tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post6964432828545342334..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: ये नारी ब्लॉग पर मेरी अंतिम पोस्ट हैंरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-85662805248541149162011-09-26T17:10:38.791+05:302011-09-26T17:10:38.791+05:30शायद ना जाना ही नियति थी और संझा ब्लॉग को अब केवल ...शायद ना जाना ही नियति थी और संझा ब्लॉग को अब केवल खुद लिखना भीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-30164112159088968752011-07-05T09:31:06.818+05:302011-07-05T09:31:06.818+05:30नारी ब्लॉग यानी ब्लॉग जगत के सो कोल्ड "पुरुष&...नारी ब्लॉग यानी ब्लॉग जगत के सो कोल्ड "पुरुष" के खिलाफ मोरल पोलिसिंग . तीन साल में ही दम निकल गया पुरुष समाज का मोरल पोलिसिंग से और मेरे देश की बेटियाँ , बहुये , माँ सदियों से इस मोरल पोलिसिंग को बर्दाश्त कर रही हैं . सोचिये , अपने अन्दर झांकिये कैसा लगता हैं उन सब को जब उन्हे ये समझाया जाता हैं , ये ये मत करो क्युकी तुम नारी हो . ये मत पहनो ये पहनो क्युकी ये भारतीये संस्कृति हैं . उनकी सहनशीलता को उनकी कमजोरी मान लेना क्या पौरुष हैं ????<br />उल्ट दिया मैने वो यहाँ और देखती रही की किस प्रकार से मुझे संबोधन दिये जाते रहे . सोचिये ना जाने कितने ऐसे ही संबोधन आप के घरो में मौजूद आपकी बेटियाँ , पत्निया और माँ आप को "मन " से अपने "मन " में देती हैं . कहीं पढ़ा था अगर हर स्त्री एक दम सच बोलने लगे तो ये दुनिया पुरुषो के लिये नरक हो जाए .<br /><br /><br />नारी ब्लॉग पर जो लिख चुकी हूँ , जिन्दगी उन मुद्दों से १० साल आगे चल रही हैं . अब अगर और लिखती हूँ तो या तो खुद को रिपीट करुँगी <br /><br /><br />ब्लॉग मैने बनाया हैं लेकिन मेरे अकेले का नहीं हैं . आभासी दुनिया की चीज़ आभासी दुनिया में इस ब्लॉग के सदस्यों के हवाले कर के जाना मुझे तो सुकून ही देता हैं . मेरा काम यहाँ तक था किया अब और लोग कर रहे हैं . दो नयी पोस्ट आ ही चुकी हैं और आएगी . नारी का ब्लॉग हैं नारी की अभिव्यक्ति होती रहेगी .<br />सभी को सादर सप्रेम नमस्तेरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-4226794913581933102011-07-02T17:58:00.190+05:302011-07-02T17:58:00.190+05:30आपका फैसला ठीक नहीं है। मुझे तो लगता है कि जल्दबाज...आपका फैसला ठीक नहीं है। मुझे तो लगता है कि जल्दबाजी और भावनाओं में बहकर लिया गया है। एक बार फिर से विचार कीजिए। <br />वजह आपने यहां नहीं लिखा तो इसके पीछे कोई वजह होगी, लेकिन काम पूरा हुआ या नहीं ये फैसला आप अकेले कैसे कर सकती हैं।<br />दोबारा विचार कीजिए अपने इस फैसले परमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-80577343971155088622011-07-02T15:51:27.610+05:302011-07-02T15:51:27.610+05:30'tanki arohan'......is shabd ke liye
'...'tanki arohan'......is shabd ke liye<br />'khed' hai....kshma karenge.........<br /><br />pranamसञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48536907026899972732011-07-02T14:07:24.742+05:302011-07-02T14:07:24.742+05:30आप जैसी जीवट महिला का यह निर्णय किसी प्रकार स्वागत...आप जैसी जीवट महिला का यह निर्णय किसी प्रकार स्वागत योग्य नहीं ...<br />कृपया पुनर्विचार करें और अल्पविराम के उपरान्त पुनः सक्रियता बढ़ाएं...<br /><br />आपकी प्रतीक्षा रहेगी..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48648607103173059102011-07-02T13:14:46.242+05:302011-07-02T13:14:46.242+05:30आप जैसे लोगो की यहाँ जरुरत है !आपको को बीच में नही...आप जैसे लोगो की यहाँ जरुरत है !आपको को बीच में नहीं जाना चैयेupendra shuklahttps://www.blogger.com/profile/15384897251827279177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37219580463262976532011-07-02T12:05:00.397+05:302011-07-02T12:05:00.397+05:30@ रचना !
