tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post4823790085561105200..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: प्रगतिशील नारी , समान अधिकार और रोल रिवर्सलरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62800184833313833962009-12-23T17:47:19.135+05:302009-12-23T17:47:19.135+05:30mini has left a new comment on the post "एक प...mini has left a new comment on the post "एक पुरुष डॉक्टर का फरमान- बेटा दो या तलाक दो": <br /><br />please visit the web page www.mitukhurana.wordpress.com. i need your support in my fight against female foeticideडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-37251490772991086742009-12-22T23:14:31.997+05:302009-12-22T23:14:31.997+05:30आपकी बात से कोई भी समझदार व्यक्ति असहमत नहीं हो सक...आपकी बात से कोई भी समझदार व्यक्ति असहमत नहीं हो सकता. पर कितनी अजीब बात है कि इतनी छोटी-छोटी बातें भी हमें बार-बार कहकर समझानी पड़ती है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-81505477614866418492009-12-22T17:42:23.087+05:302009-12-22T17:42:23.087+05:30प्रगतिशील होने का मतलब होता है विकास की नई उचाइयाँ...प्रगतिशील होने का मतलब होता है विकास की नई उचाइयाँ छूना.जोकि हो रहा है, महिलाएँ आज आगे जा रही हैं हर क्षेत्र में, इसे एक गुणात्मक रूप में लिया जाना चाहिए . महिला और पुरुष के बीच तुलना करना व्यर्थ है क्योंकि दोनों में कई अन्तर हैं सबसे बड़ा अन्तर तो जीन्स का है जिसे कोई नकार नहीं सकता. <br />एक प्रयास हो रहा है महिला आरक्षण का संसद में . महिलाएँ अगर एक जुट हों तो किसी आरक्षण जैसी बैसाखी की जरूरत ही नहीं है . वे मिलकर एक नयी दिशा प्रदान कर सकती हैं .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-2453051683908713822009-12-22T14:42:26.961+05:302009-12-22T14:42:26.961+05:30आपका ये कहना बिल्कुल सही है। दरअसल हरेक इंसान जोकि...आपका ये कहना बिल्कुल सही है। दरअसल हरेक इंसान जोकि इस तरह से समान अधिकार देने के हक में नहीं है वो यही कहता हैं कि नारी पुरुषों की बराबरी करना चाहती है। पता नहीं किस शास्त्र के मुताबिक़ उन लोगों ने ये तय कर लिया हैं कि ये काम पुरुष के ये काम नारी के।Diptihttps://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-50315668047171294352009-12-22T13:58:34.531+05:302009-12-22T13:58:34.531+05:30सही है रचना, किन्तु हमें पीटने को हाथ में एक नया ह...सही है रचना, किन्तु हमें पीटने को हाथ में एक नया हथियार आ गया है, नारीवादी कहकर गरियाने का.चलिए, यह भी चलेगा.इस सब की इतनी आदत हो गई है कि कुछ विशेष अन्तर नहीं पडता.<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-90644957136608945882009-12-22T13:45:52.249+05:302009-12-22T13:45:52.249+05:30इस मूल तर्क से मैं भी सहमत हूं कि समानता का मतलब र...इस मूल तर्क से मैं भी सहमत हूं कि समानता का मतलब रोल रिवर्सल नहीं बल्कि अपनी इच्चा से रोल चुनने की उतनी ही छूट जितनी किसी भी इंसान को मिलनी चाहिए और मिलती है, पुरुष या स्त्री। इस छोटी सी पोस्ट में मुद्दे की बात उठाई गई है।आर. अनुराधाhttps://www.blogger.com/profile/16394670775058734814noreply@blogger.com