tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post5463401153891490566..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: महज एक समाचार से आगे -- विस्तृत विचार - घुघूती बासूतीरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-83200228123199796662011-06-17T14:50:13.586+05:302011-06-17T14:50:13.586+05:30शुक्रिया राजन आप ने कुछ पोस्ट लिखने के लिये सामग्र...शुक्रिया राजन आप ने कुछ पोस्ट लिखने के लिये सामग्री दे दीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74294032740867491552011-06-17T14:45:36.527+05:302011-06-17T14:45:36.527+05:30चलिये अब थोडा गंभीर हो लें.दरअसल नारी की बुरी दशा ...चलिये अब थोडा गंभीर हो लें.दरअसल नारी की बुरी दशा का कारण आप महिलाओं की संकुचित सोच है.ये विदेशी लोग ऐसे सर्वे प्रचारित कर हमारा ध्यान महिलाओं की मुख्य समस्याओं से हटाना चाहते है.और आप लोग भी है कि इनकी बातों में आकर दहेज हत्या ,भ्रूण हत्या,यौन शोषण जैसी छोटी मोटी समस्याओं पर बहसियाती रहती है.इससे क्या होगा?<br />मै आपका ध्यान कुछ बिंदुओ की तरफ दिलाना चाहूँगा जो हम लडकों के बीच चर्चा का विषय रहते है और जिनका प्रचार कर महिलाओं की स्थिति को सुधारा जा सकता है.कृप्या नोट कर लें और महिलाओं को इस बारे में जागरूक करें.फिर मत कहियेगा कि पुरुष महिलाओं के बारे में कुछ सोचते नही है.ये बिंदु है-<br />1.साड़ी पहनने से होने वाले फायदे.<br />2.हाई हील की सेंडिल पहनने से होने वाले नुकसान.<br />3.पति के पैर छूने से फैलने वाली स्त्री पुरूष समानता की भावना.<br />4.लडकियों के तेज तेज हँसने से फैलने वाला सांस्कृतिक प्रदूषण.<br />5.महिलाओं के बाईक चलाने से समाज में पनपता व्याभिचार आदि आदि.<br />आजकल थोडा व्यस्त हूँ.विस्तार से बाद में बताता हूँ.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-79911729549788857442011-06-17T11:46:25.129+05:302011-06-17T11:46:25.129+05:30शर्मनाक और दुखद स्थिती है जिसके लिये पुरुष ही नही ...शर्मनाक और दुखद स्थिती है जिसके लिये पुरुष ही नही नारी खुद भी किसी न किसी रूप मे ज़िम्मेदार है। इस दिशा मे कदम उठाने के लिये सही सोच और सही दिशा की जरूरत है जो शायद कभी नही मिल पायेगी। धर्म और सामाजिक क्राँतिओं ने इसे और भी उलझा दिया है। कन्यादान जैसे कर्मकाँद भी कहीं न कहीं औरत के वज़ूद पर स्वालिया निशान लगाते हैं आज के संदर्भ मे इन संस्कारों का होना दुखद है ये तब के लिये सही थे जब बेटी को केवल गाय समझा जाता था आज नारी को समान नधिकार्5 मिलने से इसकी क्या प्रसाँगिकता रह गयी है? दान के रूप मे दिया जाने वाला दहेज भी इसका जिम्मेदार है। और इसमे मुख्य भूमिका औरत ही निभाती है।ाउर कहीं कहीं आज की नारी ने आज़ादी का भौँदा रूप अपना कर इसे गलत दिशा भी दी है। जिस्मफ्रोशी और पैसे की भूख ने उन्हें अन्धा कर दिया है हमेशा जिस्म फरोशी मजबूरी मे नही होती। बहुत से कारण ह। काश इसे सब लोग समझें और अपने देश के गौरव को यूँ बर्बाद न होने दें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74543090756583698812011-06-17T08:20:35.758+05:302011-06-17T08:20:35.758+05:30ये देश हैं वीर जवानों का
अलबेलो का मस्तानो का
इस द...ये देश हैं वीर जवानों का<br />अलबेलो का मस्तानो का<br />इस देश का यारो क्या कहना<br />यहाँ मरती हैं बस<br />बहू , बेटी और बहना<br /><br />जब देश ही वीर जवानों का हैं तो बाकी कहने को क्या रह जाता हैं !!!<br />रह गयी बात आकड़ो की तो १ , १०० , १००० , १०००० महज गिनती हैं ,<br /><br />हां इस का जिम्मेदार समाज हैं जिसमे नारी और पुरुष दोनों हैरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-30748715844759628092011-06-17T00:45:54.785+05:302011-06-17T00:45:54.785+05:30ek ek bat satya hai.main janti hoon aise logon ko ...ek ek bat satya hai.main janti hoon aise logon ko jinke gharon me sat-aath ladke paida ote hai aur ve ek ladki paida hote hi rone lagte hain,ladki kisi se pyar kare to vo use charitr heen kahte hain aur ladka kare to bade ghar ke bachche ke gun aadi .anshumala ji shayad in sabhi baton se poori tarh se anbhigya hain.