आम आदमी कभी समझदार नहीं होता , आम आदमी क...<b><br />@ रचना !<br /><br />आम आदमी कभी समझदार नहीं होता , आम आदमी को भीड़ का अंग मानकर मनीषी लिखते रहे हैं ! <br /><br />अगर यह पथप्रदर्शक नहीं होते तो शायद यह समाज भी नहीं होता ! आम पाठक से, लीक से हटकर चल सकने की क्षमता वाले एक लीडर का हटना , सामान्य और अविकसित समाज के लिए घातक होगा !<br /><br />बहुत सी बातों में , आपका आलोचक होने के बावजूद, मैं आपको इन्ही लोगों ( मनीषियों ) में से गिनता रहा हूं ! आपको, अपने आपको लेखन से अलग नहीं करना चाहिए !<br /><br />यहाँ ब्लॉग लेखन में एक से घटिया लोगों के मध्य निडर लेखन, वह भी एक महिला के द्वारा आसान नहीं है ! सामान्य महिला लेख़क एक या दो घटिया टिप्पणियों से घायल होकर या तो भाग खड़ी होती है अथवा घुटनों के बल बैठ जाती है ! <br /><br />आपका तथाकथित जिद्दी स्वभाव और अपनी बनाई और सोंची लीक को न छोड़ना, आपका गुण है यह हजारों कमज़ोर बच्चियों को उनके मुंह में जबान दे सकने की क्षमता रखता है ! किसी भी कारण इस अच्छे कार्य को छोड़ कर भाग जाना मेरे जैसे, तुम्हारे प्रसंशकों को निराश करेगा ! <br /><br />भारतीय नारियों को मज़बूत और निडर आवाज की बेहद जरूरत है और इस कमी को तुम्हारी जैसी नेत्री बखूबी पूरी कर रही है !<br /><br />बापस आ जाओ रचना !</b>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38369668508242663562011-07-02T09:41:27.018+05:302011-07-02T09:41:27.018+05:30सामाजिक कार्य करने वाले सार्वजनिक होते हैं अतः उनक...<b>सामाजिक कार्य करने वाले सार्वजनिक होते हैं अतः उनका हक़ है कि कारण पूंछा जाये ...और रचना जैसा व्यक्तित्व यह बता नहीं पा रहा यह समझ से बाहर है ! <br /><br />आपको कलम नहीं छोडनी चाहिए ! <br /><br />सस्नेह शुभकामनायें !!</b>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-26418408974246279362011-07-01T11:08:05.243+05:302011-07-01T11:08:05.243+05:30यह पढ़कर थोड़ी निराशा तो है, लेकिन यह आपका अपना निर्...यह पढ़कर थोड़ी निराशा तो है, लेकिन यह आपका अपना निर्णय है, कुछ नहीं किया जा सकता। आप उन लोगों में से नहीं हैं जो किसी के कहने पर अपना निर्णय बदलें…। नारी ब्लॉग जारी रहेगा यह अच्छी बात है, क्योंकि मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि "जो हम करने आए थे, वो हमने पूरा कर लिया…", हम जैसे आम इंसान सिर्फ़ एक कार्यकर्ता होते हैं, जो एक बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, अपने-अपने हिस्से का काम करके निकल जाते हैं। <br /><br />मैं यह भी जानता हूँ कि आप स्वयं ही कुछ कालखण्ड बीतने के बाद वापस आएंगी। मैं जाने का कारण नहीं पूछूंगा, क्योंकि यह व्यक्तिगत भी हो सकता है, समय न दे सकने की मजबूरी हो सकती है, कोई अन्य व्यावसायिक प्रतिबद्धताएं हो सकती हैं… परन्तु आप इस ब्लॉग से सतत जुड़ी रहेंगी, और जिस कार्य के लिए आप