tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post5877554220831871880..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: "सार्वजनिक मोलेस्टेशन " विचार आमंत्रित हैं ।रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51957927641390779972010-02-10T22:05:07.672+05:302010-02-10T22:05:07.672+05:30रचना जी यहा कुछ सन्दर्भ आये है उनमे बात गद्द्मद्द ...रचना जी यहा कुछ सन्दर्भ आये है उनमे बात गद्द्मद्द हो जाती है. अभिनेता और अभिनेत्री के मेहनताने के रूप मे शाहरूक और विपासा को मिलने वाली राशि की बात हुई. क्या दोनो का कद एक कलाकार के रूप मे बराबर है? मुझे लगता है नही.<br /><br />"वैशाली की नगर वधू" का जिक्र आया पर उनको शायद आम्रपाली का इतिहास ठीक से नही पता नही होगा या होगा तो उसे अलग कोण से देखा होगा और ऐसा करने का सभी को हक है.<br /><br />अब आपकी बात. ये महिला कलाकार देह और सिर्फ़ देह दिखाकर रातो रात स्टार बन जाती है करोडो कमाती है वहा भी नारी चेतना के स्वर उठने चाहिये पर अफ़सोस वो नही उठते. ये मोलेस्टेशन भी कही ना कही स्टारडम और पैसे की उसी महायात्रा का दुखद पहलू है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-23599890990294217362010-02-10T09:08:34.663+05:302010-02-10T09:08:34.663+05:30रेखा और मुक्ति
नारी / औरत हर जगह आम ही होती है । स...रेखा और मुक्ति<br />नारी / औरत हर जगह आम ही होती है । समाज का कोई भी तबका ले लो , औरत को मेहनताना कम ही मिलता हैं । अगर बिपाशा बासु १० लाख लाएगी तो शाहरुख़ कहां ५० लाख और ठुमके दोनों ही लगाते हैं । लेकिन सार्वजनिक मोलेस्टेशन औरत का होता हैं और जिस्म फरोशी का तमगा भी उसको ही दिया जाता हैं । right ot equality कि बात करे तो सब भेधो से ऊपर उठ कर करे केवल लिंग भेद तक ही अपनी सोच को सिमित ना करे<br /><br />prakash paakhi <br />नृत्य कि भाव भंगिमाओ मे कौन क्या दिखता हैं और कौन देखता हैं इसमे करने वाले का और देखने वाले का दोष बराबर हैं लेकिन जब बात सार्वजनिक मोलेस्टेशन कि होती हैं तो केवल औरत का ही होता हैं पोस्ट का मूल भाव मात्र इतना हैं । आप ने सुविचारित राय दी शुक्रिया पर ये एक तरफ़ा नज़रिया हैं जिसमे हम सदियों से जी रहे हैं कि जो ज़ोन के लिये सही हैं बिपाशा के लिये गलत !!!!!!!!!!!!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-12197191878785504012010-02-10T01:55:36.343+05:302010-02-10T01:55:36.343+05:30हमारे समाज में जहाँ आम औरतों को अपने सम्मान के लिय...हमारे समाज में जहाँ आम औरतों को अपने सम्मान के लिये अब भी लड़ाई लड़नी पड़ रही है, वहाँ इन अभिनेत्रियों को तो लोग सार्वजनिक सम्पत्ति ही समझेंगे न. ये तो फिर भी गनीमत. मैंने एक लेख में पढ़ा था कि इन लोगों को कई बार भीड़ में चिकोटी काटने जैसी घटिया हरकतों का सामना करना पड़ जाता है. ऐसी बातों का विरोध तो होना ही चाहिये, पर हमारे पास आम औरतों के मुद्दे हैं. मैं इस मामले में रेखा जी से सहमत हूँ.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-5849263098015103002010-02-09T23:50:30.450+05:302010-02-09T23:50:30.450+05:30Every profession has its own hazards . What she fa...Every profession has its own hazards . What she faced was just a 'professional hazard' , nothing more or less .मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-84395814180300761062010-02-09T23:04:37.240+05:302010-02-09T23:04:37.240+05:30रचना जी,
