tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post4586689815355177139..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: बलात्कार का हर्जाना क्यों मिलना चाहिये ?रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74977182221171211412009-09-14T09:06:08.249+05:302009-09-14T09:06:08.249+05:30जय श्री कृष्ण
आपका बहुत अच्छा प्रयास है कि नारी का...जय श्री कृष्ण<br />आपका बहुत अच्छा प्रयास है कि नारी का महत्व बढें लेकिन दोस्त आपको पता है कि जिस लङकी का शील भंग हो जाता है वो ऐसा कलंक है जिसे ना कोई हर्जाना धो सकता है ना कोई आरक्षण गंगाजल भी उसको पवित्र नही कर सकता। हम भी चाहते हैं कि नारी को सम्मान मिले। आप तो हर्जाने की बात करके इस अपराध को और बढावा दे रही हो। मेरी बात आपको बहुत कङवी लग रही होंगी। लेकिन सत्यता को देखने का प्रयत्न करो। अभी तालिबान में एक कानुन बनाया की अगर कोई लङकी या महिला रेप को दोरान लहु लुहान हो जाती तो दोषी उसका हर्जाना भरकर बरी हो सकता। लेकिन आपको मालुम है जिस पीङा को जिस कष्ट को उस मासुम ने सहा है उसकी क्षति कोई पुरी कर सकता है। दोस्त आज हमारी माता बहनों को ना कोई हर्जाना चाहिए ना कोई आरक्षण उन्हे चाहिए सुरक्षा और सम्मान। जब जब धरती पर महिला पर अत्याचार हुआ हो तो बहुत बङा नाश हुआ है। <br />और आप एक बात और मेरी ध्यान से सुनो जो आज इतनी चरित्रहीनता हो रही उसमें महिलाओं का बहुत बङा योगदान है। अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने का काम महिला ही सनातन काल से करती आयी है। मैंने इस सब पर बहुत गहरा चिंतन किया है। जो खजुरी खास स्कुल में 5 मासुम बच्ची जो अब इस दुनिया में नही हैं कोई हर्जाना पुरी कर सकता है उनकी कमी को। आप अपने ब्लोग के माध्यम से ऐसा संदेश दो जिससे हमारे बच्चे संस्कारवान हो चरित्रवान हों जो कि किसी भी लङकी को वो हर्जाना ना लेना पङे।<br />आपसे से अनुरोध है कि एक बार मेरा ब्लोग पढकर देखना और क्या हम भी कुछ आपके अभीयान में साहयक हो सकते हैं।<br />http://jatshiva.blogspot.com/ek bhartiyahttps://www.blogger.com/profile/17691345459619177864noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-21435215515610738892009-09-13T08:51:36.671+05:302009-09-13T08:51:36.671+05:30To compensate some one financially by the govermen...To compensate some one financially by the goverment is because of lapse on part of the goverment . the financial compenstaion is not for the crime committed against the woman or in lieu of something its the compensation because the goverment was unable to protect the victim . the logic behind compesation is the inability to provide the service .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-88243731401800665662009-09-12T23:04:57.075+05:302009-09-12T23:04:57.075+05:30नमस्कार
बात हर्जाने की हो रही है अर्थात क्षतिपुर्...नमस्कार <br />बात हर्जाने की हो रही है अर्थात क्षतिपुर्ती दिलाने की . किसी महिला का बलात्कार होने पर इस क्षति का अंदाजा आप कैसे लगा सकते है ? या फिर हर्जाने देनेवाला यह कह सकता है - हर्जान दे तो दिया या ....अगर एक और बलात्कार का मुझ पर अभियोग चला जाएं तो एक और हर्जान देदो ....... यह समाधान नहीं . एक महिला की इज्ज़त का आंकलन चन्द पैसे नहीं कर सकते . और अगर हर्जाने का दूसरा पहलुं देखे तो यह भी हो सकता है कोई महिला अपनी सहमती से शारीरिक सम्बन्ध बनाए और जब बात हर्जाने की हो तो वह यह साबित कर दे की मेरी सहमति नहीं थी. <br />माँ की ममता , बहन का प्यार , अर्धांग्नी का समर्पण , पुत्री का स्नेह ....को हर्जाने की तराजुं मैं तोलना आसान नहीं होगा . आज जरुरत है सख्त कानून बनाने और कानून का सख्ती से पालन करने की.INUhttps://www.blogger.com/profile/02559726205519479259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-10935667213576838642009-09-09T16:42:13.321+05:302009-09-09T16:42:13.321+05:30PROSTITUTE कौन होती हैं कैसे बनती हैं