जा रही हैं वह पूरा करने के बाद पुनः इधर पधारेंगी, मुझे विश्वास है। यदि ऊपर बताये गये में से भी कोई कारण नहीं है, तब तो निश्चित ही आपको आराम की आवश्यकता है, छुट्टी मनाईये, तरोताजा होईये और वापस आईये…। <br /><br />मैं भी फ़िलहाल ऐसा ही कर रहा हूँ, महंगाई के कारण अब व्यावसायिक गतिविधियाँ बढ़ाना मजबूरी है, इसलिये महीने में 15-20 पोस्ट लिखने वाले ने जून में सिर्फ़ 5 पोस्ट लिखीं… परन्तु राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व का कार्य तो करना ही है इसलिये रोजी-रोटी की व्यस्तता के बीच समय चुराकर फ़ेसबुक पर छोटे-छोटे नोट्स डालता हूँ…। आप भी ऐसा कर सकती हैं कि फ़ेसबुक पर पधारें और नारी ब्लॉग को नया आयाम दें…। <br /><br />बड़ा लक्ष्य और बड़े सामाजिक उद्देश्य कभी एक जीवन में पूरे नहीं होते, हम सिर्फ़ उसमें छोटा सा योगदान भर दे सकते हैं…। आपने दिया है, हम इसके प्रति आभारी हैं, जब भी वापस आएंगी तहे-दिल से स्वागत ही होगा… हम अभी यहीं बने रहेंगे… :) :) (जनवरी 2012 में मेरे भी पाँच साल हो जाएंगे ब्लॉगिंग में)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-70860891791776163682011-06-30T23:05:49.003+05:302011-06-30T23:05:49.003+05:30आपने नारी ब्लॉग से विदा लिया है...ब्लॉग जगत से तो ...आपने नारी ब्लॉग से विदा लिया है...ब्लॉग जगत से तो नहीं??<br />आशा है, अपने ब्लॉग पर आपकी सक्रियता<br />बढ़ेगी...और टिप्पणियों के माध्यम से भी आप अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया देती रहेंगी.<br /><br />अब आपने निर्णय ले लिया है...तो पीछे तो शायद ना ही हटें...वैसे पुनर्विचार की गुंजाईश होती तो अच्छा था...<br /><br />शायद यह नारी ब्लॉग के सदस्यों के लिए भी एक परीक्षा है कि वे इस ब्लॉग के प्रति अपनी जिम्मेवारियों का वहन कर सकें...और इस ब्लॉग की सार्थकता बनाए रखें.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-7491341284716599682011-06-30T22:37:43.469+05:302011-06-30T22:37:43.469+05:30रचना जी
बेशक आपने सोच समझ कर ही निर्णय लिया होगा ?...रचना जी<br />बेशक आपने सोच समझ कर ही निर्णय लिया होगा ?-<br />किन्तु फिर भी कहना चाहूंगी<br />आपने" नारी "ब्लॉग के जरिये सदियों से जमी विचारो की, मानसिकता की धूल को को हटाने का कार्य शुरू किया है वो अभी कहाँ पूरहुआ है ?<br />जब कारवां आपके साथ चल पड़ा है आप कसे जा सकती है ?शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-87578358431952277612011-06-30T17:37:05.633+05:302011-06-30T17:37:05.633+05:30आपने ऐसा निर्णय लिया है तो जरुर कुछ सोच कर ही लिया...आपने ऐसा निर्णय लिया है तो जरुर कुछ सोच कर ही लिया होगा ....फिर भी आपके वापस आने का इंतजार रहेगारेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9358438988726512532011-06-30T17:13:26.386+05:302011-06-30T17:13:26.386+05:30दुखद..