आपने राय मांगी है इसलिए दे रहा हूँ...घंटे...रचना जी,<br />आपने राय मांगी है इसलिए दे रहा हूँ...घंटे के लाखों करोड़ों अगर उनकी कला के मिलते तो शायद कथ्थक ,मणिपुरी ,मोहनिअत्तम, ओडिसी,भरत नाटयम के कलाकारों को मिल जाते ..ये कला नहीं कुंठा बेचते है ..अदा नहीं जिस्म बेचते है...और शारीरिक या यौन शोषण नहीं वरन पैसे और लेनदेन का विवाद इसका प्रमुख कारण होता है.अगर यह घटना साबित हो जाए तो होटल मालिक को निश्चित है जेल की सजा हो जाएगी...पर यह निश्चित है ऐसा नहीं होगा..ले दे कर मामला निपट जाएगा.अफ़सोस यह है कि इसकी अन्दर कि घिनौनी सचाई कभी सामने नहीं आएगी...जरा सोचिये समाज के लिए कला के नाम पर जिस्म कि नुमाइश को रोल माडल बनाया जा रहा है.देश की लाखों बालिकाएं इस तरह की स्टार बनना चाहेगी जो लोगों के दिलों पर राज करे और और घंटे भर के प्रोग्राम के लाखों करोड़ों कमाए...पर क्या सब ऐसा कर पाएगी...?नहीं कर पाएगी तो वे क्या बनेगी,,,कैसे समझौते करेगी...आइटम गर्ल,स्टेज पर ठुमके लगाने वाली नचनियां,बार बालाएं या फिर वैश्याएँ या काल गर्ल??...आपकी बात से सहमत हूँ कि करोड़ों रूपये देकर घंटे भर के प्रोग्राम करवाने वाले पूरी तरह से दोषी है...पर इससे क्या एक घंटे के अपने जिस्म के लाखों करोड़ों रुपये लेने वाली कथित अदाकाराएँ दोष मुक्त हो जाएंगी...ऐसे प्रोग्राम कराने वाले प्रायोजक और ऐसे प्रोग्राम करने वाली अदाकाराएँ दोनों में किसी को भी सही ठहराना सभ्य समाज और नारी जाति का अपमान है...आपके इस लेख कि मूल भावना से मैं विनम्र असहमति दर्ज कराना चाहता हूँ.प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-20787012995256871342010-02-09T17:53:03.132+05:302010-02-09T17:53:03.132+05:30मुझे तो यही नहीं पता कि ऐसा कुछ हुआ था। जो भी बिजन...मुझे तो यही नहीं पता कि ऐसा कुछ हुआ था। जो भी बिजनेस एग्रीमेंट हुआ होगा उसे या तो पूरा किया जाना था या फिर उसको तोड़ने की भरपाई करनी होगी जो कि दिन निकलने पर भी की जा सकती थी। आपके प्रश्न जायज हैं और यह भी सच है कि स्त्रियाँ चाहे जो भी काम करें उनपर अधिक दबाव तो बनाया ही जाता है। <br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-46778033422259131992010-02-09T16:46:42.210+05:302010-02-09T16:46:42.210+05:30रचना,
हर इन्सान के लिए ...रचना,<br /><br /> हर इन्सान के लिए पैसे और सम्मान की कीमत अलग अलग होती है. ये उनका अपना नजरिया है की वे कला को कलाकार की तरह से प्रस्तुत करें या फिर व्यापार की तरह से उसका सौदा करें. जब हमें कोई बात सम्मान वाली लगती है तो आहत होते हैं और दूसरे के प्रति सार्वजनिक उत्पीडन को देख कर भी उत्तेजित हो जाते हैं लेकिन हर व्यक्ति की सोच अपनी अलग होती है. कोई पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है इससे पुरुष वंचित नहीं है . बहुत सी बाते चोरी छिपे होती हैं लेकिन पता सबको होता है. किन्तु नारी के लिए वही काम चर्चा का विषय बन जाता है. ये कार्य व्यक्तिगत होते हैं, अतः इनको सार्वजनिक चर्चा के लिए हम न ले. यही कार्य यदि कोई मजबूर और विवश करके करवाया जाय तो वह विचारणीय और चर्चा का विषय हो सकता है लेकिन ये हाई प्रोफाइल वाले लोग इससे बहुत ऊपर होते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-43835872363193238742010-02-09T11:34:47.929+05:302010-02-09T11:34:47.929+05:30विडंबना तो यही है कि वे खुद सार्वजनिक प्रेम बांटन...विडंबना तो यही है कि वे खुद सार्वजनिक प्रेम बांटने की वैशाली की नगर वधू की उदात्तता न अपना पैसे वालों के सामने बिछती रहती हैं -यह कटु है मगर सत्य है .Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com