tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post6743719082576335397..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: मिलगया वो समाधान जिसको लागू करने से रेप , मोलेस्टेशन इत्यादि रोके जा सकते हैंरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78895140022547503122012-07-15T06:15:18.781+05:302012-07-15T06:15:18.781+05:30धारदार व्यंग्य।
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ये है- प्रसन्न यं...धारदार व्यंग्य।<br /><br />............<br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ये है- प्रसन्न यंत्र!</a></b><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-20674787710300958462012-07-14T20:35:07.999+05:302012-07-14T20:35:07.999+05:30जब तक संस्कारों के बीज नही बोये जायेंगे ये होता ही...जब तक संस्कारों के बीज नही बोये जायेंगे ये होता ही रहेगा चाहे कोई उपाय कर लो क्योंकि जब तक स्त्री को उपभोग की वस्तु माना जायेगा यही होगा क्योंकि ऐसी मानसिकता वालों के लिये उम्र कोई मायने नही रखती ना ही कपडे उनके लिये सिर्फ़ वो एक शरीर है जिसमे वो दो अंग हैं जिनकी उन्हे जरूरत है बस फिर चाहे दो साल की बच्ची हो या अस्सी साल की बुढिया या बीस साल की लडकी ……………और काफ़ी हद तक इस सबके लिये आज का खुला माहौल भी जिम्मेदार हो गया है वरना तो पहले भी स्त्रियाँ रहा ही करती थीं और इतने ज्यादा केस नही होते थे मगर आज हो रहे हैं तो कहीं ना कहीं इन सबका भी कुछ तो योगदान है ही।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-22409053836144425092012-07-14T18:07:04.211+05:302012-07-14T18:07:04.211+05:30रेप, मोलेस्टेशन के लिए स्त्री के कपड़ों का कोई लेना...रेप, मोलेस्टेशन के लिए स्त्री के कपड़ों का कोई लेना देना नहीं है...अगर उन्हें आपको बिना कपड़ों के देखना है तो आप कपड़ों में हों तब भी वो देख लेंगे...<br />और फिर रेप के लिए कोई उम्र भी नहीं देखता, अभी हाल ही में ८५ साल की बुजुर्ग महिला का रेप हुआ है...क्या उन्होंने कपड़े नहीं पहने थे ?? या फिर इतने कम पहने थे कि रेपिस्ट ख़ुद को सम्हाल नहीं पाया...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-45230958517747792522012-07-14T18:02:03.731+05:302012-07-14T18:02:03.731+05:30प्रकृति ने तो पहले ही हर जीव-जंतु को कपड़े पहनाए ह...प्रकृति ने तो पहले ही हर जीव-जंतु को कपड़े पहनाए हैं, मनुष्य को भी। लेकिन मनुष्य ने ही कुछ गड़बड़ कर दी। पहले तो वह चौपाए से दोपाया हो गया। जिस से उस के सारे छिपे हुए प्रजननांग दिखने लगे। दूसरे उस ने अनुकूल वातावरण वाले भूभाग से प्रतिकूल वातावरण वाले भूभाग में निवास का प्रयत्न किया। इस प्रयत्न में उसे प्रतिकूल वातावरण से बचने के लिए कपडे ईजाद करने पड़े। <br />जब तक मनुष्यों की जमात में परिवार में मुख्य स्थान स्त्रियों का रहा तब तक सब कुछ ठीक रहा। लेकिन जैसे ही पशुपालन से संपत्ति पैदा हुई। पुरुषों ने महिलाओं को गौण स्थान पर ढकेल दिया। फिर जिस संस्कृति को उस ने जन्म दिया उस में स्त्रियाँ मात्र गुलाम बन कर रह गईँ। आज स्त्री-पुरुष समानता के युग में भी पुरुष स्त्रियों को उसी तरह रखना चाहता है। क्यों कि वह जानता है कि स्त्रियों को बराबरी का वास्तविक अधिकार मिलते ही पुरुष का महत्व समाप्त हो जाएगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-79073962484766607882012-07-14T16:41:30.018+05:302012-07-14T16:41:30.018+05:30बेकार उपाय है ! क्या इससे विवाह के समय उसके दहेज़ ...बेकार उपाय है ! क्या इससे विवाह के समय उसके दहेज़ की चिंता ख़त्म हो जाएगी क्या उसको पढ़ने लिखने में जो खर्च हुआ है वो सब हमें मिल जायेगा क्या वो हमारे बुढ़ापे में सहारा बनेगी, नहीं ना, तो क्या फायदा हमारे पास पहले से ही एक अच्छी तकनीक है सारी समस्याओ का एक हल उसके लिंग का पता करो और वही उसे मार दो | ना रहेगा "लकड़ी" और बासुंरी क्या कुछ भी नहीं बजेगा ढोल नगाड़ा , हरमुनियम कुछ भी नहीं क्योकि सब में "लकड़ी" लगी होती है :(anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-78727692712876744582012-07-14T15:35:39.808+05:302012-07-14T15:35:39.808+05:30ना ना रेखा मैने तो ये लोगो को रोज रोज हो रही परेशा...ना ना रेखा मैने तो ये लोगो को रोज रोज हो रही परेशानी को ले कर सोचा हैं . हर दिन किसी ना किसी को रेप और मोलेस्टेशन करना पड़ता हैं , बिचारे कितना "काम" करते हैं और हम उनके लिये कुछ भी नहीं सोचतेरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-66535698434816735122012-07-14T15:31:57.339+05:302012-07-14T15:31:57.339+05:30रचना ,
सुरक्षा के लिए और बढ़ ...रचना ,<br /><br /> सुरक्षा के लिए और बढ़ रही उत्पीड़न की घटनाओ के लिए अच्छा सोचा है. काश ! ऐसा ही हो सके.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.com