लिखना बेशक कम कर दीजिए लेकिन अभिव्यक्ति की ...दुखद..<br />लिखना बेशक कम कर दीजिए लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखें...बहुतों को आपके लेखन से प्रेरणा मिलती हैराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-5444587058551612362011-06-30T13:50:04.890+05:302011-06-30T13:50:04.890+05:30वैसे तो निर्णय आपका है और आपने सोच समझ कर लिया होग...वैसे तो निर्णय आपका है और आपने सोच समझ कर लिया होगा। यह भी स्पष्ठ नहीं कि जो आप करने आई थी हो गया, क्योंकि लगभग सभी को उस कार्य की पूर्णता पर संदेह है। और कह रहे है कार्य अभी बाक़ी है।<br />खैर मेरा मंतव्य है कि आप नारी विषयों के एक अभिन्न दृष्टिकोण की प्रणेता है। थोडा तेज तर्रार ही सही पर इस दृष्टिकोण को प्रवर्तमान रहना चाहिए। जो यदा कदा अतिक्रमण को रोकनें में सहायक हो सकता है।<br />बाक़ी निर्णय आपका!! जो भी उचित समझे!! आशा है अनुगामी को विचारधारा पद्धति से अवगत करवा कर ही जाएगी।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-45647863858320551682011-06-30T11:22:13.870+05:302011-06-30T11:22:13.870+05:30कमी खलेगी आपकी...वैसे उम्मीद है आप दुबारा आएँगी......कमी खलेगी आपकी...वैसे उम्मीद है आप दुबारा आएँगी...pragyahttps://www.blogger.com/profile/04688591710560146525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-47885835689644371932011-06-30T11:02:50.827+05:302011-06-30T11:02:50.827+05:30इस तरह से जाना समझ में नहीं आया। कम से कम इसका कार...इस तरह से जाना समझ में नहीं आया। कम से कम इसका कारण तो बताना चाहिए था।<br /><br />------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ओझा उवाच: यानी जिंदगी की बात...।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">नाइट शिफ्ट की कीमत..</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65704841476681075212011-06-30T10:34:28.699+05:302011-06-30T10:34:28.699+05:30मेरे विचार से यदि समय का अभाव हो तो कोई और सूत्रधा...मेरे विचार से यदि समय का अभाव हो तो कोई और सूत्रधार बन जाये पर विचारों को विश्राम देना ठीक नहीं। जब मन में कोई बात उठे तो अवश्य लिखेंउन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-60881133563544157802011-06-30T09:23:10.408+05:302011-06-30T09:23:10.408+05:30जाइए आप कहां जाएंगे,
ये कलम लौट के फिर आएगी...
जय...जाइए आप कहां जाएंगे,<br />ये कलम लौट के फिर आएगी...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-39523757707615904152011-06-30T08:30:45.705+05:302011-06-30T08:30:45.705+05:30Nirnay to Apka hi hai.... Kya kaha ja sakata hai.....Nirnay to Apka hi hai.... Kya kaha ja sakata hai.... Par request hai ki apak lekhan chalata rahe to achcha lagega.......Shubhkamnayen डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-11346412309735590242011-06-30T08:11:28.822+05:302011-06-30T08:11:28.822+05:30ऐसा निर्णय या तो बेवकूफ़ी भरा हो सकता है या कायरता...ऐसा निर्णय या तो बेवकूफ़ी भरा हो सकता है या कायरता वाला।<br /><br />अगर दोनों में से कोई नहीं है तो आप नहीं जा रही हैं।<br /><br />आपको अपने समर्थकों के स्वर से पता तो चल ही गया होगा कि वे क्या चाहते हैं।<br /><br />किसी आन्दोलन को बीच में छोड़ कर उसका लीडर नहीं जा सकता।