tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post6176411895300981512..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: अब क्या इसके लिए भी कपड़े ही दोषी है ?रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-83914832440541767172009-05-08T12:11:00.000+05:302009-05-08T12:11:00.000+05:30आयूष कन्फ़ुय्सड हैं,
एक तरफ़ सदुपदेश व ओछी मानसिकता ...आयूष कन्फ़ुय्सड हैं,<br />एक तरफ़ सदुपदेश व ओछी मानसिकता की बात दूसरी ओर अप सन्सक्रति की । अप सन्सक्रति के कारण ही विध्वा विलाप आदि होता है।शायद दोनों बातों का ही अर्थ नहीं समझे हैं। shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-68153579546166814532009-05-08T12:04:00.000+05:302009-05-08T12:04:00.000+05:30सच है कि कुन्ठित मानसिकता ही इस सब के लिये जिम्मेद...सच है कि कुन्ठित मानसिकता ही इस सब के लिये जिम्मेदार है ,सिर्फ़ कपडे नहीं, परन्तु कपडे ही कुन्ठित मानसिकता के ल्ये जिम्मेदार हैं। सिक्के का अन्य पहलू देखिये, एकान्गी नज़र से नहीं। shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-31369847357513601772009-04-15T16:34:00.000+05:302009-04-15T16:34:00.000+05:30bas itna sa kahunga,yadi ghee ko aag ki anch mile ...bas itna sa kahunga,yadi ghee ko aag ki anch mile to ,ghee apnisanyam kab tak banaye rakhegi,use pighalna hi he,so bharkau kapde,jism-pradarshan ka bahut bada hath he,dimag ko sankuchit karne meSUNIL KUMAR SONUhttps://www.blogger.com/profile/11191165434727544898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-84613760886507797742009-04-12T20:41:00.000+05:302009-04-12T20:41:00.000+05:30हमारे भारतीय समाज की एक बड़ी *विडम्बना* है कि यहाँ...हमारे भारतीय समाज की एक बड़ी *विडम्बना* है कि यहाँ **बलात्कार** बड़ा अपराध तो माना जाता है पर "अपराधी व्यक्ति" लोगों को पता होने के बाद भी *ना* के बराबर सजा या *कानून की देरी* का लाभ पाकर निश्चिंत बना रहता है. वहीँ "निरपराध बच्ची या महिला" सामाजिक तिरस्कार व प्रताड़ना की अधिकारी बना दी जाती है. सहानुभूति पूर्वक विचार करने के बदले उसके कपडों पर या उस पर कई प्रकार के दोषारोपण कर दिए जाते हैं.---परिणाम अधिकांशतः इस तरह के अपराध पूरी तरह समक्ष नहीं आकर अप्रगट ही बने रहते हैं और ओछी व विकृत मानसिकता के लोग भयहीन-स्वच्छंद घूमते रहते हैं .. समाज में व्याप्त विसंगतियों व गलत धारणाओं को दूर करके अपराधी को तुंरत कानूनन कठोर सजा+जुरमाना व पीडिता को सामाजिक न्याय सही मिले. <BR/>साथ ही अपराधी का सामाजिक बहिष्कार हो.Gyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-39328600859293327122009-04-10T20:13:00.000+05:302009-04-10T20:13:00.000+05:30नारी विरोधी अपराध चाहे वह शारीरिक या मानसिक उत्पी...नारी विरोधी अपराध चाहे वह शारीरिक या मानसिक उत्पीडृन हो या फिर यौन हिंसा यह पितृसत्तात्मक सामाजिक ढांचा और स््त्री को आब्जेक्टिफाई करने की मानसिकता की बदौलत होता है। इस प्रकार की ओछी मानसिकता को सदुपदेशों और विधवा विलाप से खत्म नहीं किया जा सकता है और वह भी ऐसे माहौल में जब अपसंस्कृति का घटाटोप छाया हुआ होमीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/15251734122479757570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-41799350721033942082009-04-10T20:05:00.000+05:302009-04-10T20:05:00.000+05:30This comment has been removed by the author.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/15251734122479757570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38034514102054121982009-04-10T15:08:00.000+05:302009-04-10T15:08:00.000+05:30किसी भी रेप के पीछे आदमी की गन्दी मानसिकता ही होती...किसी भी रेप के पीछे आदमी की गन्दी मानसिकता ही होती है और कुछ नहीं ....ऐसों के लिए ज्यादा से ज्यादा सजा का प्रावधान होना चाहिए ...और आदमी को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिएअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-27205757717802490422009-04-10T11:46:00.000+05:302009-04-10T11:46:00.000+05:30दोषी पुरुष की मानसिकता है। उसे सहज शिकार चाहिए। जि...