tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post5849304532281380951..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: अब अपर्णा क्या करेरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-46739182726105036582009-11-24T10:57:42.582+05:302009-11-24T10:57:42.582+05:30अब अपर्णा को आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर होने के लिए...अब अपर्णा को आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर होने के लिए प्रयास करने होंगे. यह आसन नहीं है, किन्तु माता पिता और करीबी लोगों को उसको हिम्मत और सहारा देना होगा. हम तुम्हारे साथ हैं, ये भरोसा देना ही काफी होता है.<br />कम उम्र की नादानी के लिए उसने जो कीमत चुकाई है, अब उससे लड़ने के लिए भी तैयार करना होगा.<br /> ऐसे पति के वापस आने पर भी , उसका भरोसा कभी न करे, ऐसे लोग बहुत नाटक कर लेते हैं वापस आने के लिए. भविष्य के लिए सोचना है और भरण पोषण के लिए मांग तो तब करेगी जब पति कुछ करेगा. इसलिए 'अपने पैरों खड़े होकर जवाब दे सबको.'रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-63621103244852680282009-11-23T22:50:13.807+05:302009-11-23T22:50:13.807+05:30dekhiye ye vishay aisaa hai jis par kuchh kahna bh...dekhiye ye vishay aisaa hai jis par kuchh kahna bhi kathin hai. Aparna ke saath jo kuchh huaa usko dhyaan men rakh kar ab use apne aapno saksham banaane ka prayaas karna hoga. <br />kahnaa aasan hai par jo haalat is samay honge unmen himmat jutana hi Aparna kii jeet hogi. <br />isake alaawa ye ghatna se un logon ko bhi seekh leni chahiye jo nadani men kuchh galat kadam utha lete hain.राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9287344056616240082009-11-23T18:23:51.544+05:302009-11-23T18:23:51.544+05:30... अन्तर्मन से जो आबाज निकले उस पर चिन्तन कर निर्...... अन्तर्मन से जो आबाज निकले उस पर चिन्तन कर निर्णय लेना चाहिये !!!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62452386044568358962009-11-23T14:05:53.375+05:302009-11-23T14:05:53.375+05:30एक चूक दूसरा मौका नहीं देती है,प्रकृति के नियम बड़...एक चूक दूसरा मौका नहीं देती है,प्रकृति के नियम बड़े कठोर है...इस केस में समाज नहीं अपर्णा दोषी है अपने आविवेक पूर्ण चयन के लिए...स्वयम ही स्वावलंबी होकर सामना करे...प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62338356432330144362009-11-23T12:11:20.863+05:302009-11-23T12:11:20.863+05:30अपर्णा एक बार नादानी कर चुकी हैं. मेरे विचार में स...अपर्णा एक बार नादानी कर चुकी हैं. मेरे विचार में सर्व प्रथम स्वाबलंबी बनकर अपना और बच्चे का भविष्य सुरक्षित करना सर्वोपरि होना चाहिए. फिर क्या करना उसके बाद सोचें.राकेश कौशिक https://www.blogger.com/profile/13818078212163432024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-85709475733486065832009-11-23T07:27:55.575+05:302009-11-23T07:27:55.575+05:30यह तो नादानी की सजा है, मगर इसमें उनके हाथ में इस ...यह तो नादानी की सजा है, मगर इसमें उनके हाथ में इस परिस्थिती का कंट्रोल नहीं है यह तो सब हो रहा है उनकी बगैर मर्जी के। <br /><br />उनको स्वाबलंबी होना चाहिये, हमारा भी यही मत है, हाँ कहना बहुत आसान है पर भौतिक धरातल पर यह इतना आसान नहीं है, एक एक पैसा कमाने के लिये जो जद्दोजहद करना पड़ती है वह बहुत मुश्किल है।<br /><br />स्वाबलंबी होने के बाद अपने पुराने प्रेम को छोड़ना नहीं चाहिये उसे तो सामाजिक तौर पर बेईज्जत कर उसका जीना मुश्किल कर देना चाहिये। जितनी बेशर्मी से पेश आ सकते हैं उतनी बेशर्मी से पेश आना चाहिये । क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-11948660181711379342009-11-23T06:35:50.277+05:302009-11-23T06:35:50.277+05:30कानून की मदद लेनी तो चाहिए ...मगर ये एक बहुत लम्ब...कानून की मदद लेनी तो चाहिए ...मगर ये एक बहुत लम्बा प्रोसेस होगा....इसलिए सबसे पहले तो स्वावलंबी होना होगा ...<br />एक गलत कदम पूरी जिन्दगी <br />तबाह कर देता है ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-88347075104913667262009-11-22T22:27:29.350+05:302009-11-22T22:27:29.350+05:30क़ानूनी कार्रवाई, संबंध विच्छेद, मुआवजा की मांग और...क़ानूनी कार्रवाई, संबंध विच्छेद, मुआवजा की मांग और स्वाबलंबी बनना चाहिए।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com