कौन बनाता ह...PROSTITUTE कौन होती हैं कैसे बनती हैं <br />कौन बनाता हैं ? और आप की जानकारी <br />के लिये बता दूँ आप जिन्हे PROSTITUTE कहती हैं<br />वो इसीलिये बनती हैं क्युकी उनके पास<br />कोई आर्थिक सुरक्षा नहीं हैं अगर बलात्कार<br />की भुक्त भोगी को भी कोई आर्थिक <br />सुरक्षा नहीं मिलेगी तो कल आप के पास<br />ना जाने कितनी PROSTITUTE बकोल आप के<br />बढेगी कभी इस पर भी विचार करे <br />अपनी मानसिकता को ऊपर उठाये और <br />समाज के हर वर्ग मे शोषित औरत के प्रति<br />सम्मान रखे तभी आप औरत होने के <br />धर्म को निभायेगी मौली जी . PROSTITUTE कहकर आप औरत का अपमान करती हैं<br />क्युकी वो मजबूर हैं शरीर बेच कर अपना <br />पेट भरने के लिये . बहुत कम औरते ये <br />रास्ता अपनी वासना पूर्ति के लिये अपनाती<br />हैं और उससे भी कम मौज मस्ती के लिये <br />बाक सब मजबूर हैं समाज मे पहली <br />विद्रूपता से जो उनको रोटी देने से पहले<br />उनके शरीर को नोच कर अपनी <br />भूक मिटाती हैं . कभी इनकी जिंदगी की कहानियाँ<br />नज़दीक से पढे आप को खुद पता चल जायेगाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-42240047363830551112009-09-09T14:39:26.198+05:302009-09-09T14:39:26.198+05:30ये गलत है... u r making a victim, a prostitute...p...ये गलत है... u r making a victim, a prostitute...paying money for sumone's respect...rape does nt hurt the body but the mind n soul...does it make ne sense to pay money for rape? how can one be so rubbish.. u ppl talk abt women's right n dnt even knw the psychology of a woman's mind...dats ridiculous...the whole idea is ****monalihttps://www.blogger.com/profile/00644599427657644560noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-50890607598483160272009-09-08T20:39:06.826+05:302009-09-08T20:39:06.826+05:30thik hai.thik hai.Randhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-52668928673560443372009-09-05T17:16:00.314+05:302009-09-05T17:16:00.314+05:30सबसे बड़ी ज़रुरत ये है कि बलात्कारी को फांसी मिलनी...सबसे बड़ी ज़रुरत ये है कि बलात्कारी को फांसी मिलनी चाहिये। इस तरह के मामलों की सुनवाई अदालत में हफ्ते भर में पूरी होनी चाहिये। चूंकि राष्ट्रीय महिला आयोग तो किटी पार्टी से ज़्यादा कुछ बचा नहीं है इसलिये इस तरह के मामलों में महिलाओं की मदद के लिये एक अलग से आयोग बनना चाहिये जिसमें महिलायें नहीं होनी चाहियें सिर्फ पुरुष होने चाहियें। मेरा सुझाव कुछ क्रूर हो सकता है लेकिन हकीकत ये है कि महिला के मामले में सबसे बढिया न्याय पुरुष ही कर सकते हैं क्योंकि वो किसी लड़की के पिता होते हैं किसी के भाई और किसी के बेटे। और लगे हाथ ये भी कि महिला आयोग जैसे संगठनों को खत्म कर देना चाहिये, ये जनता के पैसे पर कुछ लोगों को ऐश कराने से ज्यादा कुछ नहीं करते।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-40060249798034522102009-09-05T00:29:04.777+05:302009-09-05T00:29:04.777+05:30as per new Afghan law it is called 'blood mone...as per new Afghan law it is called 'blood money' , paying which the accused can get away. only this should not happen here !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-13461761387595319092009-09-04T22:49:15.305+05:302009-09-04T22:49:15.305+05:30अब क्या कहा जाये?
हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है...अब क्या कहा जाये? <br />हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है।राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-38653973605767785302009-09-04T19:21:52.391+05:302009-09-04T19:21:52.391+05:30हरजाना तो अवश्य मिलना चाहियेहरजाना तो अवश्य मिलना चाहियेVinashaay sharmahttps://www.blogger.com/profile/14896278759769158828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-25205562893054414152009-09-04T18:52:44.148+05:302009-09-04T18:52:44.148+05:30बिलकुल मिलना चाहिए।बिलकुल मिलना चाहिए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-83882166613859820702009-09-04T18:45:39.662+05:302009-09-04T18:45:39.662+05:30खत्री जी जिस लोचे की ओर इशारा कर रहे है वह समझ मे ...खत्री जी जिस लोचे की ओर इशारा कर रहे है वह समझ मे तो आ गया है लेकिन.. इसमे भी बहुत पेंच है। बहरहाल हर्जाने का यह विचार स्वागतेय है शायद इससे कुछ असर पड़े ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-2303719591634402392009-09-04T18:40:13.930+05:302009-09-04T18:40:13.930+05:30हर्ज़ाना मिलने से पीड़ा कम तो नहीं होती परन्तु इसे...हर्ज़ाना मिलने से पीड़ा कम तो नहीं होती परन्तु इसे भी न्याय प्रक्रिया का एक अंग मान कर थोड़ा सा सुकून<br />पीड़िता को अवश्य मिलेगा.......... और मिलता है । इसलिए हर्ज़ाना मिलने में किसी को हर्ज़ नहीं होना चाहिए।<br /><br />परन्तु इसमे एक लोचा है इस लोचे को मैं यहाँ व्यक्त करूँ तो उचित नहीं होगा .........कल मेरे ब्लॉग पर इस विषय पर पोस्ट लिख कर स्पष्ट करूँगा<br />धन्यवाद !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.com