tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post3649554437892469392..comments2023-12-02T14:56:14.755+05:30Comments on नारी , NAARI: क्या विवाह , लाइसेंस हैं अनैतिक आचरण करने और उसको छुपाने कारेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62242476218108735502011-10-03T22:44:19.991+05:302011-10-03T22:44:19.991+05:30करिअर की आजादी अनेक क्षेत्रों में यौन-स्वच्छंदता क...करिअर की आजादी अनेक क्षेत्रों में यौन-स्वच्छंदता के रूप में भी देखी जा रही है। इस पूरे प्रकरण से,दोषी कौन है अथवा क़ानून किसके पक्ष में है,इसकी बजाए मेरा ध्यानाकर्षण इस तथ्य की ओर अधिक हुआ है कि विवाहित और अविवाहित-दोनों अपने यौन जीवन से असंतुष्ट हैं अथवा दोनों के लिए अवसरवादिता ही मर्यादा है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-45706003017774297052011-09-22T11:15:20.225+05:302011-09-22T11:15:20.225+05:30bas ek sawal hai - association ne anaitik sambandh...bas ek sawal hai - association ne anaitik sambandh me b lipt ek vyakti ko to kuch na kaha par dusre ko ban kar diya, kyon? purush aur stree hone k nate hi na?pragyahttps://www.blogger.com/profile/04688591710560146525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-74184974166421434912011-09-20T13:25:59.302+05:302011-09-20T13:25:59.302+05:30विवाहित हो या अविवाहित अनैतिक आचरण कोई भी कभी भी क...विवाहित हो या अविवाहित अनैतिक आचरण कोई भी कभी भी कर सकता है..विवाह से इस बात का कोई ताल्लुक नहीं....पर किसी भी स्थिति में औरत को ही दोषी माना जाता रहेगा...और यह त्रासदी सिर्फ अपने देश की ही नहीं लगभग पूरी दुनिया की है..सतही तौर पर समाधान देना आसान है कि औरत को खुद उठना है बराबरी का वजूद पाने के लिए लेकिन उसके लिए पुरुष के साथ को नकारा नहीं जा सकता....यहाँ भी सत्ता का खेल है..मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-3373579323825408702011-09-20T09:34:00.976+05:302011-09-20T09:34:00.976+05:30बात पत्नी के पति को छोड़ने की नहीं हैं
बात हैं पत्न...बात पत्नी के पति को छोड़ने की नहीं हैं<br />बात हैं पत्नी की पति से पीटने के बाद उसको पारिवारिक मामला कहना और पति के लिए सजा ना होने की गुहार करना<br />बात हैं समाज द्वारा ऐसे लोगो को परिवार चलाने के नाम पर अनैतिकता की छुट देना और<br />और बात हैं समाज में अविवाहित को " हमेशा " गलत माननारचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-55882896266421731732011-09-20T09:29:45.392+05:302011-09-20T09:29:45.392+05:30विवाह भी एक सहमति/करार ही है। उस सम्बन्ध को विधिवत...विवाह भी एक सहमति/करार ही है। उस सम्बन्ध को विधिवत तोड़े बिना उसके नियमों का उल्लंघन करने वाला ग़लत तो हुआ ही। इस केस में पृष्ठभूमि के ज्ञात/अज्ञात कारकों को छोड दें तो - पत्नी तो पत्नी जगह सही है क्योंकि पति पर उसका कानूनी, नैतिक, धार्मिक, सामाजिक हर तरह से अधिकार बनता है, वह उसे (कानूनी तलाक़ के बिना) क्यों छोडे? और यह पक्ष तो पति और प्रेमिका दोनों को ध्यान में रखना ही चाहिये और अपनी ग़लती के परिणाम के लिये तैयार रहना चाहिये। हाँ, चलायमान मानवीय भावनायें इस तरह के त्रिकोणों को जटिल बनाती हैं और पूरी स्थिति जाने बिना (कई बार तो जानकर भी) किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा कोई जजमैंट पास करना शायद ठीक न हो।