tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post6962772877367063062..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: उसको सही खाना मिले , और वो हमारे घर में हंसती बोलती रहे बस इतना ही हमारे वश हैं - कब मेरे देश के बच्चे अपना बचपन जी पायेगे रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78886385410244856782014-08-09T10:34:14.902+05:302014-08-09T10:34:14.902+05:30@ वाणी जी
माँ को समझाया जब पिछली बार अकेला छोड़ गय...@ वाणी जी<br />माँ को समझाया जब पिछली बार अकेला छोड़ गयी थी बच्चियों को। कोई फायदा नहीं होता , माँ ने स्कूल में दाखिल भी करवाया पर स्कूल में इन बच्चियों मन नहीं लगता हैं। रूबी खुद कहती हैं की नौकरी की वजह से दो वक्त का खाना मिल जाता हैं। <br />अजीब लगता हैं सब कुछ रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62959806201350306952014-08-09T10:26:15.692+05:302014-08-09T10:26:15.692+05:30करुण गाथा है इन बच्चों की। स्वावलम्बी होकर भी मजब...करुण गाथा है इन बच्चों की। स्वावलम्बी होकर भी मजबूर , आप इनकी अधिक मदद कर भी नहीं सकते। कोशिश की तो पिता पुलिस लेकर आ जाएगा अधिकार जताने !<br />यदि उसकी माँ का समझा बूझकर बच्ची की शिक्षा और अपनी छत्रछाया के लिए मना लिया जाए तो कुछ बात बन सकती है। बड़ी कसमसाहट होती है ऐसे में , क्या किया जाए !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48760225068663653612014-08-08T19:18:01.486+05:302014-08-08T19:18:01.486+05:30बहुत कष्टकर जीवन जीते हैं ये बच्चे ...बहुत कष्टकर जीवन जीते हैं ये बच्चे ...संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-70276290977843954872014-08-08T15:27:26.614+05:302014-08-08T15:27:26.614+05:30ऐसी कितनी ही रूबी हमारे आसपास मिल जाएँगी...आशा और ...ऐसी कितनी ही रूबी हमारे आसपास मिल जाएँगी...आशा और उम्मीद से भरी...Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-75530131806349926182014-08-08T13:03:56.400+05:302014-08-08T13:03:56.400+05:30सच रचनाजी यही कहानी है हमारे आसपास कितने ही घर ...सच रचनाजी यही कहानी है हमारे आसपास कितने ही घर है jinke aise halat hai aur kbhi lgta hai hm vivsh hai<br />शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-77207235931554590022014-08-08T12:05:18.222+05:302014-08-08T12:05:18.222+05:30प्राय: गरीबी का कारण ऐसे लोग स्वयं होते हैं. इन शर...प्राय: गरीबी का कारण ऐसे लोग स्वयं होते हैं. इन शराबी पिताओं पर मेरे पास लिखने को एक कहानी संग्रह लायक सामग्री है.<br />मैं भी कभी बच्चों को काम पर नहीं लगाती. एक बार जाई नामक एक लेख मैंने अपने ब्लॉग पर लिखा था. किन्तु सौभाग्य से उस कहानी का सुखांत हुआ.<br />http://ghughutibasuti.blogspot.in/2008/07/blog-post_09.htmlghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com