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-15042423219556416392011-06-30T03:29:43.958+05:302011-06-30T03:29:43.958+05:30आप कह रही हैं कि आप जा रही हैं तो आप शायद रूकेंगी ...आप कह रही हैं कि आप जा रही हैं तो आप शायद रूकेंगी नहीं।<br />आप कह रही हैं कि जो आप करने आई थीं वह काम हो गया है।<br /><b>आप क्या करने आई थीं ?</b><br />जाने से पहले यह ज़रूर बता दीजिए और जब आप बताएंगी तो आपको ख़ुद पता चल जाएगा कि वह काम पूरी ज़िंदगी चाहता है। पांच साल कम हैं किसी भी सकारात्मक परिवर्तन के लिए।<br />बहरहाल हम आपसे प्यार करते हैं और चाहते हैं कि आप हमारे दरम्यान बनी रहें।<br />आपका चले जाना हमारे लिए एक बुरी ख़बर है।<br />आप जहां भी रहेंगी, कुछ लोगों को सदा याद आती ही रहेंगी।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-85955768340642991932011-06-30T03:24:21.607+05:302011-06-30T03:24:21.607+05:30आप अकारण ही ऐसा लिख नहीं सकती ...कारण जानना चाहूं...आप अकारण ही ऐसा लिख नहीं सकती ...कारण जानना चाहूंगी !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37253304791540559962011-06-30T00:36:53.464+05:302011-06-30T00:36:53.464+05:30रचना,
तुम उनमें से नहीं जो पानी की टंकी पर चढकर लो...रचना,<br />तुम उनमें से नहीं जो पानी की टंकी पर चढकर लोगो के कहने से उतर आते हैं। <br />तुम भले ही नारी ब्लाग पर नियमित न लिखो लेकिन अगर कुछ ऐसा लगे कि लिखा जाना चाहिये, तो उसमें संकोच भी मत करना ।<br /><br />तुम्हारी पांच साल पहले चलाई हुयी मुहिम निश्चित आगे बढी है और इसको बहुत आगे जाना है। उम्मीद है तुम जहाँ भी रहोगी अपने स्तर पर इस प्रकार का कुछ करती रहोगी। तुम्हारा साथ पिछले पांच साल के थोडे बहुत संवाद ने निश्चित रूप से एक बेहतर सोच विकसित करने में मदद की है।<br />शुभकामनायें। <br />नीरजNeeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-85132350723810208812011-06-30T00:15:10.113+05:302011-06-30T00:15:10.113+05:30आपने यह कैसे तय कर लिया कि, आपका काम पूरा हो गया ?...<i>आपने यह कैसे तय कर लिया कि, आपका काम पूरा हो गया ?<br />इन चिंगारियों के धधक बनने का समय तो अब आया है, और आप कहती हैं.. कि आपका काम पूरा हो गया !<br />आपकी कान उमेठू टिप्पणियों ने बहुतों का मार्गदर्शन किया है... और मेरे साथा दूसरी बड़ी बात यह है कि,<br />अब मैं लडूँगा किससे ? जाइये थोड़ा विश्राम लेकर तरो-ताज़ा होकर दूसरे राउँड के लिये जल्द आइये । <br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-23144319452609482492011-06-29T23:55:38.216+05:302011-06-29T23:55:38.216+05:30.
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रचना जी,
क्या कहूँ कुछ समझ नहीं पा रहा... प....<br />.<br />.<br />रचना जी,<br /><br />क्या कहूँ कुछ समझ नहीं पा रहा... पर कहना जरूरी है यहाँ...मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि हर व्यक्ति को अपने फैसले खुद ही लेने चाहिये और अन्य सभी को उन फैसलों का सम्मान करना चाहिये... इसलिये आपके इस फैसले का भी सम्मान करूंगा... आशा है 'नारी' को एक आप जैसा ही या आपसे भी बेहतर मॉडरेटर-सूत्रधार मिलेगा... <br /><br />हाँ, प्रिय अमरेन्द्र की तरह ही मैं भी आपसे यह अपेक्षा तो रखूंगा ही कि ब्लॉग-स्पेस में नारी-स्वर को आप हमेशा की तरह एक मुखर, दमदार व प्रभावी अभिव्यक्ति देती रहेंगी... यह अपेक्षा कुछ ज्यादा तो नहीं ?<br /><br /><br />आभार! <br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.com