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-85037663877758794462011-09-20T09:08:16.921+05:302011-09-20T09:08:16.921+05:30उनके लिये सजा का क्या प्रावधान हैं रोहित , क्या सज...उनके लिये सजा का क्या प्रावधान हैं रोहित , क्या सजा देता हैं समाज उनको ??रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-42885252759107324472011-09-20T08:10:53.415+05:302011-09-20T08:10:53.415+05:30विवाह , अनैतिक आचरण करने और उसको छुपाने का लाइसें...विवाह , अनैतिक आचरण करने और उसको छुपाने का लाइसेंस नहीं है , कतई नहीं है।<br /><br />बाकी बातों के लिये समाज में स्त्री-पुरुष की सामाजिक स्थिति, संबंधित लोगों की मानसिक समझ और ताकत पर मामला निर्भर है।अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-33228265827821585092011-09-19T22:48:34.090+05:302011-09-19T22:48:34.090+05:30किस विवाहित स्त्री या पुरुष को व्यभिचार की छूट मिल...किस विवाहित स्त्री या पुरुष को व्यभिचार की छूट मिली है रचना जी?चुनिन्दा गलत उदाहरणों को आम राय नहीं मानना चाहिए।ऐसे संबंधों में लिप्त लोग चोरी-छिपे यह सब करते हैं।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-4583432166111969702011-09-19T22:39:08.988+05:302011-09-19T22:39:08.988+05:30बिल्कुल ही नहीं है लाइसेंस!
इन्हें तो सज़ा मिलनी च...बिल्कुल ही नहीं है लाइसेंस!<br />इन्हें तो सज़ा मिलनी चाहिए।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-59724574998491377622011-09-19T22:13:30.901+05:302011-09-19T22:13:30.901+05:30खबर जब पढ़ी तो लगा की क्यों ऐसे मामले में सिर्फ महि...खबर जब पढ़ी तो लगा की क्यों ऐसे मामले में सिर्फ महिला संगठनो ने ही क्यों आवाज उठाई पूरे समाज को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी पर ऐसा नहीं हुआ क्योकि वही समाज की ये मानसिकता की नैतिकता जैसे शब्द पुरुषो के लिए नहीं बने है ये ठीकरा तो सिर्फ महिलाओ के ऊपर ही फोड़ना है चाहे वो पत्नी हो या पति पत्नी के बीच की महिला "वो" हो | इसी जगह पर यदि कोई महिला अनैतिक सम्बन्ध बनाती है तब भी दोष पुरुष वाले वो को ना दे कर महिला को ही सारी बात की जड़ बताया जाता मतलब हर हाल में पुरुष को साफ बचा कर महिला को ही हर हाल में दोषी बताना है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-32387534501225292222011-09-19T20:42:47.043+05:302011-09-19T20:42:47.043+05:30@Poorviya said...
sambandh kabhi bhee ban sakte h...@Poorviya said...<br /><br />sambandh kabhi bhee ban sakte hai...<br /><br />uska vivah se kuch lena dena nahi hota ....<br /><br />to vivaah ki jarut hee kyun haen ????रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-80729677610009015782011-09-19T20:41:45.464+05:302011-09-19T20:41:45.464+05:30रोहित बिष्ट said...
व्यस्क अविवाहित को नादान या ना...रोहित बिष्ट said...<br />व्यस्क अविवाहित को नादान या नासमझ समझना अपराध का सरलीकरण हो सकता है।<br /><br />सही कहा आप ने यही तो होता आया हैं आज तक विवाहित को सब कुछ करने की छुट देता हैं हमारा समाज और मै जानना चाहती हूँ ऐसा क्यूँ हैं ?? क्यूँ विवाहितो को लाइसेंसे मिला हुआ हैं हर अनेतिक हरकत करने का .<br />आप मेरी पुरानी पोस्ट एक बार जरुर पढ़े और उस पर आये कमेन्ट भीरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-18268847444538750662011-09-19T20:29:23.366+05:302011-09-19T20:29:23.366+05:30Aise kuch nahi hai ....