<br />ladka paida karne vali bahu bhi dahej ke liye is buri tarah se mari jati hai ki swayam maa lakshmi bhi apna naam chhupati firti hongi.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-9632961118436734442011-06-16T22:43:04.410+05:302011-06-16T22:43:04.410+05:30ye comment waha diya tha wahi yaha bhi de deti hun...ye comment waha diya tha wahi yaha bhi de deti hun <br />मै नहीं मानती इन सारे आकड़ो को सब झूठ है ये सब हमारे देश की महान , महानतम सभ्यता, संस्कृति,परंपरा रीती रिवाज आदि आदि को बदनाम करने के लिए कुछ आधुनिक और पश्चिमी सभ्यता वाले लोग की चाल है हमारे देश में तो नारी को पूजा जाता है हम नारी के देवी मानते है उन्हें लक्ष्मी मानते है और लक्ष्मी को कभी अपने घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता है उस पर दुसरे बुरी नजर डाल सकते है जो हमारे घर की इज्जत के लिए ठीक नहीं है , कभी कभी पूजा करते समय घर में लक्ष्मी न देने वाली देवी के कपड़ो में आग लगा जाये तो उसे आप दहेज़ हत्या का नाम न दे | और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कोई चीज नहीं होती है ये सब प्राकृतिक होता है आज कल प्रकृति ही लड़कियों को कम जन्म दे रही है तो इसमे समाज का क्या दोष है या मान भी लिया की कुछ लड़किया मर रही है तो आप को बता दू की हम जिस देश में रहते है वहा काफी पुरानी परम्परा है लड़कियों द्वारा बलिदान देने की यदि लड़किया अपने परिवार के भले के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे रही है तो उसे सम्मान की नजर से देखना चाहिए न की पाप की नजर से | हम सभी भारतीयों को अपने देश के सम्मान के लिए आगे आना चाहिए और इस तरह के सभी पश्चिम द्वारा चलिए जा रहे दुष्प्रचारो का विरोध करना चाहिए जितना ऊँचा स्थान हमारे देश में नारी का है और विश्व में कही नहीं है ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला........ ..........................anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-39270442599102286642011-06-16T21:29:54.329+05:302011-06-16T21:29:54.329+05:30बहुत ही शर्मनाक स्थिति है ..शक्ति के रूप में जहा...बहुत ही शर्मनाक स्थिति है ..शक्ति के रूप में जहाँ नारी रूप में माँ दुर्गा जी आराध्य हैं...वहाँ नारी की ऐसी दयनीय स्थिति....मन भर आता है...जागो भारत जागो....अनुभूतिhttps://www.blogger.com/profile/17816337979760354731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48473970695583648042011-06-16T20:04:28.922+05:302011-06-16T20:04:28.922+05:30a real shocking data. sharm to is baat par aa rahi...a real shocking data. sharm to is baat par aa rahi hai ki ye sab us desh mai ho raha hai jahan bharat ko bhi mata kaha jata hai.KRATI AARAMBHhttps://www.blogger.com/profile/12330360581973744494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65616389050741788852011-06-16T19:50:44.988+05:302011-06-16T19:50:44.988+05:30'यत्र नारी पूजयन्ते' वाली सुभाषित को भी बद...'यत्र नारी पूजयन्ते' वाली सुभाषित को भी बदल 'जहाँ नारी गर्भ में ही मारी जाती हो' जैसी कोई नई सुभाषित रचनी चाहिए। साथ साथ अपने जीवित होने व बेचे खरीदे न जाने को भी अपना सौभाग्य मानना चाहिए।<br /><br />जैसे हालात है उस हिसाब से तो यही उचित लगता है ………पता नही कब बदलाव आयेगाvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com