tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post6660219665826776971..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: कंडीशनिंग करने में हमारा समाज कोई कसर नहीं छोड़ता हैं। रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-21758952961045849542017-09-23T14:59:18.384+05:302017-09-23T14:59:18.384+05:30एक काम पढ़ी लिखी लड़की हो या किसी रोग से ग्रसित हो उ...एक काम पढ़ी लिखी लड़की हो या किसी रोग से ग्रसित हो उसका विवाह केवल और केवल दहेज़ के कारण ही होता था। <br />क्या एक काम पढ़ा लिखा लड़का अपने से ज्यादा योग्य लड़की से विवाह करेगा तो दहेज़ लाएगा नहीं बल्कि तब भी वो लड़की पर एहसान करेगा। <br />आप के लिये डिग्री का महत्व नहीं हो सकता हैं पर मेरे लिये हैं और सदा रहेगा क्युकी आप जिन डिग्री की बात कर रही हैं में उनसे इतर उन डिग्रियों की बात कर रही हूँ जिनको पाने के लिये किसी को भी सालो पढ़ना पड़ता हैं। <br />और अपने से कम पढ़ी लिखी लड़की से शादी करके भी एहसान और अपने ज्यादा पढ़ी लिखी से शादी करके भी एहसान। <br />वंश तो हर विवाहिता अपने पति का ही चलाती हैं <br />अब रिवर्स कंडीशनिंग की जा रही हैं ताकि ज्यादा पढ़ी लिखी विवाह से इतर ना सोचना शुरू करदे और बिचारे लड़के दहेज़ से भी जाए , विवाह से भी रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62445759417165138852017-09-23T14:05:08.415+05:302017-09-23T14:05:08.415+05:30 मैंने केबीसी तो नहीं देखा मै एक सामान्य सी बात कह... मैंने केबीसी तो नहीं देखा मै एक सामान्य सी बात कहूँगी | विवाह लिए जिन योग्यताओ की जरुरत है उनमे शैक्षिक योग्यता बहुत बार उतना महत्व नहीं रखता जीतना आप सोच रही है | डिग्रियां कभी भी व्यक्ति की योग्यता को नहीं प्रदर्शित करती | पढ़े लिखे बेरोजगार नालायक बजाये कम पढ़ा लिखा किन्तु जिम्मेदार व्यक्ति विवाह के ज्यादा योग्य होता है | इस हिसाब से तो बहुत सारे पुराने विवाह है जिसमे पत्नी न के बराबर पढ़ी लिखी थी और पति काफी ज्यादा पढ़ा लिखा तो वो विवाह सही नहीं थे | इस हिसाब से तो विवाह के समय पुरुष भी इस बात पर जोर दे की पत्नी का वेतन उसके बराबर का हो तभी विवाह करेगा या कल को विवाह के बाद कोई अपने क्षेत्र में आगे बढ़ गया तो वो दूसरे को छोड़ दे | समाज महिलाओ की कंडीशनिंग बना तो रहा है कई मामलों में लेकिन जो उदहारण आप दे रही है वो उतना सही नहीं लग रहा है | रही बात तारीफ की तो जो आज समाज के हालत है उसमे तारीफ तो बनती है | anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.com