sambandh kabhi bhee ban s...Aise kuch nahi hai ....<br /><br />sambandh kabhi bhee ban sakte hai...<br /><br />uska vivah se kuch lena dena nahi hota ....<br /><br />jai baba banaras.....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-2700137427131476022011-09-19T19:39:27.820+05:302011-09-19T19:39:27.820+05:30अनैतिक संबंधों में लिप्त हर व्यस्क का कसूर एक सा ह...अनैतिक संबंधों में लिप्त हर व्यस्क का कसूर एक सा है,चाहे विवाहित हो या नहीं। <br />व्यस्क अविवाहित को नादान या नासमझ समझना अपराध का सरलीकरण हो सकता है।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-17030260086458734322011-09-19T18:37:56.320+05:302011-09-19T18:37:56.320+05:30@ दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai द्विवेदी
यहाँ बात वि...@ दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai द्विवेदी<br />यहाँ बात विवाह स्त्री के लिये क्या हैं पर हुई ही नहीं हैं "क्या विवाह , लाइसेंस हैं अनैतिक आचरण करने और उसको छुपाने का"<br />यहाँ बात हो रही हैं की क्या<br />उस सन्दर्भ पर विचार विमर्श क़ोई क्यूँ नहीं करना चाहता हैं <br /><br /><br />साहित्य में बहुत कुछ पढ़ा जा चुका हैं उसको नज़र में रख कर अपना ब्लॉग लेखन कभी नहीं करती हूँ क्युकी मेरे पाठक केवल हिंदी साहित्य और हिंदी बेक ग्राउंड से नहीं आते हैं<br />उनमे ज्यादा यहाँ इस लिये आते हैं क्युकी यहाँ आम भाषा में बात होती हैं और उनको हिंदी इंग्लिश दोनों में सुविधा हैं अपनी बात कहने की<br />और हाँ मै बुद्धिजीवी तो कतई हू ही नहीं<br />आप रेगुलर पाठक हैं इस लिये सादर निवेदन हैं की मुद्दे पर कुछ तो कहियेरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-62986920921904872622011-09-19T17:49:08.664+05:302011-09-19T17:49:08.664+05:30विवाह लायसेंस है स्त्री के लिए पराधीनता का। स्त्री...विवाह लायसेंस है स्त्री के लिए पराधीनता का। स्त्री की स्वतंत्रता को बाधित करने का। यशपाल का उपन्यास दिव्या पढ़ कर देखिए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-59194991939749992712011-09-19T14:51:27.949+05:302011-09-19T14:51:27.949+05:30@रविकर जी
नैतिक - यदि हम अपने स्वार्थ साधन के लिए...@रविकर जी <br />नैतिक - यदि हम अपने स्वार्थ साधन के लिए दूसरे का "वाजिब ह्यूमन राईट " अनदेखा नहीं कर रहे हैं, दूसरे का हक नहीं मार रहे, दूसरे को un-deserved punishment परोक्ष या अपरोक्ष नहीं दे रहे | <br /><br />अनैतिक -<br />दूसरे के हक मार कर / दुःख पहुंचा कर / नुक्सान कर के स्वयं की खुशियाँ समेटना (उदाहरण - दुर्योधन का हस्तिनापुर पर कब्ज़ा, पति द्वारा पत्नी की पिटाई, पत्नी का (सामाजिक दिखावे के लिए भर पति के पास रहते हुए और सारी "सुहागन" सुविधायें भोगते हुए ) हर सहेली से हर मुलाकात में उसी पति की बुराइयां करना, बलात्कार, लूट, चोरी, किसी का अपमान कर के खुद को ऊंचा साबित करने का प्रयास आदि, ) ...<br />या<br />जो ऐसा कर रहा हो उसे सपोर्ट करना (उदाहरण - ध्रुत्राश्त्र का दुर्योधन को मूक समर्थन )Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-48525212131646430072011-09-19T14:50:00.439+05:302011-09-19T14:50:00.439+05:30This comment has been removed by the author.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5725786189329623646.post-58187036078012877672011-09-19T14:12:19.758+05:302011-09-19T14:12:19.758+05:30नैतिक और अनैतिक क्या , क्या इसकी पहचान है ??
इस पर...नैतिक और अनैतिक क्या , क्या इसकी पहचान है ??<br />इस पर भी थोडा लिख डालें, पब्लिक है अनजान है ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com