लड़कों को) ‘भी’ लड़कियों से बात करने के लिए मना किया जाता था। अब लोग उस ज़माने में लड़कियों से बात करने के भी ग़लत मानते थे।<br />संदर्भ बदला ... मनसिकता बदली ... अब ये ही नहीं बहुत सी बातें आम हो गई हैं। बदलाव आ रहा है।<br />जेंडर बायस इसमें नहीं है। मैं भी सहमत हूं नारी शक्ति से कि ..<br />.. नारी स्वातंत्रय अपनी जगह है और व्यसन अपनी जगह<br />परन्तु ये कहना गलत होगा कि कोई चीज़ केवल नारी के लिए वर्जित हैमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-16875030172775961282011-08-26T19:54:04.049+05:302011-08-26T19:54:04.049+05:30पुरुष सत्तात्मक समाज में शासक और शासित के निर्मम,...पुरुष सत्तात्मक समाज में शासक और शासित के निर्मम,मुखर वर्गभेद को आधी आबादी सहज,सामान्य भाव से स्वीकार कर चुकी है।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74071134416296518412011-08-26T19:20:28.782+05:302011-08-26T19:20:28.782+05:30सारगर्भित आलेख, आप कि बातों से में पूर्णरूप से सहम...सारगर्भित आलेख, आप कि बातों से में पूर्णरूप से सहमत हूँ ...कभी समय मिले तो मेरी पोस्ट भी आयेगा धन्यवादPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-47448094349098692982011-08-26T18:09:55.106+05:302011-08-26T18:09:55.106+05:30आप परिधान को ही ले,
आदमी ये कहते हैं, की औरत को प...आप परिधान को ही ले,<br />आदमी ये कहते हैं, की औरत को पश्चिमी परिधान नहीं पहनने चाहिए,<br />मगर वो खुद पाश्चात्य परिधान (पेंट, शर्ट ) कबका अपना चुका है, और शान से पहनता है |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-17740636983820412732011-08-26T15:53:08.379+05:302011-08-26T15:53:08.379+05:30अत्यंत सारगर्भित आलेख है
धूम्रपान अथवा मदिरा सेवन...अत्यंत सारगर्भित आलेख है<br />धूम्रपान अथवा मदिरा सेवन तो सबके लिए हानिदेह है जैसे तलवार की धार ये नहीं देखती कि उससे काटने वाला शत्रु है या मित्र - पुरुष है या नारी........<br /><br />नारी स्वातंत्रय अपनी जगह है और व्यसन अपनी जगह<br />परन्तु ये कहना गलत होगा कि कोई चीज़ केवल नारी के लिए वर्जित हैनारी शक्ति - शाश्वत शक्तिhttps://www.blogger.com/profile/02842654528944362313noreply@blogger.com