दोषी पुरुष की मानसिकता है। उसे सहज शिकार चाहिए। जिस दिन पुरुष चरित्र की बात की जाने लगेगी तब शायद उसे भी स्वयं पर अंकुश लगाना आ जाएगा। हम अक्सर कहते हैं कि उस महिला का बलात्कार हुआ, यह कभी नहीं कहते कि उस पुरुष ने बलात्कार किया। जिस दिन यह प्रचारित होने लगेगा तब अन्तर अवश्य आएगा।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-20965233249352463292009-04-10T11:29:00.000+05:302009-04-10T11:29:00.000+05:30अपराध तो अपराध है,उसे छुपाने का बहाना भर बस है कम ...अपराध तो अपराध है,उसे छुपाने का बहाना भर बस है कम कपड़ो का रोना-धोना।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-30159647988444464402009-04-10T07:39:00.000+05:302009-04-10T07:39:00.000+05:30अत्यंत शर्मनाक है यह सब और हमारी संवेदना मरने लगी ...अत्यंत शर्मनाक है यह सब और हमारी संवेदना मरने लगी है और संबंधों कि दीवारें दरक रहीं है .<BR/>कुछ करना ही होगा इससे पहले कि सब कुछ ख़तम हो जाये <BR/>सादर <BR/>डॉ.भूपेन्द्रडॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07345306084462566690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10408905795910110582009-04-10T06:46:00.000+05:302009-04-10T06:46:00.000+05:30कुण्ठित मानसिकता को तो शिकार चाहिये; कम कपड़े तो एक...कुण्ठित मानसिकता को तो शिकार चाहिये; कम कपड़े तो एक बहाना है। छेड़छाड़, बलात्कार की शिकार महिलाओं में कम कपड़े वालियों का प्रतिशत बहुत कम ही निकलेगा। कपड़े कम या अधिक होने चाहिये और शालीन परिधान की परिभाषा अलग बहस के मुद्दे हो सकते हैं और हैं भी।Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-18525853188797409452009-04-10T00:03:00.000+05:302009-04-10T00:03:00.000+05:30इस के लिए कपड़े कहीं दोषी नहीं हैं। इस के सैंकड़ों...इस के लिए कपड़े कहीं दोषी नहीं हैं। इस के सैंकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे। कभी भी बलात्कार कम कपड़ों के कारण नहीं हुए हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-77528946928125634642009-04-09T21:19:00.000+05:302009-04-09T21:19:00.000+05:30अगर नेट पे समस्या है तो इ मेल कैसे कार्य कर रहा है...अगर नेट पे समस्या है तो इ मेल कैसे कार्य कर रहा है??<BR/><BR/>is prashn ka jwaab haen ki server speed slow honae par blog nahin khultey par mail bheji jaa saktee haen <BR/><BR/>par aap nam sae naa likh sakae kyun , <BR/>hamey to aap kae prashn kaa uttar dae diya {kyuki mamta 3 din shyaad aur bsnl connection goa mae theek honae kae baad hi blog par aagaegii }<BR/><BR/>par aap nam sae naa likh sakae kyun , <BR/>iska jwaab jarur dae yae kis maansiktaa mae ata haen bandhuसुमन जिंदलhttps://www.blogger.com/profile/15407930714166019745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-88854455357023698132009-04-09T21:12:00.000+05:302009-04-09T21:12:00.000+05:30एक और आग्रह है, भाषा का उपयुक्त प्रयोग करें और खुल...एक और आग्रह है, भाषा का उपयुक्त प्रयोग करें और खुल कर लिखें|<BR/>अगर नेट पे समस्या है तो इ मेल कैसे कार्य कर रहा है??Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-36724514814278676102009-04-09T21:11:00.000+05:302009-04-09T21:11:00.000+05:30कुंठित मानसिकता ही है इसके पीछे| आपने जिसका उल्लेख...कुंठित मानसिकता ही है इसके पीछे| आपने जिसका उल्लेख किया वह एक बहुत बड़ी समस्या है| और किसी भी बड़े समस्या के समाधान के लिए त्याग जरुरी होता है| कुंठित मानसिकता कम कपडे देखकर और कुंठित ही होगी, किसी के उपदेश से वह सुधर नहीं जायेंगे| नारी की समस्या को उसी को समझना होगा, कम कपडे से मिले आनंद का त्याग करना होगा|<BR/><BR/>कुंठित मानसिकता वाले सिर्ग उसी को टारगेट नहीं बनाते जो कम कपडे में होती है, उनसे ये सब वह मानसिकता कराती है, और यह मानसिकता, अल्प उत्साह निरीह, बचियों, अपंग लड़कियों पे आसानी से चलता है| हमें यह बात समझनी होगी|<BR/><BR/>कम कपडे वाले अपना नुक्सान करें न करें, बाकियों का उत्साह जरुर बढ़ते हैं, की जाओ मेरे सामने तो जुबान नहीं खुलेगी, किसी निरीह पर जाके प्रयोग करो|<BR/><BR/>उनका समर्थन करके आप भी वही कार्य कर रही हैं|Anonymousnoreply@blogger.com