tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post3996974716305859961..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: बिगडी हुई लड़की ?रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-43275623597409405812008-07-25T14:58:00.000+05:302008-07-25T14:58:00.000+05:30इला आखरी लाइन इस पोस्ट की आखरी लाइन नहीं हैं , शुर...इला आखरी लाइन इस पोस्ट की आखरी लाइन नहीं हैं , शुरुवात हैं एक आन्दोलन की और नारी ब्लॉग पर इसी को लाकर पहली पोस्ट आयी थी . एक बार उस पोस्ट को हर पाठक जरुर दुबारा देखे . लिंक ये हैं <BR/><A HREF="http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2008/04/blog-post_13.html" REL="nofollow">बदलते समय का आह्वान एक माँ की पाती बेटी के नाम </A>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-65912176566476557652008-07-25T12:52:00.000+05:302008-07-25T12:52:00.000+05:30सौ फीसदी सहमत हूँ......ओर आखिरी लाइन पञ्च लाइन है ...सौ फीसदी सहमत हूँ......ओर आखिरी लाइन पञ्च लाइन है .......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-54528314650891434942008-07-25T00:15:00.000+05:302008-07-25T00:15:00.000+05:30Anon jiआप का लिखा पढ़कर दुःख हुआ .....छोटे सहर से ...Anon ji<BR/><BR/>आप का लिखा पढ़कर दुःख हुआ .....छोटे सहर से आते लोगो को ताना देना ये सीलसीला तो<BR/>सदियों से चला आ रहा हे....मुझे हैरानी हो रही हे की आपकी साँस ने इल्जाम भी लगाया तो<BR/>इतना गीनोना की उन्होंने सोचा ही नही की उनकी बहू के मन पर क्या असर होगा?वैसे आपने<BR/>ये नही लिखा की आपकी लव मेरेज आपके पती के पर्रोंट्स की खुशी से हुई थी या नही<BR/>....क्युंकी ऐसा हो सकता हे की उनकी ना मर्जी से आपकी शादी उनके घर हो गई हो और वो<BR/>उसकी भड़ास नीकाल रही हो ....चूंकि आपकी लव मेरेज हे ......उन्होंने जो सोचा हो अपनी<BR/>बहू के बारे में या फीर कही उनकी नीगाह में कोई और लड़की भी हो अपनी बहू के रूप में तो ये<BR/>होना आम हे क्युंकी इंसान की जब अपनी मर्जी नही चलती कही, तब वो सामने वाले को<BR/>तकलीफ दे के परेशान करने में जुट जाता हे ......और भी कई कारण हो सकते हे मगर आपकी<BR/>बातो से क्लिअर नही हो रहा.....मगर हा आपकी ये बात तो सही हे की छोटे सहर में रहकर<BR/>या गाँव में रहकर भी और घर में रहकर भी अफैर तो हो ही सकता हे क्युंकी उसके लिए जगह<BR/>कोई मैना नही रखती हे ......मगर सैतानी दीमाग में ऐसी बातें आती नही हे .....और<BR/>जीन्हें बुराई ही करनी हे उन्हें सम्जाना भी तो आसान नही होता .....क्या आपके पती ये<BR/>जानते हे की आप पर ऐसे इल्जाम लगाये जा रह हे? आपके पाती को आपका साथ देते हुए उनकी माँ<BR/>और अपने रिश्तेदारों को ये समजा देना चाहिए की आप उनकी अर्धंगना हे और आपके खीलाफ की<BR/>ऐसी कोई बात वो बर्दाश्त नही करेंगे .......ये आपकी इज्जत का सवाल हे,आपकी जींदगी से<BR/>जुड़ा अहेम पहलु सो उन्हें आपको साथ देते हुए इस मसले को सुल्जाना चाहिए .......बाकी तो इला जी ने बहोत कुछ लिखा हे इसके बारे में , God bless u...ileshhttps://www.blogger.com/profile/03570067964402579561noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-86495453894597133292008-07-24T22:56:00.000+05:302008-07-24T22:56:00.000+05:30सच कह रही हैं जब तक माँ नहीं जागेगी सपने बस सपने ह...सच कह रही हैं जब तक माँ नहीं जागेगी सपने बस सपने ही रहेगें .आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-25546370507679169022008-07-24T22:51:00.000+05:302008-07-24T22:51:00.000+05:30यह बिगड़ी या बिगाड़ने वाली का टैग बहुत पुराना हो गया...यह बिगड़ी या बिगाड़ने वाली का टैग बहुत पुराना हो गया। रूढ़ीवादियों को अब नए शब्द गढ़ने चाहिए। 'जियो और जीने दो' नहीं सुना समझा है लोगों ने अब तक।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com