tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post4745573066202176927..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: हिन्दी का प्रोफ़ेसर , यौन उत्पीड़न का दोषी , सेवा से निलंबित , दिल्ली विश्व विद्यालयरेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-6737164013663921112009-06-30T21:27:49.339+05:302009-06-30T21:27:49.339+05:30बात कुछ कड़ुवी है किन्तु इस अपराध को बढ़ाने में नारि...बात कुछ कड़ुवी है किन्तु इस अपराध को बढ़ाने में नारियों का भी योगदान कई बार मिलता है. अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिये वे पुरुषों को आकर्षित करती हैं और जब उनके मन की बात नहीं होती, वे कानून की याद करती हैं. आजकल महिलायें भी ब्लेकमेल करने में पीछे नहीं हैं. वे अपने स्तर से ऊंचे परिवार में शादी करने के लिये प्रेम के नाम पर जाने क्या-क्या करती हैं और जब इच्छानुसार नहीं होता तो कुछ भी आरोप लगा देती हैं. यहां इस घटना के सन्दर्भ में यह बात नहीं कह रहा हूं. यह सम्पूर्ण वातावरण के परिप्रेक्ष्य में कह रहा हूं. इस प्रकार के अनेक उदाहरण हैं.डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-43977118475350449402009-06-29T18:59:40.643+05:302009-06-29T18:59:40.643+05:30पहली बात तो यह कि घटना के सारे तथ्यों को जाने बिना...पहली बात तो यह कि घटना के सारे तथ्यों को जाने बिना तार्किक व उचित टिप्पणी नहीं दी जा सकती. दूसरे इस प्रकार की बर्खास्तगी से इस प्रकार की घटनायें किसी भी प्रकार रुकने वाली नहीं है.यह दण्ड विधान में भी स्वीकार किया जाता है कि दण्ड अपराधों को नहीं रोक पाता. अपराधों को कम करने के लिये सामाजिक स्तर पर, वैचारिक स्तर पर, सांस्कृतिक स्तर पर सुधार की आवश्यकता है. यदि कोई अपराध होता है तो उसमें केवल अपराधी ही दोषी नहीं होता सम्पूर्ण वातावरण व समाज की भी भूमिका होती है. मेरा आशय यह नहीं है कि दण्ड नही दिया जाय, दण्ड तो अवश्य ही दिया जाना है किन्तु इससे अपराध नहीं रूक सकते. उसके लिये हमें आपको सबको कुछ न कुछ करना होगा.डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-85231604683406413032009-06-29T01:57:58.896+05:302009-06-29T01:57:58.896+05:30पूरा समाचार पढ लिया है ,जो फैसला होना था हो चुका ,...पूरा समाचार पढ लिया है ,जो फैसला होना था हो चुका ,अजय तिवारी एक प्रतिष्ठित साहित्यकार है.. देखें साहित्य जगत में इसकी क्या प्रतिक्रिया होती है?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-55976600012221201372009-06-28T17:58:56.477+05:302009-06-28T17:58:56.477+05:30'हजारों बेगुनाहों के सजा भुगतने के बाद आज तो ह...'हजारों बेगुनाहों के सजा भुगतने के बाद आज तो हम रामराज्य में जी रहे होते'- क्या भाई अजित !हजारो बेगुनाह सजा पाते हैं - और कितने कसूरवार छूट जाते हैं ?(नारी उत्पीडन के एक मामले में दिल्ली वि.वि. एक प्रोफेसर चक्रवर्ती को अदालत ने राहत दी है)।<br />इस मामले में माकपा से जुडे विभागाध्यक्ष सुधीश पचौरी की भूमिका घिनौनी रही है । पचौरी चूंकि अ़खबारो में लिखते भी हैं इसलिए ' पूरी खबर जिस तरह से आई ' - वैसी आई होगी ।अफलातूनhttp://shaishav.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-25012865358228942402009-06-28T17:08:00.579+05:302009-06-28T17:08:00.579+05:30@दिनेशराय द्विवेदी
दूसरा नाम देने की जरुरत इस लिये...@दिनेशराय द्विवेदी<br />दूसरा नाम देने की जरुरत इस लिये नहीं थी<br />क्युकी वो यौन शोषण से सम्बंधित नहीं था<br />पोस्ट के नीचे पूरे समाचार का लिंक हैं जिनेह रूचि<br />होगी वो जरुर पढे गए . हिंदी के प्रति घृणा नहीं<br />सहानभूति जरुर हैं .<br /><br />@Dr. Bhaskar <br />नारी का शोषण होता हैं ये बात जग जाहिर हैं . हम<br />खबर बाँट रहे हैं , मुकदमा नहीं लड़ रहे की विस्तार<br />से जानकारी से सके . जब फैसला हुआ हैं और <br />दो साल की तहकीकात के बाद हुआ हैं तो बिना <br />पूरे कारण जांचे तो नहीं ही हुआ होगा . बाकी <br />समाचार का लिंक दिया हैं , ये कोई मौलिक पोस्ट<br />नहीं हैं <br /><br />@अजित वडनेरकर <br />दिल्ली विश्वविद्यालय ये <br />सब होना एक आम बात मानी जाती थी अब <br />अखबारों की सुर्खियों मे इस लिये हैं क्युकी <br />नारी विद्रोह करती हैं . किसी किसी केस मे <br />वेंगेंस के लिये फसाया जाता हैं पर हर बार नहीं<br />अभी कुछ दिन पहले . किरोरी मल कॉलेज मे<br />भी हो चूका हैं और उसको भी नारी ब्लॉग पर<br />दिया हैंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-39254556329168033812009-06-28T15:18:05.992+05:302009-06-28T15:18:05.992+05:30This comment has been removed by the author.वकीलो के डर से मै सामने आकर सच नही बोलताnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-51059275509882066852009-06-28T13:22:09.417+05:302009-06-28T13:22:09.417+05:30पूरी खबर जिस तरह से सामने आई है, लगता है प्रो. तिव...पूरी खबर जिस तरह से सामने आई है, लगता है प्रो. तिवारी साजिश के शिकार हुए हैं। आपने खुद लिखा है कि काफी दबाव था और जल्दबाजी में फैसला लिया गया ताकि भविष्य के लिए लोगों को सबक मिले। <br /><br />यूं ही सबक मिलना होते तो हजारों बेगुनाहों के सजा भुगतने के बाद आज तो हम रामराज्य में जी रहे होते...धन्य है हमारा भारतीय समाजअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65931770935641644652009-06-28T13:17:52.193+05:302009-06-28T13:17:52.193+05:30ये तो एक सीमित सूचना है। इस बर्खास्तगी के सिलसिले ...ये तो एक सीमित सूचना है। इस बर्खास्तगी के सिलसिले में व्यवस्था का रवैया, घटना के यथार्थ व भ्रम में घसीटे जाने वाले प्रोफेसर का सच, एवं इसके माध्यम से शिक्षाजगत में खेली जा रही राजनीति आदि पर कोई विचार नहीं।<br />यह प्रारूप रचना के लिए बेकार है।Dr. Bhaskarhttps://www.blogger.com/profile/07360504307601778424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-3222885917024327172009-06-28T13:02:26.514+05:302009-06-28T13:02:26.514+05:30दूसरा कौन था? किसी विषय का था? उस का नाम क्या था? ...दूसरा कौन था? किसी विषय का था? उस का नाम क्या था? यह बताने की जरूरत ही नहीं समझी गई। हिन्दी के प्रति इतनी घृणा?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com